प्रदेश में ग्राम सेवा सहकारी समितियों के गठन की प्रक्रिया होगी ऑनलाइन : प्रक्रिया बनेगी अधिक पारदर्शिता, दक ने कहा- इस पहल से समितियों के गठन की गति होगी तेज
ऑनलाइन व्यवस्था से लक्ष्यों की समयबद्ध पूर्ति सुनिश्चित होगी
दक ने बताया कि अब तक पैक्स गठन के लिए निरीक्षकों को लक्ष्य दिए जाने, क्षेत्रीय सर्वे कर व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार करने और प्रस्ताव भेजने जैसी कार्रवाईयां मैनुअल रूप से होती थीं।
जयपुर। राज्य सरकार ने सहकारिता क्षेत्र में एक और अहम कदम उठाते हुए ग्राम सेवा सहकारी समितियों (पैक्स) के गठन की प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया है। सहकारिता मंत्री गौतम कुमार दक ने जानकारी देते हुए बताया कि अब निरीक्षकों को लक्ष्य प्रदान करने से लेकर समितियों के गठन की स्वीकृति जारी करने तक की समस्त कार्रवाई ऑनलाइन होगी। इस पहल से नई समितियों के गठन की गति तेज होगी और प्रक्रिया अधिक पारदर्शी बनेगी।
दक ने बताया कि अब तक पैक्स गठन के लिए निरीक्षकों को लक्ष्य दिए जाने, क्षेत्रीय सर्वे कर व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार करने और प्रस्ताव भेजने जैसी कार्रवाईयां मैनुअल रूप से होती थीं। इसके कारण कई बार समितियों के गठन में देरी हो जाती थी। लेकिन नई ऑनलाइन व्यवस्था शुरू होने से यह पूरा काम त्वरित और पारदर्शी तरीके से संपन्न होगा।
उन्होंने बताया कि सहकारिता विभाग ने सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के सहयोग से जीएसएस मॉड्यूल विकसित किया है, जिसे ‘राज सहकार पोर्टल’ पर लागू किया गया है। अधिकारियों और निरीक्षकों की सुविधा के लिए यूजर मैनुअल भी उपलब्ध कराया गया है। राज्य में 2 से 15 अक्टूबर तक सहकार सदस्यता अभियान चल रहा है। इस दौरान पैक्सविहीन ग्राम पंचायतों में नई समितियों का गठन प्रमुख गतिविधियों में शामिल है। ऑनलाइन व्यवस्था से लक्ष्यों की समयबद्ध पूर्ति सुनिश्चित होगी।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि विभाग से जुड़े अधिकांश कार्य चरणबद्ध रूप से ऑनलाइन किए जा रहे हैं। हाल ही में समितियों की सदस्यता ग्रहण करने के लिए भी ऑनलाइन प्रणाली लागू की गई है। कोई भी 18 वर्ष या उससे अधिक आयु का व्यक्ति, जो समिति क्षेत्र का निवासी है, एसएसओ आईडी के माध्यम से आवेदन कर सदस्य बन सकता है। यह कदम सहकारिता क्षेत्र में कार्यकुशलता बढ़ाने और आमजन को त्वरित सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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