कोटा उत्तर के कई वार्डो में बिगड़ी सफाई व्यवस्था

एक-एक सप्ताह तक नहीं जा रहे टिपर, लोग हो रहे परेशान

 कोटा उत्तर के कई वार्डो में बिगड़ी सफाई व्यवस्था

पार्षदों व निगम अधिकरियों में समंवय का अभाव होने का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।

कोटा। केस 1 - नगर निगम कोटा उत्तर का रेलवे कॉलोनी पटरी  पार का वार्ड 43 जिसमें भाजपा की महिला पार्षद  हैं। उस वार्ड के कई इलाके ऐसे हैं जहां पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से टिपर ही नहीं आए हैं। जिससे लोगों को मजबूरन सड़क पर ही कचरा डालना पड़ रहा है। ऐसे में लोगों को तो परेशानी हो रही है साथ ही सड़क पर कचरा फेल रहा है। 

केस 2 - नगर निगम कोटा उत्तर में पुराने शहर रामपुरा का वार्ड 54। जिसमें कांग्रेस के पार्षद हैं। इसके पहले वाला वार्ड उप महापौर का और बाद वाला वार्ड महापौर का है। ये तीनों वार्ड कांग्रेस के हैं और कोटा उत्तर में बोर्ड भी कांग्रेस का है। उस वार्ड में सफाई के लिए समय पर टिपर व सफाई कर्मचारी तक नहीं जा रहे हैं। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 

ये तो उदाहरण मात्र हैं शहर के कोटा उत्तर नगर निगम क्षेत्र की सफाई व्यवस्था का। कोटा उत्तर निगम के अधिकतर वार्डों में सफाई व्यवस्था की यही हालत है। लोग ही नहीं पार्षदों तक का कहना है कि नगर निगम की ओर से घर-घर कचरा संग्रहण में लेगाए गए टिपरों की संख्या कम करने से टिपर समय पर और पूरे वार्ड में नहीं जा पा रहे हैं। जिससे लोग कई-कई दिन तक कचरा नहीं डाल पा रहे हैं। मजबूरन उन्हें सड़क पर ही कचरा डालना पड़ रहा है। नगर निगम कोटा उत्तर में 70 वार्ड हैं। कांग्रेस के पार्षद अधिक होन ेस यहां बोर्ड भी कांग्रेस का ही है। लेकिन पिछले काफी समय से क्षेत्र में भाजपा के ही नहीं कांग्रेस के पार्षद भी परेशान हो रहे हैं। जनता पार्षदों से समस्या समाधान के लिए कह रहे हैं लेकिन पार्षद अधिकारियों पर समस्या समाधान नहीं करने का आरोप लगा रहे हैं। पार्षदों व निगम अधिकरियों में समंवय का अभाव होने का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। यह है लोगों की पीड़ा: वार्ड 43 की पूनम कॉलोनी निवासी प्रदीप कुमार ने बताया कि पटरी पार के इस वार्ड में सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। हालत यह है कि पिछले 8 दिन से यहां कचरा संग्रहण के लिए टिपर ही नहीं आया है। ऐसे में घर के बाहर सड़क पर ही कचरा डालना पड़ रहा है। जिससे जगह-जगह पर कचरा ही कचरा फेल रहा है। रामपुरा निवासी महेश गुप्ता का कहना है कि वार्ड में पहले रोजाना टिपर आता था लेकिन अब दो से तीन दिन में आता है। हालत यह है कि एक तरफ तो नगर निगम अधिकारी शहर को साफ रखने की बातें करते हैं वहीं दूसरी तरफ कई दिन तक टिपर ही नहीं भेज रहे। ऐसे में लोग कचरा डाले तो कहां डाले। 

