घरों से निकलने वाले कचरे पर लगेगा शुल्क
यूडी टैक्स चुकाने वालों से भी होगी वसूली, मकान के साइज के हिसाब से लगेगा शुल्क
शहर में साफ सफाई की जिम्मेदारी नगर निगम की है। गली मोहल्ले, वार्ड, मेन रोड से लेकर नालियों तक की सफाई नगर निगम करवाता है।
कोटा । नगर निगम की ओर से अभी तक नि:शुल्क दी जा रही घर-घर कचरा संग्रहण सुविधा शीघ्र ही बंद होने वाली है। अब निगम इस सुविधा के बदले हर घर से शुल्क वसूल करेगा। यह शुल्क मकान की साइज के हिसाब से लिया जाएगा। इसके लिए नगर निगम कोटा उत्तर से सर्वे भी शुरू कर दिया है। शहर में साफ सफाई की जिम्मेदारी नगर निगम की है। गली मोहल्ले, वार्ड, मेन रोड से लेकर नालियों तक की सफाई नगर निगम करवाता है। साथ ही पिछले कई सालों से नगर निगम ने घर-घर कचरा संग्रहण सुविधा शुरू की हुई है। जिसके तहत निगम के टिपर आते हैं और हर घर से कचरा एकत्र कर ले जाते हैं। जिसेस वे ट्रांसफर स्टेशन पर डालते हैं। वहां से निगम द्वारा पविहन कर उस कचरे को नांता स्थित ट्रेचिंग ग्राउंड पहुंचाया जाता है। अभी तक निगम द्वारा घरों से कचरा एकत्र करने का कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है। लेकिन अब लोगों को इसके लिए शुल्क देना होगा। दो से तीन टिपर हर वार्ड में लगे हैं कोटा में वर्तमान में कोटा उत्तर व दक्षिण दो नगर निगम हैं। जिनमें वार्डों की संख्या 150 है। कोटा उत्तर में 70 व कोटा दक्षिण में 80 वार्ड है। इनमें से हर वार्ड में दो से तीन टिपर लगे हुए हैं। एक निगम में संवेदक के माध्यम से तो दूसरे निगम में गैराज के माध्यम से टिपरों का संचालन कर घर-घर व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से कचरा एकत्र किया जा रहा है। पहले सुबह-शाम दोनों समय टिपर आते थे। लेकिन वर्तमान में एक ही समय सुबह के समय टिपर आ रहे हैं। निगम से प्राप्तब जानकारी के अनुसार शहर से रोजाना 450 से 500 टन कचरा निकल रहा है। जिसे ट्रेचिंग ग्राउंड पहुंचाया जा रहा है।
दो सेक्टर के 21 हजार घरों का हुआ सर्वे
घर-घर कचरा संग्रहण के लिए लोगों से शुल्क वसूली की नगर निगम ने तैयारी शुरु कर दी है। कोटा उत्तर निगम ने निजी फर्म के माध्यम से घरों व प्रतिष्ठानों का सर्वे करवाना शुरु कर दिया है। अभी तक कोटा उत्तर के 7 सेक्टर के 70 वार्डों में से दो सेक्टर 2 व 7 का सर्वे हो चुका है। स्टेशन क्षेत्र के 9 और डीसीएम क्षेत्र के 12 वार्डों में सर्वे का काम लगभग पूरा होने वाला है। अब तक स्टेशन क्षेत्र में 6 हजार और डीसीएम क्षेत्र के 15 हजार घरों व दुकानों का सर्वे हो चुका है।
यह जानकारी जुटाई जा रही
सर्वे के माध्यम से लोगों से उनके मकान की साइज की जानकारी ली जा रही है। मकान मालिक का नाम और पता व आधार कार्ड की कॉपी ली जा रही है। साथ ही रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर की जानकारी ली जा रही है। जिस पर मैसेज किया जा सकेगा।
20 रुपए से 150 रुपए प्रतिमाह तक शुल्क
