डिजिटल अरेस्ट कर 23.56 लाख ठगने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार : परिवादी के मोबाइल नंबर का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग में होने और गैरजमानती वारंट जारी होने का दिखाया डर
दिल्ली से सोनीपत तक फैले तार
आरोपी जयपुर के एक होटल में रुके थे और होटल के वाई-फाई का उपयोग कर नेट बैंकिंग के माध्यम से ठगी की गई रकम को विभिन्न बैंक खातों में ऑनलाइन स्थानांतरित कर रहे थे।
जयपुर। साइबर क्राइम थाना पुलिस ने 23.56 लाख रुपए की डिजिटल अरेस्ट कर धोखाधड़ी करने के मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में पहले एक आरोपी गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस अधीक्षक शान्तनु कुमार ने बताया कि 27 मई को जयपुर निवासी परिवादी ने बताया कि 23 मई को उन्हें दो संदिग्ध मोबाइल नंबरों से कॉल आए। कॉल करने वालों ने खुद को मुंबई के कोलावा पुलिस स्टेशन से संजय कुमार बताया। उसने कहा कि परिवादी ने 2 जनवरी 2025 को मुंबई से खरीदे गए एक मोबाइल नंबर का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग और आपत्तिजनक मैसेज भेजने के लिए किया है। साथ ही कहा कि उनके खाते में 2.8 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग हुई है और उनके नाम पर एक गैर-जमानती वारंट भी जारी हो चुका है।
धोखाधड़ी को और पुख्ता बनाने के लिए ठगों ने परिवादी को सीबीआई के मुख्य जांच अधिकारी रोहित कुमार गुप्ता से बात करवाई, जिन्होंने भी उन्हीं बातों को दोहराया। इसके बाद परिवादी को एक आवेदन लिखने और यह विश्वास दिलाने के लिए मजबूर किया गया कि उनका आधार कार्ड कैनरा बैंक से जुड़ा है और उसका दुरुपयोग मनी लॉन्ड्रिंग में हुआ है। उनके खाते फ्रीज करने और गिरफ्तारी वारंट जारी करने के आदेश हो चुके हैं। ठगों ने व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए एक अदालत का दृश्य भी दिखाया, जिसमें एक न्यायाधीश संतोष कुमार भार्गव परिवादी के नाम के सभी खातों को जब्त करने और राशि जमा न करने पर तुरंत गिरफ्तारी का आदेश देते हुए दिखाई दे रहे थे। इस दबाव में आकर 26 मई को परिवादी ने अपने बैंक खाते से आरटीजीएस के माध्यम से आईसीआईसीआई बैंक, सेक्टर 11 रोहिणी नई दिल्ली में स्थित कृष्णा सर्जिकल के खाते में 23.56 लाख रुपए हस्तांतरित कर दिए।
दिल्ली से सोनीपत तक फैले तार
पुलिस जांच में सामने आया कि ठगी गई रकम का एक बड़ा हिस्सा कृष्णा सर्जिकल के खाते में गया था। पुलिस ने इस खाते के लाभार्थी सुरेश कुमार जाट उर्फ सुरेन्द्र निवासी रामसिंहपुरा झुंझुनूं को 30 मई को बागबन अपार्टमेंट शाहबाद डेयरी रोहिणी नई दिल्ली से गिरफ्तार किया।
सुरेश ने खुलासा किया कि ठगी की गई रकम करीब तीन करोड़ रुपए जिसमें अन्य मामलों की राशि भी शामिल है उसने अपने तीन साथियों ओमप्रकाश उर्फ नितेश (23) निवासी राजपुरा सूरतगढ़ श्रीगंगानगर, वंशुल उर्फ आर्यन उर्फ प्रवीण (19) निवासी जैतपुरा हमीरवास चूरू और भूपेश फगेड़िया (27) निवासी बिसाऊ झुंझुनूं के साथ मिलकर ठिकाने लगाया था।
होटल के वाईफाई से की ठगी
आरोपी जयपुर के एक होटल में रुके थे और होटल के वाई-फाई का उपयोग कर नेट बैंकिंग के माध्यम से ठगी की गई रकम को विभिन्न बैंक खातों में ऑनलाइन स्थानांतरित कर रहे थे। इन आरोपियों के खिलाफ हरियाणा के चंडीगढ़, सोनीपत, दिल्ली के रोहिणी, बिहार के पटना और कर्नाटक के बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में भी डिजिटल अरेस्ट धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं।

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