गवर्नमेंट गर्ल्स आर्ट्स कॉलेजों में खाली रह गई 434 सीटें
मुख्यमंत्री बजट घोषणा में खुले थे हाड़ौती में 4 नए कॉलेज
छात्राओं ने नए की जगह पुराने कॉलेजों में दाखिले में दिखाई रुचि।
कोटा। मुख्यमंत्री बजट घोषणा में छात्राओं के लिए खोले गए राजकीय कला कन्या महाविद्यालयों में छात्राओं ने एडमिशन लेने में रुचि नहीं दिखाई। जबकि, आयुक्तालय द्वारा 4 बार ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर छात्राओं को एडमिशन का मौका दिया था। इसके बावजूद बालिकाओं ने नए कॉलेजों में दाखिला लेने के बजाए पुराने स्थापित महाविद्यालयों में ही रुचि दिखाई। नतीजन, नतीजन, कोटा, बूंदी के तीन राजकीय कला कन्या महाविद्यालयों में 600 में से कुल 434 सीट्स खाली रह गई। दरअसल, वर्ष 2025 में सरकार ने कोटा-बूंदी व झालावाड़ में कॉलेज एजुकेशन सोसायटी के अधीन चार राजकीय कला कन्या महाविद्यालय खोले थे। जिसमें झालावाड़ को छोड़ कोटा व बूंदी के नवीन गर्ल्स कॉलेजों में सीटें खाली रह गई।
घटते नामांकन का कारण
नाम न छापने की शर्त पर राजकीय महाविद्यालय कोटा के प्रोफेसर ने बताया कि नवीन गर्ल्स कॉलेजों में घटते नामांकन के पीछे कई कारण हैं, जो इस प्रकार है।
- आवश्यकता से अधिक गर्ल्स कॉलेज खोलना।
- नए कॉलेजों के पास न खुद का भवन व न ही स्थाई फैकल्टी
- दो-दो कमरों में कॉलेज संचालित करना। भौतिक संसाधनों की कमी।
- क्षेत्र की आवश्यकता के विपरीत सब्जेक्ट आवंटित करना।
- नए कॉलेजों का प्रचार-प्रसार का अभाव।
कब-कब बड़ी आवेदन की अंतिम तिथि
- राजकीय महाविद्यालयों में गत 4 जून से ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई थी।
- अंतिम तिथि 16 जून से बढ़ाकर 20 जून कर दी गई।
- तीसरी बार 5 दिन और बढ़ाकर अंतिम तिथि 25 जून कर दी गई।
- सीटों के मुकाबले आवेदन नहीं आने पर फिर से लास्ट डेट बढ़ाकर 3 जुलाई कर दी गई।
- 7 जुलाई को प्रथम वरियता सूची जारी की गई।
- 16 जुलाई को विभिन्न श्रेणियों में रिक्त रही सीटों पर फिर से आवेदन मांगे गए।
- अब 18 अगस्त से 23 अगस्त तक खाली रह गई सीटों पर ऑफलाइन एडमिशन देने के लिए आवेदन आमंत्रित किए जाने की तिथि निर्धारित कर दी गई।
प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने से खत्म होने तक डॉबी कॉलेज कहां किस बिल्डिंग में चलेगा, इसका किसी को भी पता नहीं था। क्योंकि, कॉलेज संचालन के लिए अस्थाई भवन ही नहीं मिला था। ऐसे में नए कॉलेज में फैकल्टी व शैक्षणिक साधन-संसाधनों को लेकर आशंका रहने लगी। इसलिए पहले से ही स्थापित कॉलेजों में ही दाखिला लेना सही लगा।
- कौशल्या देवी, छात्रा डाबी
कस्बे में नया कॉलेज खुला तो खुशी थी लेकिन ऐसे विषय अलॉट कर दिए, जो छात्राओं के लिए रुचिकर नहीं है। यहां होम साइंस विषय दिया जाना चाहिए था। इसलिए सुकेत कॉलेज में दाखिला लेने की बजाए रामगंजमंडी महाविद्यालय की ओर रुख करना ज्यादा सही लगा।
- आशा जांगिड़, सुकेत
कस्बे का कॉलेज स्कूल के तीन कमरोें में चल रहा है। क्षेत्र की डिमांड के अनुसार सब्जेक्ट नहीं होना भी नामांकन में कटौती का मुख्य कारण है। यहां उर्दू विषय नहीं खोला गया। जबकि, बीए में तीन ऑफनल सब्जेक्ट लेने होते हैं। सरकार को जेडीबी आर्ट्स की तरह होम साइंस व जीपीएम जैसे विषय भी खोलने चाहिए।
- मोहम्मद हुजैफ, कैथून
18 अगस्त से शुरू होंगे ऑफलाइन आवेदन
राजकीय कला कन्या महाविद्यालय कैथून में बीए प्रथम सेमेस्टर में रिक्त सिटों पर 18 अगस्त से ऑफलाइन आवेदन शुरू होंगे, जो 23 अगस्त तक जारी रहेंगे। निर्धारित अवधि तक प्रवेश से वंचित छात्रा एडमिशन से संबंधित दस्तावेज कॉलेज में जमा करवाकर एडमिशन ले सकतीं हैं। अभी तक 88 छात्राओं की वरीयता सूची जारी की जा चुकी है।
- प्रो. सीमा चौहान, नोडल प्राचार्य कैथून कन्या महाविद्यालय
बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने दूर-दराज के क्षेत्रों में कॉलेज खोले हैं। नए होने के कारण क्षेत्रवासियों तक पहुंच नहीं बन पाई। हालांकि, रिक्त सिटों पर आॅफलाइन आवेदन लेकर वंचित छात्राओं को फिर से मौका दिया जा रहा है, जिससे काफी हद तक सीटें भरेंगी। सरकार सभी नए महाविद्यालयों में सुविधाएं उपलब्ध करवाने का लगातार प्रयास कर रही है।
- डॉ. विजय पंचौली, क्षेत्रीय सहायक निदेशक आयुक्तालय कोटा

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