नहीं हटा स्वर्ण महल से पाबंदी का पहरा

उपयोग नहीं होने से जमी धूल, बंदर पहुंचा रहे नुकसान

नहीं हटा स्वर्ण महल से पाबंदी का पहरा

7.50 करोड़ की इमारत को बाहर से ही देख रहे लोग।

कोटा। शहर को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने के लिए पिछली कांग्रेस सरकार में करवाए गए विकास कार्यों का लाभ आमजन को नहीं मिल रहा है। किशोर सागर तालाब की पाल पर बने स्वर्ण महल का उद्घाटन होने के 9 माह बाद भी उस पर से पाबंदी का पहरा नहीं हटा है। जिससे इसे बाहर व दूर से ही लोग देख पा रहे हैं। जैसलमेर के सालिम सिंह हवेली की तर्ज पर किशोर सागर तालाब की पाल पर सीबी गार्डन की तरफ हवेली का प्रतिरूप बनाया गया है। केडीए(पूर्व में नगर विकास न्यास) की ओर से करीब 7.50  करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए गए। तालाब व आस-पास के व्यू पॉइंट के रूप में इस पांच मंजिला इमारत का निर्माण किया गया था। लेकिन अभी तक भी इसका उपयोग नहीं हो पा रहा है। अभी तक तो केडीए अधिकारी यह तक तय नहीं कर पाए हैं कि यहां आमजन को नि:शुल्क प्रवेश दिया जाएगा या इसमें जाने के लिए टिकट रखा जाएगा। टिकट होगा तो उसकी राशि कितनी होगी। 

लिफ्ट बंद, लाइट का कनेक् शन भी चालू नहीं
स्वर्ण महल का उद्घाटन हुए 9 माह से अधिक का समय हो गया है। लेकिन यहां अभी तक  न तो लाइट का कने क् शन जुड़ा है और न ही लिफ्ट चालू हुई है। 5 मंजिला इमारत में सीढ़ियों के साथ ही लिफ्ट भी लगाई गई है। हालत यह है कि इसका उपयोग नहीं होने से इसके अंदर पत्थरों पर धूल जम रही है। सबसे ऊपरी मंजिल पर बने गुम्बद को बंदर नुकसान पहुंचा रहे हैं। कई गुम्बदों के ऊपरी हिस्से टूटकर गिर चुके हैं। जानकारों के अनुसार सीबी गार्डन होने से यहां सुबह-शाम बड़ी संख्या में बंदर  यहां चढ़कर उत्पात मचाते हुए देखे जा सकते हैं। 

9 माह पहले हो चुका उद्घाटन
पिछले साल विधानसभा चुनाव की आचार संहिता से पहले 28 सितम्बर 2023 को तत्कालीन स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने इसका उद्घाटन कर दिया था। उसके बाद आचार संहिता लग गई। दिसम्बर में आए परिणाम में रा’य में सरकार बदल गई। उसके बाद भाजपा सरकार ने आते ही सभी कामों पर रोक लगा दी थी। वह रोक हटी नहीं कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई। इस तरह से करीब 9 माह पहले उद्घाटन होने के बाद भी स्वर्ण महल आमजन के लिए नहीं खोला गया है।

नशेड़ी के लिफ्ट में घुसने के बाद किया बंद
स्वर्ण महल को आमजन के लिए चालू तो नहीं किया है लेकिन पूर्व में यहां आने वाले लोगों को दिन के समय ऊपर की तरफ जाने दिया जा रहा था। लेकिन कुछ समय पहले रात के समय एक नशेड़ी इस महल की लिफ्ट में ऊपर की तरफ घुसकर बैठ गया था। जिसे पुलिस ने बड़ी मुश्किल से बाहर निकाला था। उसके बाद से तो यहां आमजन के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। यहां पूरे समय गार्ड लगाए हुए हैं जो किसी को भी अंदर नहीं जाने दे रहे।  गर्मी की छुट्टियां होने से केएसटी पर रोजाना और दिनभर बड़ी संख्या में स्थानीय व बाहर से लोग घूमने के लिए आ रहे हैं। लेकिन स्वर्ण महल के ऊपर नहीं जाने से उन्हें निराश होना पड़ रहा है। साथ ही बाहर और दूर से ही देखकर संतोष करना पड़ रहा है।

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इनका कहना है
स्वर्ण महल आमजन के लिए ही बनाया है। यहां से आस-पास का व्यू देखने के मकसद से उसे बनाया है। लेकिन अभी तक इसे चालू नहीं किया गया है। इस बारे में उच्च स्तर पर ही निर्णय होगा। वैसे बाहर से लोग इसे देख रहे हैं। 
- सुमित चित्तौड़ा, एक्सईएन, कोटा विकास प्राधिकरण

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धरोहर बनाई है तो चालू करना चाहिए
सरकार व न्यास ने करोड़ों रुपए खर्च कर शहर में कोई धरोहर बनाई है तो उसे आमजन के लिए खोलना चाहिए। वर्तमान में जिसकी सरकार है या जो स्थानीय प्रशासन है यह उनकी जिम्मेदारी है। गर्मी की छुट्टी में लोग बाहर से घूमने आ रहे हैं। ऐसे में यदि उसे आमजन के लिए नहीं खोला जाएगा तो फिर उसे बनाने का मकसद ही बेकार हो रहा है। 
-अजय जैन, वल्लभबाड़ी

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गर्मी की छुट्टी में बच्चों को घुमाने के लिए कोटा लाया था। सुना था यहां कई अच्छी चीजे बनी हैं। कई जगह घूमने के बाद जब केएसटी पर आए तो यहां स्वर्ण महल की जानकारी मिली। वहां गए तो गार्ड ने उसे बंद बताकर लौटा दिया।  जिससे इसे बाहर से ही देखकर जा रहे हैं। यूआईटी अधिकारियों को चाहिए कि वह जल्दी ही इसे आमजन के लिए खोले जिससे लोग इसका उपयोग कर सकें। 
-राजेन्द्र सिंह, झालावाड़

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