देखरेख के अभाव में दम तोड़ रहे प्राचीन पेयजल स्रोत, ग्रामीणों ने पालिका प्रशासन से लगाई सफाई की गुहार

सफाई नहीं होने से कचरे व गंदगी से अटी प्राचीन बावड़ी

देखरेख के अभाव में दम तोड़ रहे प्राचीन पेयजल स्रोत, ग्रामीणों ने पालिका प्रशासन से लगाई सफाई की गुहार

नगर पालिका प्रशासन सुकेत की अनदेखी के कारण किसी जमाने में पानी का स्रोत रही प्राचीन बावड़ी वर्तमान में गंदगी और कचरे के कारण मरणासन्न अवस्था में है

सुकेत। नगर पालिका प्रशासन सुकेत की अनदेखी के कारण किसी जमाने में पानी का स्रोत रही प्राचीन बावड़ी वर्तमान में गंदगी और कचरे के कारण मरणासन्न अवस्था में है। पूर्व सरपंच प्रतिनिधि ने बताया कि बावड़ी में गंदगी और कचरे के कारण मच्छरों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। यहां स्थित देवस्थान आने वाले श्रद्धालुओं को भी गंदगी के कारण परेशानी होती है। नगर में दीवारों पर कई जगह स्वच्छता अभियान लिखा हुआ है, लेकिन उस पर अमल नहीं किया जा रहा है। नगर वासियों ने बताया कि यही हाल कस्बे के मुख्य चौराहे और मस्जिद रोड आदि जगह पर नालियों का है। नगर की नालियां कचरे और गंदगी से अटी पड़ी हैं। श्रद्धालुओं ने बताया कि बारिश आने वाली है। लेकिन नालियों की सफाई नहीं होने से कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। कई बार अधिशासी अधिकारी और उच्च अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा। नगर वासियों ने बावड़ी और नालियों की साफ-सफाई करने की मांग की। स्थानीय लोगों ने बावड़ी की साफ-सफाई की मांग की है। ताकि इसका पेयजल के स्रोत के रूप में इस्तेमाल किया जा सके।

पेयजल समस्या का हो सकता है समाधान 
प्राचीन समय से ही बावड़ियां जल प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही हैं। ये भूमिगत संरचनाएं हैं जो वर्षा जल को इकट्ठा करने और उपयोग करने के लिए बनाई जाती थीं। क्षेत्र में जल संकट की समस्या है। बावड़ी की सफाई होने के बाद इस समस्या का समाधान हो सकता है।स्थानीय लोगों ने प्रशासन से जल्द से जल्द बावड़ी की सफाई करने की मांग की है। 

सात साल पहले हुई थी सफाई
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत समय में करीब 7 साल पहले जब अर्चना राठौर सुकेत की सरपंच थीं, उस वक्त बावड़ी का जीर्णोद्धार और सफाई करवाई गई थी। लेकिन पालिका बनने के बाद बावड़ी की सफाई को अनदेखा किया जाता रहा है। इसकी शिकायत पूर्व में रहे अधिशासी अधिकारी को की गई थी। लेकिन तब से आज तक सफाई नहीं हो सकी। 

इनका कहना
नगर पालिका क्षेत्र में विवाह स्थलों में नगरवासी बावड़ी स्थित मंदिर में गणेशजी को नोतने जाते हैं। लेकिन बावड़ी में अथाह गंदगी होने के कारण नगर वासी दूर दराज के मंदिर में जाने लगे हैं। 
- राजकुमार राठौर, पूर्व सरपंच प्रतिनिधि, सुकेत

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एक हफ्ते में इसकी सफाई पालिका द्वारा करवा दी जाएगी। इसकी सूचना पहले भी आ गई थी।
- हेमेंद्र सांखला, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका, सुकेत

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