अगले 56 वर्ष तक 15 जनवरी को ही मनेगी मकर संक्रांति
वर्ष 2080 के बाद 16 जनवरी को रहेगा योग
1864 से 1936 तक 13 जनवरी और 1792 से 1864 तक 12 जनवरी को मनाई जाती रही।
कोटा। ग्रहों के राजा सूर्य ने 15 जनवरी को धनु से मकर राशि में प्रवेश कर लिया है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार अब 2080 तक यानि आने वाले 56 वर्ष तक मकर संक्रांति 15 जनवरी को ही मनाई जाएगी। इसके बाद फिर मकर संक्रांति एक दिन और आगे बढ़ जाएगी। यानी 56 वर्ष बाद सूर्य का मकर राशि में संक्रमण हर वर्ष 16 जनवरी को होगा। इस बार सूर्य की राशि का परिवर्तन सुबह 9.13 बजे हुआ है। इसी दिन खरमास समाप्त होगा और इसके बाद मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे।
अब सूर्य का राशि परिवर्तन सुबह होगा
पंडित अमित कुमार ने बताया कि 2008 से 2017 तक सूर्य का राशि परिवर्तन 14 जनवरी की संध्याकाल में होता रहा था। इसलिए 14 जनवरी को मकर संक्रांति मान्य थी। इसके बाद छह वर्ष तक सूर्य का राशि परिवर्तन अनिश्चित होने से संक्रांति कभी 14 तो कभी 15 जनवरी को मनाई गई। अब ऐसा नहीं होगा। सूर्य का राशि परिवर्तन 56 वर्षों (2080) तक सुबह ही होगा। उन्होंने बताया कि 1936 से मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जा रही थी। 1864 से 1936 तक 13 जनवरी और 1792 से 1864 तक 12 जनवरी को मनाई जाती रही। मकर संक्रांति पर सभी राशियों के जातकों को दान-पुण्य अवश्य करना चाहिए।
तीन साल में एक घंटे आगे बढ़ती है संक्रांति
हर साल सूर्य के राशि परिवर्तन में 20 मिनट का विलंब होता है। इस प्रकार तीन वर्षों में यह अंतर एक घंटे का हो जाता है। 72 वर्ष में 24 घंटे का फर्क आ जाता है। सूर्य व चंद्रमा ग्रह मार्गीय होते हैं। यह पीछे नहीं चलते हैं। इसलिए एक दिन बढ़ जाता है। इस लिहाज से 2008 में ही 72 वर्ष पूरे हो गए थे।

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