केन्द्रीय सब्सिडी के लिए राज्य सरकार देगी 17 हजार रुपए की सहायता, हर महीने 150 यूनिट फ्री बिजली योजना की गाइडलाइन जारी
पहले फ्री बिजली योजना लाभार्थियों के लगेंगे सोलर पैनल
सामूहिक सौर संयंत्रों की स्थापना का काम राज्य सरकार या डिस्कॉम्स हाईब्रिड एनयूटी मॉडल पर यूटिलिटी लेड एग्रीगेशन के माध्यम से करेगी।
जयपुर। मुख्यमंत्री नि:शुल्क बिजली योजना के लाभार्थियों को पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को लीवरेज करते हुए रूफ टॉप सोलर पैनल लगाकर 150 यूनिट प्रतिमाह नि:शुल्क बिजली उपलब्ध कराने की गाइडलाइन ऊर्जा विभाग ने जारी कर दी हैं। गाइडलाइन अनुसार मुख्यमंत्री नि:शुल्क बिजली योजना के अन्तर्गत वर्तमान में लगभग एक करोड़ चार लाख परिवारों को प्रतिमाह 100 यूनिट नि:शुल्क बिजली का लाभ दिया जा रहा हैं। अब 150 यूनिट नि:शुल्क योजना का उद्देश्य लाभार्थी परिवारों को सस्ती एवं सुलभ सौर ऊर्जा से जोड़कर और अधिक लाभ देना हैं। इसके लिए प्रतिमाह 150 यूनिट से कम उपभोग करने वाले मुख्यमंत्री नि:शुल्क बिजली योजना के लाभार्थी लगभग 77 लाख विद्युत उपभोक्ताओं को चरणबद्ध रूप से सामुदायिक सोलर संयंत्र लगाकर 150 यूनिट तक प्रतिमाह नि:शुल्क बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। 150 यूनिट से अधिक बिजली खर्च वाले शेष लाभार्थी लगभग 27 लाख परिवारों को चरणबद्ध रूप से घर की छत पर सोलर संयंत्र लगाकर 150 यूनिट नि:शुल्क बिजली का लाभ दिया जाएगा। इस योजना में लाभार्थी उपभोक्ताओं के लिए 1.1 किलोवाट क्षमता का सोलर संयंत्र लगाने में पीएम सूर्यघर योजना में देय सब्सिडी को शामिल करते हुए सोलर रूफ टॉप पर आने वाली अतिरिक्त लागत को राज्य सरकार वहन करेगी।
व्यक्तिगत रूफ टॉप सोलर संयंत्र की स्थापना का मॉडल
इस योजना में 150 यूनिट से अधिक मासिक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं (गत वित्तीय वर्ष के वास्तविक उपभोग के आधार पर) के घरों की छतों पर रूफ टॉप सोलर संयंत्र लगाए जाएंगे। राज्य सरकार डिस्कॉम्स के माध्यम से उपभोक्ताओं की छतों पर 1.1 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल निशुल्क लगाकर 150 यूनिट तक निशुल्क बिजली उपलब्ध कराएगी। लगभग 27 लाख घरों में रूफ टॉप सौर संयंत्रों की स्थापना के माध्यम से बिजली उत्पादन क्षमता लगभग तीन हजार मेगावाट होगी। इस मॉडल में प्रति रूफ टॉप सोलर संयंत्र की अनुमानित लागत (मीटरिंग लागत को छोड़कर) 50 हजार रुपए है, जिसमें 33 हजार रुपए प्रति संयंत्र की केन्द्रीय वित्तीय सहायता शामिल है। शेष 17 हजार रुपए की अधिकतम वित्तीय सहायता राज्य सरकार वहन करेगी। डिस्कॉम्स इन सभी उपभोक्ताओं के संयंत्रों पर स्मार्ट मीटर लगाएगी, जिसके लिए उपभोक्ताओं को प्रति माह 75 रुपए देने होंगे। यदि पंजीकृत उपभोक्ता अधिक क्षमता का रूफ टॉप सोलर पैनल लगाना चाहते हैं तो उन्हें अनुमति होगी, लेकिन सरकारी सहायता का दायरा नहीं बढ़ेगा। गत वित्तीय वर्ष के वास्तविक उपभोग के आधार पर 150 यूनिट से अधिक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को मौजूदा मुख्यमंत्री नि:शुल्क बिजली योजना का लाभ तभी मिलेगा, जब वे अपने घर की छत पर सोलर संयत्र लगाएंगे। राज्य सरकार मुख्यमंत्री नि:शुल्क बिजली योजना के अन्तर्गत वर्तमान टैरिफ सब्सिडी रूफ टॉप सोलर संयंत्रों की स्थापना तक वहन करेगी। आगामी तीन वर्षों तक राज्य सरकार डिस्कॉम्स को इन रूफ टॉप सोलर संयंत्र की लागत का वार्षिक भुगतान करेगी।
सामूहिक सोलर संयंत्र की स्थापना का मॉडल
इसके अन्तर्गत गत वित्तीय वर्ष के वास्तविक उपभोग के आधार पर 150 यूनिट प्रति माह तक उपभोग करने वाले ऐसे उपभोक्ता, जो अपने घर में पर्याप्त स्थान की कमी के कारण पीएम सूर्यघर योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं, उनके लिए डिस्कॉम्स के माध्यम से सामूहिक सोलर प्लांट स्थापित किए जाएंगे। ऐसे करीब 77 लाख़ उपभोक्ताओं के लिए निकटतम 33/11 केवी जीएसएस, स्टोर अथवा अन्य स्थानों पर सोलर क्षमता स्थापित की जाएगी। लगभग 5500 उपभोक्ताओं पर 2 एमडब्ल्यूएच बैटरी भण्डारण क्षमता सहित एक मेगावाट तक के सोलर प्लांट लगाकर प्रत्येक उपभोक्ता को 1.1 किलोवाट क्षमता के अनुसार खपत की गई 150 यूनिट तक बिजली मुफ्त दी जाएगी। इसके अन्दर एक मेगावाट सोलर संयंत्र की स्थापना की लागत लगभग 6.25 करोड़ रूपए अनुमानित है, जिसमें बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम की लागत भी शामिल है। सामूहिक सौर संयंत्रों की स्थापना का काम राज्य सरकार या डिस्कॉम्स हाईब्रिड एनयूटी मॉडल पर यूटिलिटी लेड एग्रीगेशन के माध्यम से करेगी।
अपंजीकृत उपभोक्ताओं के लिए पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के माध्यम से
यह मॉडल उन सभी उपभोक्ताओं पर लागू होगा जो मुख्यमंत्री नि:शुल्क बिजली योजना का लाभ नहीं उठा रहे हैं। ऐसे उपभोक्ता पीएम सूर्यघर योजना में रजिस्ट्रशन करवा कर केन्द्रीय वित्तीय सहायता का लाभ उठा सकते हैं और अपने घर की छत पर रूफ टॉप सोलर संयंत्र लगा सकते हैं। ऐसे उपभोक्ताओं को ग्रिड में दी जा रही सौर ऊर्जा पर वर्तमान दर से फीड इन टैरिफ के अतिरिक्त एक नि:शुल्क इन्डक्शन कुक टॉप तथा प्रति माह 15 पैसे प्रति यूनिट की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
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