सरकारी अस्पताल में दवाओं का टोटा, मरीजों को हो रही परेशानी
हार्ट, बीपी,शुगर, थाइरायड, प्रोस्टेट के उपचार की दवाओं लिए भटकना पड़ रहा
मरीज की पर्ची में पांच दवा में मुश्किल से तीन दवा ही मिल रही दो दवाओं के लिए मरीजों को इधर से उधर भटकना पड़ रहा है।
कोटा। एमबीएस अस्पताल में मरीजों को पहले डॉक्टर को दिखाने के लिए घंटों लाइन में लगना मजबूरी बना हुआ है। वहीं अब मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना में कई रूटिन के साथ गंभीर बीमारियों की दवाओं की सप्लाई कम आने से मरीजों को एनओसी दी जा रही है। एक मरीज की पर्ची में पांच दवा में मुश्किल से तीन दवा ही मिल रही दो दवाओं के लिए मरीजों को इधर से उधर भटकना पड़ रहा है। हालांकि अस्पताल प्रशासन की ओर से जो दवाएं काउंटर पर नहीं मिल रही उनकी एनओसी देकर दूसरे काउंटर से दवाएं उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन यहां पर लंबी कतारों के चलते कई मरीज बाहर से दवा खरीदने के लिए मजबूर हो रहे है। हार्ट, बीपी, शुगर थाइरॉयड प्रोस्टेट की दवा के लिए एक काउंटर से दूसरे काउंटर का चक्कर लगाना पड़ रहा है।
एनओसी जटिल प्रक्रिया
कोटा निवासी शहनाज ने बताया कि वो बीपी, शुगर और थायराइड की दवा लेने के लिए एक घंटे तक दवा की लाइन में लगी लेकिन पांच दवाओं में से तीन दवाए ही मिली। दो दवाओं के लिए एनओसी बनाने के लिए इधर उधर चक्कर काटने में समय पूरा हो गया । मौसमी बीमारी के चलते रोज बड़ी संख्या मरीज उपचार के लिए अस्पताल पहुंच रहे है। पहले पर्ची बनवाने की कतार में इंतजार व मशक्कत, उसके बाद आउटडोर में डॉक्टर को दिखाने की कतार में जैसे-तैसे नम्बर आ गया। उसके बाद डॉक्टर द्वारा पर्ची पर लिखी गई दवाई लेने के लिए जब मरीज व तीमारदार दवा काउंटर जाते उन्हें पूरी दवा नहीं मिल रही है। एनओसी की जटिल प्रक्रिया से लोग बाहर से दवाएं ले रहे है।
छह में से तीन दवा ही मिली
अशोक ने बताया कि पहले तो घंटो डॉक्टर को दिखाने के लिए लाइन में खड़ा रहा उसके बाद दवा लेने पहुंचा वहां भी लंबी कतारे थी। आधे घंटे बाद नंबर आया डॉक्टर ने छह दवाएं लिखी काउंटर से तीन दवाएं ही मिली तीन की एनओसी बनाने के लिए कहा। वहां काउंटर 124 पर लंबी लाइन लगी थी। बाकी तीन दवाएं बाजार से खरीदी।
प्रोस्टेट की दवा नहीं मिली
अस्पताल में इलाज कराने आए मरीज विजय ने बताया कि उसके डॉक्टर चार दवाएं लिखी जिसमें दो दवाएं मिली दो दवाएं नहीं मिली प्रोस्टेट की दवा टेमसूलिन नहीं मिली बाजार से खरीदनी पड़ी।
काउंटर 124 पर लग रही लंबी कतारें
नि:शुल्क दवा केंद्रों पर जो दवाएं नहीं मिल रही उनकी एनओसी बनाई जा रही है वो दवाएं काउंटर 124 पर मिल रही है लेकिन वहां पर बहुत सी दवाएं नहीं मिल रही है। मरीजों लंबी कतारें लगी है। नंबर आने पर वहां भी एक दो दवाई मिलती है बाकी सप्लाई नहीं है कहकर टाला जा रहा है।
लंबी कतार में घंटों खड़े रहने का दर्द अब आम हो गया
शहर के कुन्हाड़ी निवासी 70 वर्षीय रामभरण शर्मा ने बताया कि सरकारी अस्पताल में नि:शुल्क इलाज और दवा लेना बहुत मुश्किल काम है। एक तो डॉक्टर को दिखाने में घंटो लग जाते उस पर दवाए पूरी नहीं मिलती सीनियर सिटीजन का भी लोग लिहाज नहीं करते है। मेडिसीन विभाग में दिखाया वहां से दवा लेने के लिए काउंटर पर पहुंची तो एक घंटा लाइन में खड़ी रही उसके बाद मेरा नंबर आया छह दवा में तीन दवा ही मिली तीन दवा नहीं मिली। दवा काउंटर वाले ने बताया कि बाकी दवा की एनओसी दे दी। एमबीएस में नि:शुल्क दवा लेना आसान काम नहीं है। प्रोस्टेट की दवा नहीं मिली। टेमसूलिन दवा नहीं मिली।
अस्पताल में सभी दवाओं की सप्लाई नियमित की जा रही है। कुछ दवाओं की आगे से सप्लाई आने देरी होने पर वैकल्पिक व्यवस्था के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से लोकल स्तर पर ही एनओसी के माध्यम से कांउटर 124 पर दवाओं उपलब्ध कराया जा रहा है। सभी काउंटर पर डिमांड के अनुसार सप्लाई की जा रही है।
- सुशील सोनी, प्रभारी औषधी भंडार कोटा

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