बेखौफ स्कूल, कॉलेज व गलियों में आसानी से मिल रहा नशा

नारकोटिक्स व पुलिस की कार्रवाई पर भारी पड़ रहे नशे के कारोबारी

बेखौफ स्कूल, कॉलेज व गलियों में आसानी से मिल रहा नशा

जिम्मेदार हैंडलरों को पकड़ रहे, बड़े तस्कर पकड़ से बाहर

कोटा । कोटा शहर में नशे का कारोबार लगातार बढ़ता ही जा रहा है। नारकोटिक्स व पुलिस की कार्रवाई पर नशे के कारोबारी भारी पड़ रहे हैं। नशे की लत को पूरा करने के लिए बड़ी संख्या में युवा शहर में चोरियां तक करने लगे हैं। नशा करने वाले अब घरों तक सीमित न रहकर सार्वजनिक सम्पतियों तक को नुकसान पहुंचाने लगे हैं।  शहर में कोचिंग एरिया के आस-पास ही नहीं स्कूलों के पास और बस्तियों में सरेआम स्मैक, एमडी व गांजा आसानी से बच्चों को मिल रहा है। 

पुलिस ने  5719 किलो मादक पदार्थ  जब्त, 825 को भेजा जेल
शहर पुलिस की ओर से मादक पदार्थो की तस्करी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए वर्ष 2021 से 31 मई 2025 तक 595  मुकदमे दर्ज कर 825 आरोपियों को गिरफ्तार कर करीब 5719 किलो मादक पदार्थ जब्त किया है। इसमें 5.324 किलोग्राम अफीम व 14.17 किलो ग्राम चरस, 2.846 किलो ग्राम स्मैक, 1008.03 किलो ग्राम गांजा  व 4688.612 किलोग्राम डोडाचूरा और  0.327 किलोग्राम एमडी है। 

नारकोटिक्स ने 184 मुकदमें दर्ज कर 207 आरोपी पकड़े
केन्द्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की ओर से पिछले सवा तीन साल में वर्ष 2020 से मार्च 2025 तक मादक पदार्थ तस्करी के 184 मुकदमें दर्ज किए। जिनमें कुल 207 आरोपी तस्करों को गिरफ्तार किया गया। वहीं बड़ी मात्रा में स्मैक, गांजा, डोडा चूरा व एमडी भी जब्त किया है। जिसकी कीमत लाखों-करोड़ों रुपए है। 

पुलिस कार्रवाई
वर्ष     अफीम    आरोपी    मुकदमे
2022    4.359    142    93 
2023    0.129    205    157 
2024    0.810    223    156 
2025    0.230    124    109 
चरस    स्मैक    गांजा    डोडाचूरा    एमडी
14.17    2.846    1008    4688    0.327  

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नारकोटिक्स कार्रवाई
वर्ष    मुकदमे    आरोपी
2022    26    26 
2023    37    42 
2024    87    107 
2025    34    32 

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उप नारकोटिक्स आयुक्त नरेश बुंदेल से सवाल-जवाब
सवाल : कोटा शहर में नशे का कारोबार नहीं थमने का क्या कारण है।
बुंदेल : सीबीएन द्वारा तस्करी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। पिछले कुछ समय में बड़ी मात्रा में मादक पदार्थ जब्त कर तस्करों को पकड़ा है। फिर भी चोरी-छिपे आ रहा है। लेकिन कार्रवाई होने से इसमें काफी हद तक कमी आई है। 
सवाल : नशा सबसे अधिक युवाओं को गिरफ्त में ले रहा है। इस पर रोक क्यों नहीं लग रही।
बुंदेल : हर व्यक्ति की फितरत  होती है कि वह अच्छाई की तरफ देर से व बुराई की तरफ जल्दी आकर्षित होता है। युवा अपनी मित्रों की संगत में आकर नशे  की लत में पड़ रहे है। इसके लिए सीबीएन ने ऑपरेशन युवा और नशा मुक्त कोटा अभियान चलाया हुआ है। जिसमें युवाओं को नशे की दुष्परिणाम बताकर इससे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
सवाल : सीबीएन ने जो भी कार्रवाई की है। उनमें अधिकतर बिचौलिये या हैंडलर ही पकड़े गए हैं। बड़े तस्कर पकड़ में नहीं आने का क्या कारण है।
बुंदेल : मादक पदार्थ की तस्करी करने वाले काफी होशियार होते हैं। वे कभी सामने नहीं आते और जिनके माध्यम से वे इस कारोबार को करते हैं उन्हें भी उन तस्करों के बारे में जानकारी नहीं होती। वे चंद रुपयों के लालच में इस काम में फंस जाते है। पकड़े गए लोगों से पूछताछ व विभागीय स्तर पर तस्करों तक भी पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। 
सवाल : पादक पदाथों की तस्करी पर रोक नहीं लगने का कारण कहीं विभागीय मिलीभगत या रिश्वत का खेल तो नहीं है।
बुंदेल : ऐसा नहीं है। विभाग के स्तर पर हर संभव प्रयास कर तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। केन्द्र सरकार द्वारा अफीम नीति में बदलाव करने से बाजार में आने वाला मादक पदार्थ सरकार के पास पहुंचा है। जिससे इसमें काफी कमी आई है। 
सवाल : नशा करने वाले शहर में सरकारी सम्पतियों को नुकसान पहुंचा रहे है। इसे कैसे रोका जा सकता है।
बुंदेल : वर्तमान में अधिकतर घरों व मौहल्लों में सीसीटीवी कैमरे लगे होने से वहां चोरियां कम हो गई है। जबकि सरकारी सम्पति को टारगेट करना आसान हो रहा है।  इसे रोकने के लिए विभाग द्वारा नशा करने वालों के खिलाफ भी पुलिस व अन्य संगठनों के सहयोग से कार्य करने की जरूरत है।
 सवाल : सीबीएन के द्वारा चलाए गए नशा मुक्त कोटा अभियान का कितना असर हुआ है।
बुंदेल : नशा मुक्त कोटा अभियान के तहत युवाओं को स्कूल व कॉलेज में कार्यक्रम व प्रतियोगिताओं के माध्यम से जागरूक करने का प्रयास किया गया है। इसका परिणाम तुरंत नजर नहीं आएगा लेकिन इसके दीर्घकालिक परिणाम देखने को मिलेंगे। 

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