राजस्थान विवि : विभागीय पुस्तकालयों की स्थिति बदहाल, धूल फांक रहीं किताबें
न ही किसी प्रकार की नियमित व्यवस्था है
राजस्थान विश्वविद्यालय के कई विभागों में पुस्तकालय सुविधाएं महज नाम की रह गई हैं। पुस्तकालय भवन तो हैं, पर उनमें न तो पुस्तकालयाध्यक्ष हैं।
जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय शिक्षा और शोध के क्षेत्र में प्रदेश की प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक है। विश्वविद्यालय के अधिकांश विभागीय पुस्तकालय इन दिनों बदहाल स्थिति में हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन विद्यार्थियों से नियमित रूप से पुस्तकालय शुल्क तो ले रही है, लेकिन विडंबना यह है कि कई विभागों में पुस्तकालय लंबे समय से बंद पड़े हैं। कई विभागीय पुस्तकालयों के ताले नहीं खुले और पुस्तकें धूल फांक रही हैं।
राजस्थान विश्वविद्यालय के कई विभागों में पुस्तकालय सुविधाएं महज नाम की रह गई हैं। पुस्तकालय भवन तो हैं, पर उनमें न तो पुस्तकालयाध्यक्ष हैं, न सहायक स्टाफ और न ही किसी प्रकार की नियमित व्यवस्था है। पुस्तकालय बंद पड़े होने का मुख्य कारण है पुस्तकालयों में स्टाफ की कमी। कई विभाग ने एजेंसी के माध्यम से आदमी लगा रखा है लेकिन पूर्णकालिक व्यवस्था नहीं होने के कारण पुस्तकालय पूरी तरह से संचालित नहीं हो पाती है। कई विभागों के विभागाध्यक्ष ने बताया कि स्टाफ की कमी के कारण पुस्तकालय पूरी तरह से संचालित नहीं हो पा रही है। अगर स्टाफ की उपलब्धता हो जाएं तो पुस्तकालय पूरी तरह से खुल पाएगी। पुस्तकालय बंद होने के कारण विद्यार्थियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है। जहां उन्हें अपने विभागीय पुस्तकालयों में सहजता से पाठ्य और संदर्भ सामग्री मिलनी चाहिए, वहां वे जानकारी और अध्ययन सामग्री के लिए केंद्रीय पुस्तकालय (सेंट्रल लाइब्रेरी) की ओर रुख करने को मजबूर हैं। यह स्थिति केवल शैक्षणिक व्यवस्था की गुणवत्ता को ही प्रभावित नहीं कर रही, बल्कि विद्यार्थियों के अध्ययन और शोध कार्य में भी बाधा बन रही है।
नवाचार: यहां शोधार्थियों ने किया संचालन
पुस्तकालय की समस्या से निपटने के लिए म्यूजियोलॉजी विभाग ने नवाचार किया है। विभाग के 35 शोधार्थी मिलकर पुस्तकालय का ध्यान रखते हैं। शोधार्थियों की मदद से पुस्तकालय का संचालन किया जा रहा है।
हमारे विभाग का पुस्तकालय कई सालों से बंद पड़ा हुआ है। हमें बेसिक किताब लेने के लिए भी सेंट्रल लाइब्रेरी जाना पड़ता है। अगर विभाग की लाइब्रेरी खुल जाती है तो विद्यार्थियों को काफी सुविधा मिलेगी।
-गीता चौधरी, छात्रा, राजस्थान विवि

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