बारिश का ताज पहन निकली तीज की सवारी, कलाकारों ने लोक कलाओं का प्रदर्शन कर लोगों को किया रोमांचित
आयोजन देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना
गुलाबी नगरी में बूढ़ी तीज माता की सवारी सिटी पैलेस स्थित जनाना ड्योढ़ी से पूजा-अर्चना के बाद बारिश के बीच निकली।
जयपुर। गुलाबी नगरी में बूढ़ी तीज माता की सवारी सिटी पैलेस स्थित जनाना ड्योढ़ी से पूजा-अर्चना के बाद बारिश के बीच निकली। बारिश के कारण माता की सवारी को प्लास्टिक से कवर करके निकाला गया। सवारी में कलाकारों ने एक से लोक कलाओं का प्रदर्शन कर लोगों को रोमांचित कर दिया।
पचरंगा झंडा हाथ में लिए गामा पहलवान हाथी पर सवार होकर निकले। इनके पीछे बैलों से बंधी तोपगाड़ी और ऊंट पर हथियारबंद सुरक्षाकर्मी मौजूद रहे। बूढ़ी तीज की सवारी सादगी और परंपरा का प्रतीक मानी जाती है। बूढ़ी तीज का विशेष महत्व विवाहित महिलाओं के लिए होता है, जो अपने सुहाग की लंबी उम्र और सौभाग्य की कामना से व्रत रखती हैं। इस दो दिवसीय आयोजन में राजस्थानी लोक जीवन, रीति-रिवाज और कलाओं का अनूठा संगम देखने को मिला।
आयोजन देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना :
कालबेलिया, घूमर, कच्छी घोड़ी, शहनाई-नगाड़ा जैसे पारंपरिक आयोजन न सिर्फ देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने, बल्कि शहरवासियों ने भी इनसे अपने सांस्कृतिक जुड़ाव को महसूस किया।
आयोजन का लाइव प्रसारण जयपुर शहर में जगह-जगह लगाई गई बड़ी स्क्रीन पर होता, लेकिन बारिश ने मामला बिगाड़ दिया। तेज बारिश के बीच बूढ़ी तीज माता की सवारी सिटी पैलेस के त्रिपोलिया गेट से निकलकर पौंड्रिक उद्यान के लिए रवाना हुई। पुलिस बैंड ने त्रिपोलिया गेट पर परफोर्म किया।

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