नगर निगम कीओर से मकान की साइज के हिसाब से कचरा डालने का शुल्क लिया जाएगा। यह शुल्क 20 रुपए से 150 रुपए महीना होगा। नगर निगम से प्राप्त जानकारी के अनुसार 50 वर्ग मीटर तक के मकान से 20 रुपए महीना,50 वर्ग मीटर से अधिक व 300 वर्ग मीटर तक के मकान से 80 रुपए महीना, 300 वर्ग मीटर से अधिक के मकान से 150 रुपए महीना शुल्क वसूला जाएगा।
व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से लेंगे 250 से 5 हजार तक
मकानों के अलावा व्यवसायिक प्रतिष्ठानों, हॉस्टल, रेस्टोरेंट तक से 250 से 5 हजार रुपए महीना तक शुल्क वसूला जाएगा। जानकारी के अनुसार दुकान, ढाबा, मिठाई की दुकान व कॉफी हाउस से 250 रुपए महीना,गेस्ट हाउस से 750 रुपए,सरकारी हॉस्टलों से 500 रुपए,प्राइवेट हॉस्टलों से 1 हजार रुपए महीना,रेस्टोरेंट से 750 रुपए, होटल रेस्टोरेंट से 1 हजार रुपए महीना,होटल रेस्टोरेंट(3 स्टार तक) 1500 रुपए,होटल रेस्टोरेंट(3 स्टार से अधिक) 3 हजार रुपए,सरकारी कार्यालय, बैंक, बीमा,निजी के अलावा कोचिंग क्लासेस व शैक्षणिक संस्थानों से 700 रुपए,निजी शैक्षणिक संस्थान से 1 हजार रुपए, व निजी कोचिंग संस्थान से 5 हजार रुपए महीना तक शुल्क वसूल किया जाएगा।
कोचिंग से लेकर शादी हॉल तक से होगी वसूली
इसी तरह से निजी कोचिंग क्लासेस से 1 हजार रुपए,क्लीनिक 1 हजार रुपए,डिस्पेंसरी, लेबेरेटरीज 50 बैड तक 2 हजार रुपए,क् लीनिक डिस्पेंसरी ुलेबोरेटरीज 50 बैड से अधिक 4 हजार रुपए,, लघु व कुटीर उद्योग वर्कशॉप(केवल गैर खतरनाक और 10 किलो प्रतिदिन अपशिष्ट वालों से 750 रुपए,गोदाम, कोल्ड स्टोरेज से 1500 रुपए,शादी हॉल, उत्सव हॉल व मेला 3 हजार वर्ग मीटर तक से 2 हजार रुपए,शादी व उत्सव हॉल 3 हजार वर्ग मीटर से अधिक वालों से 5 हजार रुपए तक शुल्क वसूल किया जाएगा।
इनका कहना है
शहर को साफ रखना सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है। केवल नगर निगम के भरोसे शहर को साफ रखना संभव नहीं है। सफाई के मामले में तुलना तो इंदौर से की जाती है लेकिन वहां की तरह के न तो लोग हैं और न ही व्यवस्थाएंÞ। नगर निगम को व्यवस्थाएं करने में संसाधन जुटाने के लिए खर्चा करना पड़ता है। सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता कम की जा रही है। शहर में कचरा लोग ही फेला रहे हैं। शहर को गंदा कर रहे हैं। ऐसे में यदि सुविधा चाहिए तो उसके बदले में शुललक तो देना ही होगा। यह नगर निगम अपनी तरफ से नहीं ले रहा पूर्व में ही सरकार ने तय किया हुआ है। मकान व प्रतिष्ठान की साइज व व्यवस्था के हिसाब से कचरे का शुल्क लिया जाएगा। इसके लिए नगर निगम ने सर्वे शुरु कर दिया है। अब तक दो सेक्टरों के 21 वार्डों और करीब करीब 21 हजार घरों का सर्वे हो चुका है। सर्वे का काम शहर के सभी 7 सेक्टर व 70 वार्डों में किया जाना है। यह काम अगले दो माह में पूरा होने की संभावना है। इसी दौरान निगम की ओर से सुविधाएं भी विकसित की जा रही हैं। दीपावली के बाद सुविधाएं पूरी होने पर शुल्क वसूल किया जा सकता है।
-तनुज शर्मा, स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम कोटा उत्तर

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