कुछ राशियों को शनि की साढ़े साती, ढैय्या और कंटक शनि की पनौती से मिलेगा छुटकारा 

शनि 29 मार्च को कुंभ से गुरु की राशि मीन में करेंगे प्रवेश 

कुछ राशियों को शनि की साढ़े साती, ढैय्या और कंटक शनि की पनौती से मिलेगा छुटकारा 

शनि के मीन राशि में गोचर होने से कुछ राशियों को लाभ तो कुछ की परेशानियों में इजाफा देखने को मिलेगा। 

जयपुर। न्याय के देवता शनि 29 मार्च को अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ से निकलकर देवगुरु बृहस्पति की राशि मीन में प्रवेश करेंगे। शनि के मीन राशि में गोचर करने से कुछ राशि वालों पर शनि की साढ़े साती, ढैय्या और कंटक शनि की पनौती से छुटकारा मिल जाएगा जबकि कुछ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू हो जाएगी। सभी नौ ग्रहों में न्यायाधिपति और कर्मफ लदाता शनि को सबसे प्रभावशाली ग्रह माना जाता है। शनि सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह हैं। यह किसी एक राशि में करीब ढाई वर्षों तक रहते हैं। शनि 29 मार्च को अपनी स्वराशि और मूल त्रिकोण राशि कुंभ की यात्रा को पूरा करते हुए गुरु की राशि मीन में प्रवेश करेंगे। 

शनि के राशि परिवर्तन करने से कुछ राशि वालों पर सकारात्मक वहीं कुछ पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा। साल 2025 में शनि, गुरु और राहु-केतु जैसे प्रमुख और बड़े ग्रहों का राशि परिवर्तन होने जा रहा है। इनमें से सबसे पहले न्यायप्रिय और कर्मफ लदाता शनि का गोचर होगा। ज्योतिष में शनि को सबसे प्रभावशाली ग्रह माना जाता है। शनि को राशि चक्र का पूरा चक्कर लगाने में 30 वर्ष का समय लगता है। शनि की धीमी चाल और एक ही राशि में करीब ढाई सालों तक रहने के कारण इनका प्रभाव जिन-जिन राशियों पर पड़ता है काफ ी देर तक रहता है। शनि जब-जब राशि परिवर्तन करते या फि र चाल में बदलाव करते हैं तो इसका प्रभाव सभी 12 राशियों के जातकों पर किसी न किसी रूप में अवश्य ही पड़ता है। 

ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि दरअसल अभी शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि और स्वराशि कुंभ में विराजमान हैं और आने वाले दिनों में 29 मार्च को मीन राशि में प्रवेश करेंगे। मीन राशि पर गुरु का स्वामित्व है। शनि मीन राशि में 3 जून 2027 तक रहेंगे, फि र मेष राशि की अपनी यात्रा को प्रारंभ करेंगे। शनि के मीन राशि में गोचर होने से कुछ राशियों को लाभ तो कुछ की परेशानियों में इजाफा देखने को मिलेगा। 

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