चार सौ करोड़ का बजट, फिर भी शहर की सड़कें बदहाल : बरसात में घरों के बाहर बन जाती है तलाई, सूखने पर उड़ती है धूल
अधूरी लाइनें छोड़कर चले गए ठेकेदार
स्थितियां यह है कि जिन क्षेत्रों में सीवरेज लाइन डाली जा रही है, वहां लाइन डाल दी गई है लेकिन अब तक वहां भराव या बजरी नहीं डाली गई है।
उदयपुर। नगर निगम का बजट भले ही 400 करोड़ का हो, लेकिन शहर की सड़कें तो आज भी दयनीय स्थितियों में ही है। जबकि, निगम की पूर्व में हुई बोर्ड बैठक में तय किया गया था कि इस बजट का एक चौथाई भाग यानी 100 करोड़ रुपए शहर की सड़कों के रखरखाव पर खर्च किया जाएगा। यह निर्णय वर्तमान में पूरी तरह से विपरीत साबित हो रहा है। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जिन क्षेत्रों में सड़कों का कार्य करवाया गया, वहीं पर वर्तमान में सीवरेज लाइन डालने के फेर में सड़कों को खोद दिया गया है। उस पर ही लापरवाही यह है कि कई क्षेत्रों में घरों के बाहर खोदी सड़कें वर्तमान में कीचड़ तलाई बन गई है। लोगों का घर में आना-जाना चुनौती बन गया है तो अपने वाहनों को दूसरी कॉलोनी में खड़ा करना पड़ रहा है। सबसे भयावह स्थितियां तो यह है कि वार्ड पार्षदों का भले ही कार्यकाल समाप्त हो चुका हो, लेकिन वार्डवासी इन सड़कों की समस्याओं को लेकर उन्हें उलहाना देने से नहीं चूक रहे। उधर, जब पूर्व पार्षद अपनी शिकायत लेकर निगम पहुंचते है तो उसकी भी सुनवाई नहीं हो पाती है।
अधूरी लाइनें छोड़कर चले गए ठेकेदार
स्थितियां यह है कि जिन क्षेत्रों में सीवरेज लाइन डाली जा रही है, वहां लाइन डाल दी गई है लेकिन अब तक वहां भराव या बजरी नहीं डाली गई है। इसके चलते वर्तमान में जारी बरसात के दौर में यहां कीचड़ के अलावा कुछ नहीं है। ठेकेदारों की माने तो उनके श्रमिक बुवाई के लिए चले गए हैं। इसके चलते श्रमिकों के अभाव में काम रोका गया है। जहां बजरी और भराव डाल दिया गया है, वहां पर पेचवर्क नहीं हो पाया है। इसके चलते वहां डाली गई मिट्टी बरसात में बह गई है तो सिर्फ बजरी रह गई है। जिससे दुपहिया वाहन फिसल रहे हैं और वाहनधारी घायल हो रहे हैं। इतना ही नहीं सड़कों की धूल घरों तक पहुंच रही है।
जिम्मेदारों का वास्ता नहीं
मामले में जिम्मेदारों का कोई वास्ता नहीं है। जनप्रतिनिधियों को भी इस समय में शिकायतें दर्ज करवाई गई है लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकल पाया है। जनप्रतिनिधि भी वार्डों से सामने आने वाली शिकायतों को लेकर पेंडिंग फाइल में ही डाली जा रही है। बता दें मामले मंे शहर विधायक से दैनिक नवज्योति ने भी पूर्व में इस संबंध में बातचीत की थी। विधायक जैन ने इस संबंध में आवश्यक बैठक बुलाकर स्थितियांे को सुधारने की बात कही थी, लेकिन वर्तमान में किसी तरह की कोई बैठक नहीं हो पाई है।

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