सूचना मिलते ही मौके पर तुरंत पहुंच जाते हैं : दस वर्ष से सांपों को पकड़ रहे हैं सर्प मित्र नीरज, अब नागों से दोस्ती हो गई
अब तक विभित्र प्रजातियों के 6 हजार से ज्यादा सांपों का कर चुके रेस्क्यू
नीरज प्रजापत ने बताया कि 10 साल से इसी कार्य को करते करते अब उनकी सांपों से ऐसी दोस्ती हो गई है कि वह चाहकर भी उनसे दूर नहीं रह सकते हैं।
नांगलशेरपुर। करौली जिले की ग्राम पंचायत बालघाट के बदलेटा निवासी नीरज प्रजापत 10 साल में अब तक विभित्र प्रजातियों के 6 हजार से ज्यादा सांपों का रेस्क्यू कर चुके हैं। हैरत की बात है कि रेस्क्यू किए जाने वाले सांपों में अधिकतर बेहद जहरीले सांप होते हैं। नीरज ने बताया कि उनके घर में 2015 में सांप निकलने पर सभी लोग भयभीत हो गए थे। उस समय किसी सपेरो को परिजनों ने पकड़ने के लिए बुलाया था। तभी उन्होंने सांप पकड़ने का मानस बना लिया और वे घरों में जाकर सांप पकड़कर इन्हें जंगल में छोड़ने के कार्य में जुट गए। इस कार्य के लिए पैसा नहीं लेते हैं। करौली जिले में किसी भी गांव से एक फोन पर वे तुरंत बाइक लेकर मौके रवाना हो जाते हैं। इस कार्य के लिए उन्हें जयपुर के रामबाग पैलेस में एक संस्था की ओर से सम्मानित भी किया जा चुका है।
सभी सांप जहरीले नहीं सिर्फ कोबरा
सर्प मित्र नीरज का कहना है कि सभी सांप जहरीले नहीं होते हैं. लेकिन अंधविश्वास और जागरूकता की कमी के चलते लोग उन्हें मार देते हैं। सांप किसी व्यक्ति को देखते ही छिपने का प्रयास करता है। स्वयं पर खतरा महसूस करने पर ही हमला करता है। क्षेत्र में काला नाग और कोबरा अधिक पाया जाता है। अधिकांश सांप चूहे के बिल में रहते हैं, भोजन की तलाश में ही निकलते हैं। कोबरा जहरीला होने के साथ गुस्सैल भी होता है। इसके काटने पर समय से इलाज नहीं मिले तो व्यक्ति की मौत तक हो जाती है। उन्होंने बताया कि अब तक अधिकांश कोबरा, रसेल, बाईपर कोमन, केरात,अजगर पकड़े हैं, जिन्हें जंगल में छोड़ देते हैं।
अब सांपों से दोस्ती हो गई
नीरज प्रजापत ने बताया कि 10 साल से इसी कार्य को करते करते अब उनकी सांपों से ऐसी दोस्ती हो गई है कि वह चाहकर भी उनसे दूर नहीं रह सकते हैं। इसी लगाव के चलते जहां से भी सूचना आती है, वहां सांपों का रेस्क्यू करने चले जाते हैं। अब आमजन में जागरूकता लाने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर भी अपना चैनल बना रखा है। उनका कहना है कि सांप के काटने पर किसी को भी झाड-फूंक के चक्कर में नहीं आकर तुरंत अस्पताल जाकर डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

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