नए आयकर विधेयक का उद्देश्य कर दरों में परिवर्तन नहीं बल्कि सरलता और स्पष्टता लाना है : राघव कुमार बजाज
सीआईआई राजस्थान ‘लॉज इम्पैक्टिंग बिजनेस’ विषय पर सेशन
यह बात खेतान एंड कंपनी, मुंबई के वकील एवं प्रत्यक्ष कर विशेषज्ञ राघव कुमार बजाज ने सीआईआई राजस्थान के सेशन ऑन लॉज इम्पैक्टिंग बिजनेस के दौरान कही।
जयपुर। वर्तमान भारतीय आयकर अधिनियम 1961 को लागू हुए छह दशक से अधिक हो चुके हैं और अब इसे संशोधित कर नए रूप में लागू करने की योजना बनाई जा रही है। इसी क्रम में प्रस्तावित नया आयकर विधेयक 2025 कर संरचना में कोई मूलभूत परिवर्तन नहीं करता है, बल्कि इसका उद्देश्य मौजूदा प्रावधानों को सरल बनाना और उनकी पठनीयता में सुधार लाना है। यह बात खेतान एंड कंपनी, मुंबई के वकील एवं प्रत्यक्ष कर विशेषज्ञ राघव कुमार बजाज ने सीआईआई राजस्थान के सेशन ऑन लॉज इम्पैक्टिंग बिजनेस के दौरान कही। उन्होंने स्पष्ट किया कि नया विधेयक कर दरों में कोई बदलाव नहीं लाता है।
सीआईआई राजस्थान की पहल
सीआईआई.राजस्थान के सीनियर डायरेक्टर और स्टेट हैड नितिन गुप्ता ने कहा कि सीआईआई राजस्थान सदस्यों को नीतिगत अद्यतनों की समझ प्रदान करने और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए ऐसे सेशनों का आयोजन करता रहेगा।
एमएसएमई और नीति पर फोकस
सीआईआई पैनल ऑन एमएसएमई एंड पॉलिसी एडवोकेसी के कन्वीनर नमित अग्रवाल ने बताया कि हम लॉज इम्पैक्टिंग बिजनेस श्रृंखला के अंतर्गत और भी सेशन्स आयोजित करेंगे, ताकि उद्योग से जुड़े सभी वर्गों को कानूनी बदलावों की जानकारी दी जा सके।
श्रम संहिता कार्यान्वयन चुनौतीपूर्ण विषय
खेतान एंड कंपनी, मुंबई के पार्टनर एवं रोजगार एवं श्रम कानून विशेषज्ञ दीपक कुमार ने बताया कि प्रस्तावित नई श्रम संहिताएं पुराने खंडित श्रम कानून ढांचे को सरल और आधुनिक बनाने के उद्देश्य से लाई गई थीं। उद्योग जगत नई व्यवस्था के अनुरूप अपनी नीतियों और प्रक्रियाओं का निरंतर मूल्यांकन कर रहा है।

Comment List