या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

मां की आराधना का महापर्व नौ दिनी नवरात्र आज से शुरू हो रहे है। नवरात्र के आगमन को लेकर लोगों में उत्साह है। बाजार पूरी तरह खुल चुके है।

 कोटा। मां की आराधना का महापर्व नौ दिनी नवरात्र आज से शुरू हो रहे है। नवरात्र के आगमन को लेकर लोगों में उत्साह है। बाजार पूरी तरह खुल चुके है। पाबंदियां हट गईं, स्कूल भी खुल गए, बाजारों में चहल-पहल है ,पर सरकार ने त्योहारों को लेकर आगाह किया है। हालांकि शहर  में कोरोना संक्रमण के मामले नहीं के बराबर है।  लेकिन अभी भी सावधानी रखने की आवश्यकता है।  जरा सी लापरवाही से कहीं पहले जैसी स्थिति  नहीं बन जाए।  इसीलिए जरूरी है की कोविड गाइड लाइन का पालन सख्ती के साथ किया जाना चाहिए। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि  कोरोना अभी पूरी तरह गया नहीं है। ऐसे में सतर्क और सजग रहने की जरूरत है। मास्क लगाने,सोशल डिस्टेंसिंग रखने सहित सभी हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना किए जाने की आवश्यकता है। अभी भी कोविड प्रोटोकॉल की पालना को लेकर बहुत से लोग गंभीरता नहीं बरत रहे हैं। बिना मास्क लगाए घूम रहे है।  यह बीमारी कब क्या रूप ले लें इसे कोई नहीं जानता। इसलिए जरूरी है पूरी सावधानी रखें। फेस्टिवल का सीजन है, बाजार में भी खरीदारी के लिए भीड़  बढ़ रही है लेकिन इस दौरान सबसे अधिक सावधानी  की जरूरत है।कोरोना वायरस महामारी के दौरान अपनी सेहत की सुरक्षा करना ज्यादा महत्वपूर्ण है।

अगर हम आज सावधानी रखेंगे तो यही उमग और उत्साह का वातावरण आने वाले त्योहारों पर भी बरकरार रह सकेगा और सभी त्योहारों का आनंद ले सकेंगे।  कई देशों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले फिर से आने लगे हैं। वहां पर सब कुछ सामान्य हो रहा था लेकिन लापरवाही से वायरस को फैलने का मौका मिल गया। अगर सावधानी नहीं बरती गई और वायरस म्यूटेट कर गया तो यह सारी व्यवस्था को हिलाकर रख देगा। मास्क उतारने का अभी मौका नहीं आया है ,जितने हालात कंट्रोल में दिख रहे हैं, लापरवाही से हालात खराब हो सकते हैं।  शहर में  त्योहारों का मौसम शुरू हो गया है। ऐसे मौकों पर लोगों का साथ मिलकर त्योहार मनाना आम बात है, त्योहारों पर मास्क लगाकर, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ एक दूसरे से मिलकर त्यौहार मनाया जा सकता है। अगर लोग त्यौहारों के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं करेंगे, तो कही पहले जैसे हालात नहीं हो जाए इसलिए लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है । 

 
नवरात्र के साथ ही त्योहारों का सिलसिला शुरू हो जाता है दैनिक नवज्योति ने शहरवासियों से जाना की नवरात्रि पर  क्या सावधानी रखें कि  त्यौहार की रौनक और उमंग बनी रहे । 
 
 वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. एम एल अग्रवाल का कहना है कोरोना गाइडलाइन को पूरा फॉलो किया जाए। जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई वह वैक्सीन लगवा लें। वैक्सीन की सेकंड डोज जिनकी ड्यू हो गई है वह भी लगवा लें। मास्क बराबर लगाएं। हाथों को सैनेटाइज करें या साबुन का उपयोग करें। दो गज की दूरी रखें। घर में और बाहर फंक्शन में जहां भी मिलें दूरी को बनाए रखें। ध्यान रखें बीमारी अभी गई नहीं है। थर्ड वेव आ सकती है। हमें अभी से सबको प्रिकॉशन्स लेना है। कोरोना अभी गया नहीं है इस गलत फहमी से बाहर आ  जाना चाहिए। त्यौहार मनाना है तो पूरी सावधानी के साथ मनाएं। मंदिर या कहीं भी जाना हो डिस्टेंस रखकर जाए। देवी और भगवान की पूजा घर में भी आराम से हो सकती है। भगवान को जहां याद करें वहीं आ जाते हैं।
 
आद्यशक्ति क्षत्राणी वेलफेयर सोसायटी की संस्थापक व निदेशक  पीतांबरा राजे का कहना है कोरोना गाइडलाइन की सख्ती से पालना की जानी चाहिए। उसके साथ -साथ परिवार की हाइजीन का ध्यान रखना आवश्यक है। कोई हैल्थ इश्यू हो उसे इग्नोर नहीं करें तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। ज्यादा से ज्यादा भीड़ को एवॉइड करें। नवरात्र फंक्शन कोविड गाइडलाइन की पालना के साथ मनाया जाना चाहिए। फूड  हाइजनिंग का विशेष ध्यान रखा जाए। यह सीजन बीमारियों का है। बाहर का खाना खाने में विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। भीड़ में कहीं भी जाकर खा लेते है तो सेहत को नुकसान हो सकता है। हर साल नवरात्रि में बड़े स्तर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होता था। इस बार उस कार्यक्रम को 200 लोगों तक सीमिति कर दिया है। यह माता की आराधना में किया जाने वाला कार्यक्रम होता है। क्षत्रिय महिलाएं माता की आराधना में घूमर करती है। हम इसे कोविड गाइडलाइन के तहत ही करेगें।
 
