बारिश के मौसम में संक्रमण जनित बीमारियों का खतरा, थड़ी-ठेलों पर खुले में रखा फास्ट फूड का जायका, सेहत पर पड़ रहा भारी
वायरल इंफेक्शन, डायरिया और फूड प्वाइजनिंग के मामले बढ़े
बच्चे, महिलाएं और खासकर युवाओं में थड़ी ठेलों पर फास्ट फूड खाने से संक्रमण का शिकार हो रहे है। अकेले एसएमएस अस्पताल की ओपीडी इन दिनों 10 हजार मरीज प्रतिदिन को पार कर गई है।
जयपुर। प्रदेश में इन दिनों मौसम का मिजाज काफी बदल गया है। कभी बारिश हो रही है तो कभी उमस भरी गर्मी पड़ रही है। ऐसे में सर्द-गर्म का मौसम बना हुआ है। मौसम की वजह से लोग इन दिनों बीमार भी ज्यादा हो रहे हैं। बारिश के सीजन में इन दिनों इंफेक्शन से जुड़ी बीमारियां ज्यादा होती है जिनमें ज्यादातर पेट से जुड़ी बीमारियां होती हैं।
इसके चलते वायरल इंफेक्शन, डायरिया, फूड प्वाइजनिंग सहित सर्दी-जुकाम और बुखार जैसी बीमारियों से दो चार होना पड़ रहा है। बच्चे, महिलाएं और खासकर युवाओं में थड़ी ठेलों पर फास्ट फूड खाने से संक्रमण का शिकार हो रहे है। अकेले एसएमएस अस्पताल की ओपीडी इन दिनों 10 हजार मरीज प्रतिदिन को पार कर गई है। मेडिसिन की ओपीडी में कुल मरीजों की संख्या के करीब 30 प्रतिशत मरीज सिर्फ मौसमी बीमारियों से पीड़ित होकर आ रहे हैं। बच्चों में फूड डायरिया और वायरल इंफेक्शन के मामले इन दिनों ज्यादा देखे जा रहे हैं।
इन बीमारियों के फैलने का खतरा
बारिश के मौसम में खाने-पीने की चीजों के दूषित होने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसे में इन दिनों दूषित खान-पान से कई तहर की बीमारियां फैलने का खतरा रहता है। इसमें अमूमन फूड प्वाइजनिंग, वायरल इंफेक्शन, हैजा, हेपेटाइटिस, पेट से जुड़ी बीमारियां, डायरिया आदि प्रमुख हैं।
बदलते मौसम में बचाव ही सबसे बेहतर इलाज है। कभी गर्मी तो कभी बारिश होने से इन दिनों मौसमी बीमारियां बढ़ गई हैं। ऐसे में खाने पीने का विशेष ध्यान रखें। दूषित खान-पान सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। ऐसे में बाजार में खुले में बिकने वाले खान-पान से बचें। फ्रिज का ज्यादा ठंडा पानी नहीं पिएं। अच्छी तरह से हाईड्रेट रहें। पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, छाछ, केरी का पानी, इलेक्ट्राल पानी का सेवन करें। -डॉ. पुनीत सक्सैना,
सीनियर प्रोफेसर मेडिसिन, एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर।
इस मौसम में संक्रमण से जुड़ी बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे में विशेषतौर पर पानी उबालकर पीएं, तला-भुना, मसाले वाला, खट्टा भोजन आदि करने से बचे। हल्का पौष्टिक आहार जैसे दलिया, खिचड़ी, फल, दूध, सब्जियां आदि ले। सूर्योदय से पहले उठकर क्षमता अनुसार हल्का व्यायाम करें। आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह पर अश्वगंधा, गिलोय आदि उबले जल के संग ले।
-डॉ. पुनीत चतुर्वेदी,
सहायक प्रोफेसर, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर

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