शहर में पशुओं का झुंड आया तो याद आई चौकी स्थापित करने की
यातायात हो रहा बाधित, हादसों का बना हुआ है खतरा
कोरोना काल के बाद तीन साल से अधिक चैक पोस्ट नहीं लगाई।
कोटा। शहर में हर साल बरसात के सीजन में ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले पशुओं को रोकने के लिए नगर निगम की ओर से चैक पोस्ट स्थापित की जाती थी। लेकिन कोरोना के बाद से दोनों ही निगमों ने चैक पोस्ट नहीं बना। दो दिन पहले शहर में पशुओं का झुंड आया तो उन्हें देखकर कोटा उत्तर निगम को चौकी स्थापित करने की याद आई। जबकि कोटा दक्षिण निगम में तो अभी भी चौकी शुरू नहीं की गई है। नगर निगम की ओर से शहर में ऐसे स्थानों पर चैक पोस्ट स्थापित की जाती थी। जहां से ग्रामीण क्षेत्रों से पशुओं के शहर में आने की संभाबना बनी रहती थी। निगम की ओर से वहां चैक पोस्ट स्थापत कर कर्मचारियों की ड्यूटेी लगाई जाती थी। जिससे पशुओं को शहर में चोरी छिपे भी नहीं लाया जा सके। जिससे शहर में काफी राहत थी। लेकिन कोरोना काल के समय चैक पोस्ट नहीं लगाई गई थी। उसके बाद से तीन साल से अधिक का समय हो गया। कोटा उत्तर व दक्षिण निगमों ने चैक पोस्ट ही नहीं लगाई। जिससे शहर में थोड़े-थोड़े कर पशुओं को ग्रामीण क्षेत्रों से लाकर छोड़ा जा रहा है। यही कारण है कि बरसात में अचानक से शहर की सड़कों पर मवेशियों के झुंड जगह-जगह पर खड़े और बीच सड़क पर बैठे देखे जा सकते हैं। जिससे यातायात तो बाधित हो ही रहा है। साथ ही हादसों का भी खतरा बना हुआ है।
दो दिन पहले रोके सैकड़ों पशु
दो दिन पहले सुल्तानपुर दीगोद की तरफ से सैकड़ों की संख्या में पशुओं का झुंड शहर की तरफ लाया जा रहा था। गनीमत रही कि समय रहते सूचना मिलने पर निगम का अतिक्रमण निरोधक दस्ता मौके पर पहुंचा और सभी पशुओं को वापस मारवाड़ा चौकी तक खदेड़ दिया था। यदि ऐसा नहीं होता तो शहर में मवेशियों के झुंड ही झुंड नजर आते।
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