लाखों के कंडम वाहन हो रहे कबाड़
निगम गैराज से बाहर निकलते ही वाहनों के पुर्जे होने लगे चोरी
नगर निगम में एक निर्धारित समय अवधि तक चलने के बाद कई वाहन चलने योग्य नहीं रहे।
कोटा। नगर निगम में एक तरफ जहां करोड़ों रुपए के छोटे-बड़े नए वाहन खरीदे गए हैं। जिन्हें रखने की गैराज में पर्याप्त जगह तक नहीं है। वहीं दूसरी तरफ कंडम हो चुके वाहनों की बरसों से नीलामी तक नहीं हुई है। उन वाहनों को गैराज से निकालकर दशहरा मैदान के पीछे पटका हुआ है। जिससे उनके पुर्जे चोरी होने व कबाड़ होने से वे कुछ समय बाद नीलामी लायक भी नहीं बचेंगे। कोटा में पहले जहां एक ही नगर निगम थी। वहीं अब कोटा उत्तर व कोटा दक्षिण दो नगर निगम बना दिए है। दोनों नगर निगमों में अधिकतर अनुभागों का बटवारा हो गया है। लेकिन अभी तक भी गैराज अनुभाग संयुक्त रूप से दोनों नगर निगमों द्वारा संचालित किया जा रहा है। नगर निगम का गैराज किशोरपुरा में मुक्तिधाम के पास बना हुआ है। नगर निगम में पिछले बोर्ड तक सफाई समेत अन्य वाहनों का काफी टोटा था। लेकिन दोनों नगर निगमों में कांग्रेस के बोर्ड बनने के बाद से इतनी अधिक संख्या में वाहन क्रय किए जा चुके हैं कि उन्हें रखने की जगह तक गैराज में नहीं बची है। उन वाहनों को सुरक्षित रखने के लिए गैराज में पड़े पुराने कंडम वाहनों को वहां से हटाया गया है। पहले इन वाहनों को पिछले साल दशहरा मैदान में पटका हुआ था। दशहरा मेले से पहले उन वाहनों को वहां से हटाकर पुराने पशु मेला स्थल के पीछे पुलिस कंट्रोम रूम के पास खाली जगह पर पटक दिया है।
कंडम से कबाड़ हो रहे वाहन
नगर निगम में एक निर्धारित समय अवधि तक चलने के बाद कई वाहन चलने योग्य नहीं रहे। जिससे उन्हें कंडम घोषित कर दिया गया। उन कंडम वाहनों को निगम की कमेटी द्वारा नीलाम किया जाना है। लेकिन हालत यह है कि ये कंडम वाहन करीब 10 साल से अधिक समय से नीलाम नहीं हो सके हैं। उन कंडम वाहनों को फिलहाल गैराज से निकालकर खुले में पटका हुआ है। सूत्रों के अनुसार उन वाहनों के पुर्जे धीरे-धीरे चोरी हो रहे हैं। साथ ही धूप व बरसात में पड़े होने से वे वाहन कबाड़ होते जा रहे हैं।
करीब 70 लाख से अधिक के वाहन
नगर निगम में अधिकतर वाहन सफाई संबंधी कार्य में काम आते हैं। ऐसे में अधिकतर वही वाहन हैं जो कंडम हैं। सूत्रों के अनुसार चल शौचालय, डम्पर, टिपर, जीप, लोडिंग वाहन, दमकल, कचरा पात्र समेत कई तरह के वाहन हैं। हालत यह है कि अधिकतर वाहन कबाड़ हो चुके हैं। जानकारी के अनुसार कंडम घोषित वाहनों की कीमत करीब 70 लाख से अधिक है। लेकिन पिछले दस साल से इन वाहनों की नीलामी नहीं होने से ये कबाड़ हो रहे हैं। जिससे इनकी कीमत लगातार कम हो रही है। जबकि इन वाहनों की नीलाम करने की डीएलबी से स्वीकृति तक मिल चुकी है। लेकिन न तो समिति की बैठक हो रहे है और न ही वाहनों की नीलामी। पिछले भाजपा बोर्ड में तो नीलामी नहीं हुई वर्तमान बोर्ड का कार्यकाल भी करीब पौने तीन साल का बीत चुका है।
इनका कहना है
नगर निगम के कई वाहन कंडम हैं जिन्हें नीलाम किया जाना है। उनकी नीलामी से निगम को लाखों रुपए राजस्व मिल सकता है। उसका अन्य वाहन क्रय करने में उपयोग किया जा सकता है। करीब एक साल से अधिक समय हो गया समिति बने हुए। आयुक्त से लेकर गैराज प्रभारियों तक को कई बार कह चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई ही नहीं हो रही।
- कपिल शर्मा, अध्यक्ष नगर निगम गैराज समिति
नगर निगम के वाहनों की नीलामी की जानी है। इसके लए समिति की बैठक का समय ही तय नहीं हो पा रहा है। कंडम वाहनों में कुछ की हालत अधिक खराब है जबकि अधिकतर नीलाम होने की स्थिति में है। दशहरा मैदान के पीछे खड़े वाहनों की सुरक्षा के लिए गार्ड लगाए हुए हैं। शीघ्र ही समिति की बैठक कर कंडम वाहनों को नीलाम करने की प्रक्रिया की जाएगी।
- ए.क्यू कुरैशी, गैराज प्रभारी नगर निगम कोटा दक्षिण
निगम के कंडम वाहनों को नीलाम तो किया जाना है। जानकारी मिली है कि ये वाहन खुले में पड़े होने से उनके पुर्जे चोरी हो रहे हैं। नगर निगम कोटा उत्तर व दक्षिण का बटवारा होने से उन वाहनों का बटवारा नहीं हो पाया है। जिससे नीलामी में परेशानी आ रही है। शीघ्र ही उन वाहनों को नीलामी की प्रक्रिया करवाई जाएगी।
- राजीव अग्रवाल, महापौर नगर निगम कोटा दक्षिण

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