शहर के जंगलों में गिने वन्य जीव : आज सुबह 8 बजे होगी वन्यजीव गणना समाप्त
इन चुनौतीपूर्ण कार्य में हमें डर नहीं लगता
झालाना वन क्षेत्र में वन्यजीव गणना कर रही महिला वनकर्मी पूजा शर्मा और शिमला मीणा भी हर वन्यजीव की जानकारी नोट करती हुई देखी गईं।
जयपुर। वन विभाग की ओर से जयपुर के विभिन्न वन क्षेत्रों में बुधवार सुबह 8 बजे से वाटर होल पद्धति से वन्यजीव गणना शुरू हुई जो गुरुवार सुबह 8 बजे तक चलेगी। इस दौरान क्षेत्रीय वन अधिकारी जयपुर प्रादेशिक में करीब 24 पाइंट्स पर वाटर होल पद्धति से वन्यजीव गणना की गई। रेंजर जितेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि झालाना में 11, गलता में 6, सूरजपोल में 4, झोटवाड़ा में 1, गोनेर में 1 और मुहाना में 1 पाइंट बनाया गया। जहां वन्यजीव दिखाई देने पर उनकी जानकारी दर्ज की गई। झालाना में लेपर्ड राणा, नीलगाय सहित अन्य वन्यजीव दिखे तो वहीं दूसरी ओर आमागढ़ में वन्यजीव गणना के दौरान हायना दिखाई दिए। इस बीच नाहरगढ़ अभयारण्य में करीब 17 पाइंट्स पर वन्यजीव गणना की गई। रेंजर रघुवेन्द्र राठौड़ ने बताया कि नाहरगढ़ अभयारण्य स्थित सागर में मादा लेपर्ड के साथ शावक दिखाई दिया। इन सभी जगह महिला वनकर्मी और स्वयंसेवी संस्थाओं के वॉलिंटियर्स ने भी हिस्सा लिया।
पहली बार लिया हिस्सा
झालाना वन क्षेत्र के चूलगिरी वाटर पाइंट पर वन्यजीव गणना में शामिल रक्षा संस्थान की 23 वर्षीय वॉलिंटियर हिरल जगवानी ने पहली बार इसमें हिस्सा लिया। इस दौरान वे वन्यजीव दिखाई देने पर उनकी जानकारी कागज पर दर्ज करती हुई देखी गई। उन्होंने कहा कि मेरी वाइल्ड लाइफ में रूचि है। ऐसे में वन्यजीव गणना में हिस्सा लिया है।
झालाना वन क्षेत्र में वन्यजीव गणना कर रही महिला वनकर्मी पूजा शर्मा और शिमला मीणा भी हर वन्यजीव की जानकारी नोट करती हुई देखी गईं। उन्होंने कहा कि नौकरी में रहकर इतने मजबूत हो गए हैं कि अब इन चुनौतीपूर्ण कार्य में हमें डर नहीं लगता।
नाहरगढ़ वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के टी पाइंट बीड़ पापड़ पर भीषण गर्मी के बीच होप एण्ड बियोन्ड की वॉलिंटियर 25 वर्षीय भूमिका रिझवानी और 23 वर्षीय लिपिका साहू पूरी तरह से मुस्तैद दिखाई दीं। पहली बार इसमें हिस्सा ले रहीं भूमिका और लिपिका ने अनुभव साझा करते हुए बताया कि हमें इस कार्य में बिल्कुल भी डर नहीं लग रहा है। हमारी रूचि इसी क्षेत्र में है।

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