अम्बेडकर भवन के सद्भावना केन्द्र को अब संचालित करेंगी समूह की महिलाएं
दूसरी कलेक्शन ड्राइव का नगर निगम दक्षिण के अधिकारियों ने किया शुभारंभ
कोटा ग्रीन कम्युनिटी और अलबेली संस्था के संयुक्त प्रयासों से इस ड्राइव का आयोजन किया गया।
कोटा । नगर निगम कोटा दक्षिण क्षेत्र के अम्बेडकर भवन में स्थापित मुख्यमंत्री सद्भावना केंद्र के संचालन की जिम्मेदारी अब अलबेली महिला क्षेत्रीय स्तर संघ की स्वयं सहायता समूह महिलाओं को सौंपी गई है। राज्य सरकार द्वारा संचालित इस नवाचार का उद्देश्य शहरी कचरे को कम करने, पुन: उपयोग पुनर्चक्रण को बढ़ावा देने और जरूरतमंदों तक उपयोगी वस्तुओं को पहुंचाने के साथ महिलाओं को आजीविका के नए अवसर देना है।
पहली कलेक्शन ड्राइव को मिली शानदार प्रतिक्रिया
13 जुलाई को आयोजित पहली संग्रहण ड्राइव के दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने कपड़े, किताबें, बर्तन, खिलौने, स्टेशनरी, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएँ आदि दान किए। इस अवसर पर कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा, एडीएम सीलिंग कृष्ण शुक्ला और डीसीएफ अनुराग भटनागर ने इस पहल की सराहना करते हुए नागरिकों से जुड़ने की अपील की। कोटा ग्रीन कम्युनिटी और अलबेली संस्था के संयुक्त प्रयासों से इस ड्राइव का आयोजन किया गया।
दूसरी संग्रहण ड्राइव नगर निगम परिसर में आयोजित
पहली ड्राइव की सफलता के बाद नगर निगम कोटा दक्षिण के मुख्यालय परिसर में दूसरी संग्रहण ड्राइव का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ आयुक्त अनुराग भार्गव, उप आयुक्त दयावती सैनी और स्वास्थ्य अधिकारी रिचा गौतम ने किया। इस दौरान नागरिकों को पुराने सामान का महत्व समझाते हुए इसे दान करने का आग्रह किया गया।
ऐसे काम करता है सद्भावना केन्द्र
स्वास्थ्य अधिकारी रिचा गौतम ने बताया कि नगर निगम द्वारा उपलब्ध कराए गए स्थल अम्बेडकर भवन पर संचालित यह केंद्र कपड़े, खिलौने, किताबें, स्टेशनरी, बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्नीचर, प्लास्टिक और अन्य वस्तुओं का संग्रहण करता है। दान की गई वस्तुओं को तीन हिस्सों में वगीर्कृत किया जाता है। उसके बाद उन वस्तुओं को जरूरतमंदों को वितरित किया जाता है। समूह की महिलाएँ वस्तुओं को रिसाइकल कर नए उत्पाद बनाती हैं। अनुपयोगी वस्तुओं को सरकारी अधिकृत रिसाइकलर्स को भेजा जाता है।
महिलाओं को मिला रोजगार, शहर को स्वच्छता की नई राह
अलबेली संस्था की 5 महिलाएँ इस केंद्र के संचालन में प्रतिदिन सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। यह केंद्र न केवल पर्यावरण संरक्षण का माध्यम बना है बल्कि इन महिलाओं के लिए आजीविका सृजन का जरिया भी बन रहा है। स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि सद्भावना केंद्र पर नागरिक कभी भी अपने घर का अनुपयोगी सामान दान कर सकते हैं।

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