जल संरचनाओं में गुणवत्ता सर्वोपरि, कार्यों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएं : सुरेश सिंह रावत
आईएस कोड की सख्ती से पालना सुनिश्चित की जाए
जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने कहा है कि जीवनदायिनी जल संरचनाओं के निर्माण में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा
जयपुर। जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने कहा है कि जीवनदायिनी जल संरचनाओं के निर्माण में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। कार्यों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाए और भारतीय मानक (आईएस) कोड की सख्ती से पालना सुनिश्चित की जाए। वे सोमवार को राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में भारतीय मानक ब्यूरो और जल संसाधन विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर संबोधित कर रहे थे।
रावत ने कहा कि जल संसाधन विभाग पर जल जैसे अमूल्य प्राकृतिक संसाधन के संरक्षण, प्रबंधन और उपयोग की बड़ी जिम्मेदारी है। विभाग द्वारा विभिन्न स्तरों पर जल संरचनाओं का निर्माण किया जाता है, जिनकी मजबूती, स्थायित्व और पर्यावरण अनुकूलता सुनिश्चित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें आधारभूत संरचनाओं में निवेश बढ़ा रही हैं, ऐसे में गुणवत्तापूर्ण कार्य हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में 'विरासत भी-विकास भी' के संकल्प के साथ जल परियोजनाएं आगे बढ़ रही हैं। कार्य समयबद्ध और उच्च गुणवत्ता से पूरे किए जाएं, यही सरकार की मंशा है।
मुख्य अभियंता भुवन भास्कर ने कहा कि जल संसाधन से जुड़े कार्यों में गुणवत्ता मानकों की समझ और क्रियान्वयन विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारतीय मानक ब्यूरो के संयुक्त निदेशक रमन कुमार त्रिवेदी ने कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यशाला में जल संरचनाओं, पाइपलाइन नेटवर्क और जल संरक्षण से जुड़े तकनीकी मानकों पर विशेषज्ञों ने अभियंताओं को मार्गदर्शन दिया।

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