अब बारिश के बाद मुकुंदरा में होगी टाइग्रेस की एंट्री
जुलाई के मध्य में आ सकती है बाघिन
रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में होने लगी बाघिन की सर्चिंग।
कोटा। मानसून की दस्तक के साथ ही मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में एक ओर बाघिन की एंट्री हो सकती है। हालांकि, रणथम्भौर में बाघिन की सर्चिंग को लेकर मंथन तेज हो गया है। लंबे समय से टाइग्रेस लाने के लिए मुकुंदरा प्रशासन की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे थे। पूर्व में भी सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू को पत्र लिखे जा चुके हैं। जहां से परमिशन मिलने के बाद कवायद तेज कर दी गई है। बता दें, एमएचटीआर में वर्तमान में एक बाघ-बाघिन विचरण कर रहे हैं। बाघ एमटी-5 को 4 नवम्बर 2022 को शिफ्ट किया गया था। वहीं, बाघिन एमटी-6 को गत वर्ष 9 अप्रेल को लाया गया था। करीब एक साल बाद दोनों का आमना-सामना हुआ। दोनों को एक साथ भी देखा गया। इसके बावजूद मुकुंदरा अब तक आबाद नहीं हो सका। जबकि, इसके ठीक उलट दो साल में ही रामगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या दो से छह हो गई। ऐसे में मुकुंदरा प्रशासन की ओर से एक टाइगर पर दो या तीन बाघिन का रेशो पूरा किए जाने का प्रयास शुरू किए गए हैं।
पहले बाघिन फिर जोड़ा लाया जाएगा
मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के डीएफओ अभिमन्यू सहारण ने बताया कि गत वर्ष मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में एनटीसीए से एक बाघ और दो बाघिन लाए जाने की स्वीकृति मिल चुकी है। लेकिन, पहले फेज में एक बाधिन लाई जाएगी। इसके लिए मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को पत्र लिख चुके हैं। वहां से परमिशन भी मिल चुकी है। हालांकि, अभी गर्मी को देखते हुए शिफ्टिंग अगले महीने जुलाई में किए जाने की कोशिश है। मानसून की दस्तक के साथ बारिश का दौर शुरू होने पर मौसम में नमी आएगी। इसके बाद ही बाधिन लाई जाएगी।
समान जीन पुल में इन ब्रिडिंग रोकने की कवायद
उप वन संरक्षक सहारण ने बताया कि एक ओर बाघिन लाए जाने के जारी है। रणथम्भौर में भी कवायद शुरू हो गई है। मुकुंदरा में विचरण कर रहे टाइगर-टाइग्रेस से आने वाली बाघिन का बल्ड रिलेशन न हो। इसलिए, रणथम्भौर में बाघिन को चिन्हित करने से पहले उनकी फैमिली हिस्ट्री देखी जा रही है, ताकि, समान जीनपुल में इनब्रिडिंग को रोका जा सके। बाघिन लाने के बाद फिर बाघ लाए जाने की परमिशन ली जाएगी। हमारी ओर से भी तैयारी पूरी की जा रही है।
नॉन ट्यूरिज्म जोन में सर्चिंग
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रणथम्भौर में बाघिन की सर्चिंग नॉन ट्यूरिज्म जोन में दो पारियों में वनकर्मी कर रहे हैं। लेकिन, वन्यजीव प्रेमियों का कहना है कि वर्तमान में गर्मी व उमस अधिक होने से फिलहाल बाघ-बाघिन को ट्रैंकुलाइज करने व एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट नहीं किया जा सकता। क्योंकि, गर्मी में वन्यजीवों को किसी दूसरी जगह शिफ्ट किए जाने से किया वह स्ट्रेस में आते हैं। वहीं, जुलाई माह में बारिश का दौर शुरू होने पर भी शिफ्टिंग प्रक्रिया प्रभावित होती है। ऐसे में अभी शिफ्टिंग की संभावना कम ही नजर आती है।
इधर, ट्रांजिक्ट लाइन सेंसस जारी
डीएफओ सहारण ने बताया कि इन दिनों मुकुंदरा की सभी रैंजों में ट्रांजिक्ट लाइन सेंसस जारी है। इस पद्धिति के माध्यम से वन्यजीवों की गणना की जा रही है। वर्तमान में गागरोन, राउंठा और जवाहर सागर रैंज में फेस फॉर व ट्रांजिक्ट लाइन सेंसस से गणना की जा रही है। जबकि, दरा, कोलीपुरा और बोराबास रैंज में यह गणना पूरी हो चुकी है। यह गणना अंतिम चरण में है। इसके बाद सभी रैंजों का डेटा एकत्रित कर एनटीसीए को भेजा जाएगा। जहां सोफ्टवेयर के माध्यम से एनालिसस होगा। इसके बाद रिपोर्ट जारी की जाएगी। जिसके बाद पता लग सकेगा कि मुकुंदरा में कितने जानवर बढ़े व घटे हैं।
इनका कहना है
मुकुंदरा में एक और बाघिन लाए जाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। रणथम्भौर में भी सर्चिंग की जा रही है। जल्द ही मुकुंदरा में नई बाघिन की एंट्री हो सकती है। बारिश के बाद मौसम में नमी आने पर बाघिन शिफ्टिंग की प्रक्रिया तेज हो जाएगी। मुकुंदरा को आबाद करने व बेहतर व्यवस्थाएं बनाने के लिए लगातार प्रयास जारी है।
- अभिमन्यू सहारण, उप वन संरक्षक, मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व

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