टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में ट्रक भर कर बेची जा रही लकड़ियां, बंबूल का जंगल बेच रहे वनकर्मी
बाघ की टेरिटरी से गुजर रहे ट्रक व माफिया
वनकर्मियों की मिलीभगत से माफिया न केवल टाइगर के कोर एरिया में ट्रक लेकर घुस रहे बल्कि प्रतिदिन हजारों टन लकड़ियां चोरी कर ले जा रहे हैं
कोटा। रामगढ़ टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में दिनदहाड़े बबूल की लकड़ियां बेची जा रही हैं। वनकर्मियों की मिलीभगत से माफिया न केवल टाइगर के कोर एरिया में ट्रक लेकर घुस रहे बल्कि प्रतिदिन हजारों टन लकड़ियां चोरी कर ले जा रहे हैं। जबकि, इस जगह पर टाइगर का मूवमेंट रहता है। हालात यह हैं, अपने स्वार्थ के लिए वनकर्मी टाइगर की सुरक्षा दांव पर लगाने से भी नहीं चूक रहे। भ्रष्टाचार का यह खेल पिछले ढाई महीने से चल रहा है। जघन्य वन अपराध का खुलासा शुक्रवार को जीपीएस कोर्डिनेट के साथ तस्वीरें सामने आने से हुआ। दरअसल, मामला आरवीटीआर की जेतपुर रेंज के पापड़ा चौक का है, जो रिजर्व का कोर एरिया है। इतना ही नहीं, इस इलाके में टाइगर का मूवमेंट रहता है। इसके बावजूद वनकर्मी माफियाओं से सांठगांठ बबूल का जंगल बेच रहे हैं।
बाघ व शावकों की जान से खिलवाड़
वन्यजीव प्रेमी विट्ठल सनाढ्य ने बताया कि जेतपुर रेंज का पापड़ा चौक, बांदरा पोल से रामगढ़ महल के बीच स्थित है। यहां बाघ आरवीटीआर-1 का मूवमेंट रहता है। इसके बावजूद यहां से प्रतिदिन 5 से 7 ट्रक लकड़ियां भर-भर कर बेची जा रही है। जबकि, इस जगह से रामगढ़ महल और टाइगर रिलोकेशन एनक्लोजर बिलकुल नजदीक है, जहां रणथम्भौर या अन्य जगहों से लाए जाने वाले टाइगर को रखा जाता है। वर्तमान में मृत बाघिन आरवीटीआर-2 की दोनों मादा शावक व अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क से शिफ्ट किए गए नर शावक की मौजूदगी भी इसी क्षेत्र में है। वन अधिकारियों व माफियाओं के गठजोड़ से बाघों की सुरक्षा दांव पर लग गई है।
प्रतिदिन 5 से 7 ट्रक बेची जा रही लकड़ियां
वन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जेतपुर रेंज में ग्रासलैंड डवलप करने के लिए गत वर्ष ज्यूलीफ्लोरा उनमूलन का टेंडर किया गया था। संबंधित फर्म ने बबूल के पेड़ों की कटाई की थी। ऐसे में यहां लकड़ियों का ढेर पड़ा है। जिसे वनकर्मियों द्वारा माफिओं को बेचा जा रहा है। जबकि, टाइगर रिजर्व व नेशनल पार्क से किसी भी प्रजाति की लकड़ियां न तो बेची जा सकती और न ही नीलाम की जा सकती है। इसके बावजूद कोर एरिया से प्रतिदिन 5 से 7 ट्रक लकड़ियां माफिया भिवाड़ी-हरियाणा ले जा रहे हैं।
वन सुरक्षा समिति के नाम पर माफियाओं से कटवाया बंबूल
नाम न छापने की शर्त पर वनकर्मचारी ने बताया कि रिकॉर्ड में ज्यूलीफ्लोरा उन्मूलन का कार्य वन सुरक्षा समिति के श्रमिकों से करवाना दिखाया गया है। जबकि, हकीकत में माफियाओं से जंगल कटवाया गया और उन्हें ही लकड़ियां बेची जा रही है। हालात यह है, 1 अप्रेल 2025 से 11 जून तक टाइगर रिजर्व के कोर एरिया से ट्रक भरकर लकड़ियां भिवाड़ी व हरियाणा जा रही है। जबकि, सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, नेशनल पार्क या टाइगर रिजर्व से लकड़ियों की नीलामी नहीं की जा सकती। इसके अलावा टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में अवैध परिवहन जघन्य अपराध है।
मामला संज्ञान में आ गया है। रामगढ़ टाइगर रिजर्व के डीएफओ से जांच करवाकर तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। जांच में यह भी देखा जा रहा है कि वन अपराध में स्टाफ की संलिप्ता व मिलीभगत तो नहीं है। रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। टाइगर रिजर्व या नेशनल पार्क में कटी हुई लकड़ियों की नीलामी किए जाने का कोई प्रावधान नहीं है। चाहे वो बबूल की लकड़ियां ही क्यों न हो।
- सुगनाराम जाट, संभागीय मुख्य वनसंरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक
टेंडर तो पहले का था, एक-दो जगहों से शिकायत आई है। हमने टीम बनाकर मौके पर जांच के लिए भेज दी है। मामले की जांच चल रही है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई करेंगे।
- अरविंद कुमार झा, डीएफओ रामगढ़ टाइगर रिजर्व
टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में ट्रक को अनुमत किया जाना टाइगर की सुरक्षा के साथ समझौता है, जो घातक है। जूलीफ्लोरा घोटाला रामगढ़ टाइगर रिजर्व में नया नहीं है। वर्तमान व पूर्व के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा करोड़ों रुपए मूल्य का जूलीफ्लोरा बेच चुके हैं, जिसकी राशि जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों से वसूली जानी चाहिए।
- तपेश्वर सिंह भाटी, पर्यावरणविद् एवं एडवोकेट
जेतपुर रेंज का पापड़ा वनक्षेत्र आरवीटीआर का कोर एरिया है। 11 जून की तस्वीर में जिस जगह ट्रक में लकड़िया लोड हो रही है, वो रामगढ़ महल और टाइगर रिलोकेशन एनक्लोजर के बिलकुल नजदीक है। इस इलाके में बाघ आरवीटीआर-1, मृत बाघिन आरवीटीआर-2 की मादा शावकों का मूवमेंट है। इसके बावजूद वन अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा टाइगर टेरीटरी में माफियाओं की घुसपैठ करवाकर वन सम्पदा चोरी करवा रहे हैं। जघन्य अपराध में लिप्त वनकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
- विट्ठल सनाढ्य, वन्यजीव प्रेमी बूंदी
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