अभिलाषा क्लब की अध्यक्ष प्रियंका गुप्ता का कहना है कोरोना कब तक जाएगा इस बारे में कनफर्म नहीं है। हमें इसके साथ रहने की आदत डाल लेनी चाहिए। हमें अपनी सावधानी, प्रोटोकॉल लेकर चलना चाहिए जिससे त्यौहार का आनंद भी उठा सके। और सुरक्षित भी रहे। सबसे जरूरी है वैक्सीनेट हो जाए। सरकार ने इतना अच्छा काम किया है। राजस्थान अब बहुत जल्द कोरोना मुक्त होने वाला है। प्रोटोकॉल,प्रिकॉशन्स, सेफ्टी रखें तो सारे त्यौहार मना सकते है।
 
स्प्रिंगडेल्स स्कूल नयागांव  के निदेशक संदीप अग्रवाल का कहना है कोविड के साथ बहुत सी मौसमी बीमारियां डेंगू, मलेरिया भी काफी फैल रहा है। ऐसे में गाइडलाइन की पूरी पालना करें। बहुत भीड़-भाड़ वाले इलाकों में नहीं जाए। अगर किसी को थोड़ा-सा भी खांसी-जुकाम या बुखार है ऐसे व्यक्ति से दूरी बनाकर रखें। अगर अभी जिन्होंने प्रिकॉशन्स कम रखी  तो आने वाले समय में बीमारियों की चपेट में आ सकते है। कम से कम आने वाले छह महीने तक पूरी सावधानी के साथ रहें।
 
कर्जा लेकर बना रहे मूर्तियां
जोधपुर से आये मूर्तिकार सूरज सिंह का कहना है इस बार भी  मूर्ति बनाने वाले कारीगरों का धंधा मंदा है। कोरोना प्रोटोकाल का ध्यान रखते हुए ही मूर्तिकारों ने 3 फीट तक की दुर्गा  प्रतिमाएं बनाई है ।  जिससे घर में लोग प्रतिमा स्थापित कर लें। शहर में 25 से 30 मूर्तिकार दुर्गा प्रतिमाएं बना रहे है। करीब 1500 से 2000 मूर्तियां बनाई जा रही है। मूर्तिकार जोधपुर से आये है।  झांकी के लिए दुर्गा प्रतिमा बनाई जाती थी लेकिन अब पंडाल नहीं सजेंगे इस कारण  बड़ी प्रतिमाएं नहीं बनाई गई। सभी प्रतिमाएं इको फ्रेंडली बनाई जा रही है, इनमे रंग भी वो भरे जारहे है जो पानी में घुल जाए। इससे पर्यावरण और जलीय जंतुओं और वनस्पतियो को भी नुक्सान नहीं हो।  केमिकल रंगो और पीओपी की प्रतिमा नहीं बनाई हैं । पिछले साल भी आकार में साढ़े तीन फुट की मूर्तियां बनाई गई। पांडालों में सजाने के लिए बड़ी मूर्तियों के आॅर्डर नहीं मिले। पिछले दो सालों से हालत खराब है उम्मीद नवरात्रि महोत्सव से थी लेकिन कोरोना ने सब की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। आर्थिक स्थिति इतनी बुरी हो गई है कि कर्जा लेकर दो सालों से मूर्तियां बना रहे है।  बचत  नहीं हो रही है।  खर्चा की खर्चा है। 101 रुपए से दो हजार रुपए तक की मूर्तियां  बिक्री के लिए है। एक मूर्ति बनाने में यदि सौ रुपये की  लागत  लग रही है तो मूर्ति डेढ़ सौ में बिकेगी सिर्फ पचास रुपए मजदूरी मिलेगी। वर्ष 2019-20  में  बड़ी मूर्तियां बनाई थी वह नहीं बिकी तबसे कर्जे में  ही चल रहे है।
 
 ज्योतिषाचार्य पं. अरुण श्रृंगी बता रहे है की इस नवरात्र पर अपनी राशि के अनुसार देवी की आराधना कैसे करें।
 
मेष  : स्कंदमाता और हनुमान जी की पूजा, दुर्गा चालीसा हनुमान बाहुक का पाठ करें।
वृषभ: महागौरी का पूजन, ललिता सहस्त्र नामावली के पाठ करें।  
मिथुन:  माता ब्रह्मचारिणी की पूजा करें। तारा कवच दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
कर्क: मां शैलपुत्री की पूजा करें।  लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें।
सिंह:  मां कुष्मांडा पूजा करें। दुर्गा के मंत्र के जाप करने चाहिए। गुड़हल से पूजा करें। 
कन्या:  ब्रह्मचारिणी की पूजा करें। विद्यार्थी लक्ष्मी व नवार्ण मंत्र का जाप करें ।
तुला: महागौरी का पूजन करें । अविवाहित  वर प्राप्ति हेतु काली चालीसा पाठ करें।
वृश्चिक : स्कंद माता की पूजन करें,सुख समृद्धि के लिए लाल फूल चढ़ाए। 
धनु: मां चंद्रघंटा का पूजन करें। सभी परेशानियां दूर होगीें राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें।
मकर:  कालरात्रि का पूजन करें नवार्ण मंत्र का जाप करे। नीले पुष्प कमल गेंदा चढ़ाए। 
कुंभ: कालरात्रि की पूजा करे, देवी कवच का पाठ नवार्ण मंत्र के जाप परेशानी दूर होगी। 
मीन:  मां चंद्रघंटा की पूजा करें हल्दी की माला से बगलामुखी मंत्रों का जाप करें।  

 

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