आठ हजार बेटियों को नहीं मिली साइकिल, सत्र खत्म होने में 3 माह बाकी

छात्राएं पैदल स्कूल पहुंचने को मजबूर

आठ हजार बेटियों को नहीं मिली साइकिल, सत्र खत्म होने में 3 माह बाकी

बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन करने के लिए सरकार की ओर से राजकीय विद्यालय में अध्ययनरत कक्षा 9वीं की बालिकाओं को हर साल नि:शुल्क साइकिल वितरित की जाती है। कोरोनाकाल के बाद से ही योजनाओं की क्रियांविति डगमगा गई। ऐसे में उन्हें समय पर साइकिलें नहीं मिलने से पैदल ही घर से स्कूल जाना पड़ रहा है।

कोटा। सरकार भले ही बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने का दावा करती हो लेकिन जिले में हालात इसके उलट हैं। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई योजना संचालित कर रही है। मगर नि:शुल्क साइकिल वितरण योजना महज खानापूर्ति साबित हो रही है। जिले की 8 हजार से अधिक बेटियों को अब तक साइकिलें नहीं मिली हैं। जबकि, सरकारी स्कूलों का शैक्षणिक सत्र 3 माह बाद खत्म हो जाएगा। उन्हें यह साइकिल दीपावली के आसपास अक्टूबर माह में वितरित की जानी थी। लेकिन, कोरोनाकाल के बाद से ही योजनाओं की क्रियांविति डगमगा गई। ऐसे में उन्हें समय पर साइकिलें नहीं मिलने से पैदल ही घर से स्कूल जाना पड़ रहा है। दरअसल, बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन करने के लिए सरकार की ओर से राजकीय विद्यालय में अध्ययनरत कक्षा 9वीं की बालिकाओं को हर साल नि:शुल्क साइकिल वितरित की जाती है। ताकि, वे साइकिल से स्कूल समय पर पहुंच सके। 

यह था साइकिल वितरण का उद्देश्य
साइकिल वितरण योजना की शुरूआत वर्ष 2007-08 में हुई थी। योजना के तहत 8वीं पास कर 9वीं कक्षा में प्रवेश पाने वाली बालिकाओं को सरकार की ओर से नि:शुल्क साइकिलें वितरित की जाती है। इसका उद्देश्य स्कूल और घर की दूरी अधिक होने के चलते बालिकाएं स्कूल नहीं जाती पाती हैं। ऐसी बालिकाओं को सुगम आवागमन के लिए साइकिल उपलब्ध कराई जाती है।

साइकिल मिले तो समय पर पहुंचे स्कूल और घर
कक्षा 9 में पढ़ने वाली छात्रा प्रियंका का कहना है वह विद्यालय से करीब 1 किलोमीटर दूर  संजय नगर रहतीं हैं और विज्ञान नगर स्थित गर्ल्स स्कूल में पढ़ती हैं। जब मैं आठवीं में थी तब इस बात की खुशी थी कि 9वीं क्लास में जाएंगे तो साइकिल मिलेगी और साइकिल से स्कूल जाया करेंगे लेकिन सत्र खत्म होने को है अभी तक कुछ भी नहीं मिला। साइकिल मिलेगी या नहीं कुछ नहीं कह सकते।

दीपावली पर मिलती तो दोगुनी हो जाती खुशी  
पल्लवी शर्मा ने बताया कि करीब 800 मीटर दूर से प्रतिदिन पैदल ही विद्यालय आते हैं। आठवीं का रिजल्ट आया था तभी हमने सोच लिया था कि अब हमें साइकिल मिलेगी और साइकिल से ही विद्यालय जाएंगे। गत वर्ष दीपावली तक साइकिल मिलने का बेसब्री से इंतजार था। लेकिन, त्योहार भी सुखा ही निकल गया। अब साइकिल मिलने की उम्मीद कम होने लगी है। अगर हमें साइकिल मिल जाए तो समय पर विद्यालय व घर पहुंच सकते हैं।  

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आठ हजार बालिकाओं को साइकिल का इंतजार
कोटा जिले के राजकीय विद्यालयों में कक्षा 9वीं में कुल 8 हजार 353 छात्राएं हैं। जिन्हें योजना के तहत नि:शुल्क साइकिल दी जानी है। लेकिन 8 माह गुजर जाने के बाद भी उन्हें साइकिल नहीं मिली हैं। ऐसे में उन्हें घर से स्कूल आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खास बात यह है कि विभाग द्वारा हर साल सितंबर माह में 9वीं में अध्यनरत बालिकाओं के नामांकन की सूचना जिलावार मांग ली जाती थी। लेकिन, इस बार अक्टूबर माह गुजर जाने के बाद भी सूचना तक नहीं मांगी है। हैरानी की बात यह है कि विभाग के अधिकारियों से इस मामले में बात की जाती है तो उनके पास भी कोई जानकारी नहीं है कि बेटियों को कब तक साइकिलों का वितरण किया जाएगा।

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कब मिलेगी साइकिलें, विभाग को भी नहीं पता
इस साल शैक्षणिक सत्र शुरू हुए करीब 8 माह बीत गए हैं। फिर भी दूर-दराज से स्कूल आने वाली जिले की 8 हजार से ज्यादा छात्राओं को अब तक साइकिल का इंतजार है। स्थिति ये है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल दूर होने से छात्राएं पैदल आने को मजबूर है। वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारी भी इस बारे में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे हैं। ऐसे में बेटियों को साइकिलों का वितरण कब तक होगा यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा। इधर, कोरोना काल के पहले सत्र में बालिकाओं को साइकिलें नहीं मिली थी लेकिन दूसरे सत्र 2021-22 में दोनों सत्रों की छात्राओं को एक साल साइकिलें वितरित की गई थी। 

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बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से हर वर्ष कक्षा 9वीं की छात्राओं को नि:शुल्क साइकिलें दी जाती है। इस बार भी मिलेगी लेकिन कब, इस संबंध में अभी तक निदेशालय से कोई सूचना नहीं मिली है। उच्चाधिकारियों से जो निर्देश मिलेंगे उसी के अनुसार काम किया जाएगा। वक्त लग सकता है लेकिन साइकिलें जरूर मिलेंगी। 
-राजेश कुमार मीणा, अतिरिक्त जिला शिक्षाधिकारी कोटा

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