विद्याधर नगर में सीवरेज और गंदे पानी से जनता बेहाल : कांग्रेस नेता महेन्द्र सिंह खेड़ी बोले- दिया कुमारी जिम्मेदारी से भाग रहीं
हम विपक्ष में हैं, लेकिन जनता की आवाज़ हैं
प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव महेंद्र सिंह खेड़ी ने विद्याधर नगर विधानसभा में मानसून के दौरान सड़कों और पानी से रुकावट की समस्या पर भाजपा सरकार और स्थानीय विधायक व डिप्टी सीएम दिया कुमारी पर हमला बोला है
जयपुर। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव महेंद्र सिंह खेड़ी ने विद्याधर नगर विधानसभा में मानसून के दौरान सड़कों और पानी से रुकावट की समस्या पर भाजपा सरकार और स्थानीय विधायक व डिप्टी सीएम दिया कुमारी पर हमला बोला है। मंत्री का एक वीडियो साझा करते हुए खेड़ी ने बयान दिया है कि जब मंत्री ही कहे कि मैं आपके कामों के लिए शिकायत करूंगी तो फिर जनता किससे उम्मीद करे? उपमुख्यमंत्री और विद्याधर नगर क्षेत्र की विधायक दिया कुमारी का हालिया बयान सरकार की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने जैसा प्रतीत होता है। उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा है कि मैं आपके कामों को करवाने के लिए जहां तक जाना पड़े, वहां तक शिकायत करूंगी।
अब सोचने वाली बात यह है कि यह कथन एक मंत्री का है जो न केवल सरकार का हिस्सा हैं, बल्कि नीति निर्धारण, क्रियान्वयन और जवाबदेही की संवैधानिक जिम्मेदारी भी जिन पर है। जिनके पास प्रशासनिक तंत्र, बजट, अधिकार और संसाधनों की पूरी पहुँच है। वही मंत्री कहें ऐसा कहे तो आम नागरिक किसके पास जाएगा। इस पर कुछ अहम सवाल उठते हैं कि क्या अब सरकार में बैठा मंत्री भी अपनी ही सरकार के खिलाफ आवेदन देगा? क्या अब जनता अपनी समस्या लेकर मंत्री के बजाय किसी और दरवाजे पर जाएगी? जब मंत्री शिकायतकर्ता बन जाए, तो समाधानकर्ता कौन रहेगा? क्या यह सरकार पूरी तरह जवाबदेही से मुक्त हो चुकी है? विद्याधर नगर की जनता यह जानना चाहती है कि दिया कुमारी क्या अपने अधिकारों से अनभिज्ञ हैं, या फिर जवाबदेही से बचना चाहती हैं? हमने हाल ही में ढेर के बालाजी, सीकर रोड क्षेत्र का दौरा किया। वहां व्यापारियों से मुलाकात की। पिछले 10 दिनों से सीवेज लाइन टूटी हुई है, गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है। हालात इतने बदतर हैं कि सीवेज का पानी कई स्थानों पर पीने की जल-लाइन में मिल गया है। बदबू के चलते रहवासी और व्यापारी बेहद परेशान हैं। जब स्थानीय व्यापारी ने यह बात मंत्री को बताई, तो उन्होंने यह कहकर टाल दिया कि यह तो बरसात का पानी है। मंत्री को चाहिए था कि वे स्वयं उस स्थान पर जाकर निरीक्षण करतीं या अपने अधिकारियों को भेजतीं। लेकिन दुर्भाग्यवश, उन्होंने इस गंभीर समस्या को नजरअंदाज़ कर दिया। यह स्पष्ट रूप से कर्तव्य से पलायन है। इस मुद्दे को हमने संबंधित उच्चाधिकारियों तक पहुँचाया और उनसे जवाबदेही तय करने की मांग की। आज विद्याधर नगर की जनता यह सीधा सवाल पूछ रही है कि क्या मंत्री सिर्फ पद का उपभोग करेगा या जनता के प्रति अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करेगा? हम विपक्ष में हैं, लेकिन जनता की आवाज़ हैं। हम हर जनहित मुद्दे को प्रमुखता से उठाएंगे और सरकार तथा प्रशासन से जवाबदेही तय करवा कर ही दम लेंगे।

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