टिपरों की संख्या घटाई, कई खराब
वार्ड 43 की पार्षद संतोष बैरवा ने बताया कि उनका वार्ड काफी बड़ा है जिसकी आबादी भी काफी अधिक है। साथ ही शहर की तरह यहां लगातार घर बने हुए नहीं है। घर भी छितराए हुए हैं। ऐसे में पहले तीन टिपर आते थे। उनकी संख्या घटाकर दो कर दी है। उसमें भी एक टिपर कई दिन से खराब पड़ा है। जिसे ठीक तक नहीं कराया जा रहा है। जिससे कई जगह पर तो दो से तीन दिन  में और कई जगह पर 7 से 8 दिन में टिपर पहुंच रहे हैं। इस संबंध में निगम आयुक्त को कई बार अवगत कराया गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। स्वास्थ्य अधिकारी को फोन करने पर वह फोन रिसीव ही नहीं कर रहे। ऐसे में लोग परेशान हो रहे हैं। पार्षद को फोन कर रहे हैं लेकिन सुनवाई नहीं होने से पार्षद क्या करेें। 

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प्राइवेट सफाई कर्मचारी बुलाकर काम करवाना पड़ रहा
वार्ड 54 के पार्षद अमरनाथ शर्मा ने बताया कि राजय में सरकार बदलने के बाद से ही शहर की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। वार्डों में टिपरों की संख्या कम कर दी। जिससे कई जगह पर टिपर ही नहीं पहुंच पा रहे। नाला गेंग से लेकर हर वार्ड में पूर्व में दिए जा रहे सफाई श्रमिक भी हटा दिए हैं। स्थायी सफाई कर्मचारियों में से कोई न कोई अवकाश पर रहता है। ऐसे में हालत यह है कि प्राइवेट सफाई कर्मचारी बुलाकर क्षेत्र में सफाई करवानी पड़ रही है।  शर्मा ने बताया कि उनके वार्ड में वर्तमान में एक भी कचरा पॉइंट नहीं है। पूर्व में जो भी थे उन्हें समाप्त कर दिया है। लेकिन टिपर नहीं आने से लोगों को सड़क पर ही कचरा डालना पड़ रहा है। शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य अधिकारी फोन ही नहीं उठाते।

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इनका कहना है
नगर निगम कोटा उत्तर में पहले टिपरों का संचालन नगर निगम करता था। लेकिन वर्तमान में टिपर संचालन ठेके पर दे दिया है। साथ ही टिपरों की संख्या भी सभी 70 वार्ड में घटाकर दो-दो कर दी है। सफाई श्रमिक हटा दिए हैं। जिससे पूरे उत्तर क्षेत्र की सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। निगम अधिकारियों को बोर्ड बैठक बुलाने के लिए कई बार कहा गया लेकिन वे पार्षदों के रोष व जनता की समस्याओं का सामना करने से बच रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारी के फोन नहीं रिसीव करने से कोई जवाब देह तक नहीं है। जिससे सभी पार्षदों व आमजन में रोष है। 
- फरीदुद्दीन कुरैशी, उप महापौर नगर निगम कोटा उत्तर 

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नगर निगम उत्तर में टिपर संचालन की नई व्यवस्था की जा रही है।  साथ ही कई टिपर खराब हो रहे हैं जिन्हें दुरस्त कराया जा रहा है। वार्डों में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत दो-दो टिपर जा रहे हैं लेकिन सभी टिपर सही होने पर फिर से तीन-तीन कर दिए जाएंगे। कई टिपरों के खराब होने से कुछ वार्डो में समस्या आ रही है। लेकिन शीघ्र ही इसका समाधान हो जाएगा। 
- मंजू मेहरा, महापौर, नगर निगम कोटा उत्तर 

अभी एक दिन पहले ही पदभार ग्रहण किया व्यवस्थाओं की जानकारी ली जा रही है। शीघ्र ही सफाई समेत सभी व्यवस्थाओं में सुधार किया जाएगा।
- राजपाल सिंह, आयुक्त नगर निगम कोटा उत्तर

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