मालपुरा के सरकारी अस्पताल में घोटाले का बड़ा खेल उजागर
50 लाख का गबन: संबंधित प्रभारियों से होगी लगभग एक करोड़ की वसूली, नोटिस जारी
नोटिस में दोषी प्रभारियों को तीन दिवस में गबन की राशि के साथ-साथ ब्याज एवं शास्ति भी जमा करानी होगी। सूत्रों की माने तो संबंधित प्रभारियों से ब्याज सहित लगभग एक करोड़ की वसूली होगी।
न्यूज सर्विस/नवज्योति, मालपुरा। टोंक जिले के मालपुरा में राजकीय सामुदायिक अस्पताल में विशेष आॅडिट टीम द्वारा अपनी जांच पूरी करने के बाद लगभग पचास लाख रुपए के घोटाले का खुलासा हुआ है। विशेष जांच दल द्वारा तीसरी बार आॅडिट कर जांच रिपोर्ट निदेशालय, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, वित्त सलाहकार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, संयुक्त निदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सहित जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को सौंपी गई है।
बताया जा रहा है कि घोटाले के समय पदस्थापित रहे अस्पताल प्रभारियों से घोटाले की राशि की रिकवरी की जाएगी। विशेष जांच दल में शामिल जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग टोंक से एनआरएचएम के लेखाधिकारी भैंरूलाल बैरवा, संयुक्त निदेशक कार्यालय अजमेर से सहायक लेखाधिकारी प्रथम शिव कुमार, धर्मेन्द्र केवलरमानी तथा मदन लाल मीणा द्वारा जांच की गई। जांच में लगभग 50 लाख रुपए की राशि का गबन पाया गया है जिसमें से 48 लाख की राशि का गबन पूर्व प्रभारी, राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मालपुरा डॉ. अर्जुनदास तथा उनकी पत्नी विद्या मघनानी जो स्वयं भी अस्पताल प्रभारी के पद पर रही के कार्यकाल में किया गया है।
तीन दिन में राशि जमा कराने के निर्देश
नोटिस में दोषी प्रभारियों को तीन दिवस में गबन की राशि के साथ-साथ ब्याज एवं शास्ति भी जमा करानी होगी। सूत्रों की माने तो संबंधित प्रभारियों से ब्याज सहित लगभग एक करोड़ की वसूली होगी। पिछले दिनों एनआरएचएम में कार्यरत एक संविदाकर्मी द्वारा सुसाइड किए जाने तथा सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर एक संविदाकर्मी को गिरफ्तार किया था। विभाग की ओर से मालपुरा पुलिस थाने में कैशबुक व रिकार्ड चोरी के मामले की सूचना थाना पुलिस को दी गई थी।
इनका कहना है...
शिकायतकर्ता पंचायत समिति सदस्य शिमला चौधरी ने बताया कि सामुदायिक अस्पताल मालपुरा में परिवार कल्याण कार्यक्रम व आॅफ लाइन पर्चियों का भी बड़ा घोटाला किया गया है जिसकी उच्चस्तरीय जांच कराया जाना आवश्यक है। मुख्यमंत्री एवं चिकित्सा मंत्री को पत्र देकर निष्पक्ष एवं व्यापक जांच की मांग की है।
मालपुरा थानाधिकारी भूराराम खिलेरी ने बताया कि कैशबुक सहित रिकार्ड गायब होने की सूचना दी गई थी जिसके आधार पर रपट डाली गई थी, बाद में एफआईआर दर्ज करवाने की बात कही गई थी लेकिन कोई एफआईआर दर्ज नहीं करवाई गई।
सीएमएचओ डॉ. देवप्राज मीणा से मामले की जानकारी किए जाने पर उन्होंने बताया कि जांच दल द्वारा अभी तक मुझे कोई सूचना नहीं दी गई है। जांच कमेटी में शामिल सदस्यों से जानकारी कर ही कुछ बता सकता हूं।
पूर्व में अस्पताल प्रभारी रहे डॉक्टर अर्जुन दास ने बताया कि उनके रिटायरमेंट होने के 2 वर्ष बाद मामला सामने आया है उनके तथा उनकी पत्नी के प्रभारी रहने के दौरान आंतरिक सर्वेक्षण टीम ने आॅडिट में गड़बड़ी का पता लगाया है कहां चूक हुई है तथा लेखा शाखा के कर्मचारियों द्वारा कौन कौन से दस्तावेज नहीं जोड़े गए हैं इसका पता लगाएंगे। साथी एजी आॅफिस से आॅडिट की मांग करेंगे।

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