अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक की रिपोर्ट में आरोप, तुलसी गबार्ड ने कहा- रूसी हस्तक्षेप की गलत जानकारी ओबामा के अधिकारियों ने फैलाई
गबार्ड ने एक बयान में दावा किया कि पूर्व अधिकारी एक देशद्रोही षड्यंत्र में शामिल थे
अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने शनिवार को एक रिपोर्ट जारी कर आरोप लगाया कि ओबामा प्रशासन के अधिकारियों ने 2016 के चुनाव में रूसी हस्तक्षेप से संबंधित खुफिया जानकारी फैलाई थी
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने शनिवार को एक रिपोर्ट जारी कर आरोप लगाया कि ओबामा प्रशासन के अधिकारियों ने 2016 के चुनाव में रूसी हस्तक्षेप से संबंधित खुफिया जानकारी फैलाई थी। गबार्ड ने एक बयान में दावा किया कि पूर्व अधिकारी एक देशद्रोही षड्यंत्र में शामिल थे।
उन्होंने कहा कि उनका कार्यालय संभावित आपराधिक संदर्भों के लिए अमेरिकी न्याय विभाग (डीओजे) को सबूत सौंप रहा है। अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (डीएनआई) के कार्यालय ने शुक्रवार को खुलासा किया कि ओबामा प्रशासन ने 2016 चुनाव में रूस के तथाकथित हस्तक्षेप के मामले को तैयार किया जबकि खुफिया रिपोर्टें लगातार इसके विपरीत संकेत दे रही थीं। कार्यालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि गबार्ड ने ठोस सबूत का खुलासा किया है जो दर्शाता है कि कैसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा हिलेरी क्लिंटन के खिलाफ 2016 का चुनाव जीतने के बाद, तत्कालीन राष्ट्रपति ओबामा और उनके राष्ट्रीय सुरक्षा कैबिनेट के सदस्यों ने खुफिया जानकारी का निर्माण और राजनीतिकरण किया। डीएनआई ने पाया कि छह जनवरी, 2017 को जारी रूस के चुनाव हस्तक्षेप पर खुफिया समुदाय (आईसी) का आकलन, आईसी द्वारा पिछले छह महीनों में किए गए आकलनों के विपरीत था जिसमें चुनाव से पहले किए गए आकलन भी शामिल थे। बयान में यह भी संकेत दिया गया कि ओबामा प्रशासन ने नौ दिसंबर, 2016 को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद रूस के हस्तक्षेप की बात को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया।
शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया कि बैठक के बाद ओबामा के अधिकारियों ने वाशिंगटन पोस्ट सहित मीडिया संस्थानों में भ्रामक बयान लीक किया जिसमें कहा गया था कि रूस ने साइबर माध्यमों से चुनाव परिणाम में हस्तक्षेप करने का प्रयास किया भले ही वह सक्रिय रूप से प्रभावित न कर सके।
डीएनआई ने बयान में निष्कर्ष निकाला कि जनवरी 2017 का नया आईसी आकलन, स्टील डोजियर सहित, ट्रम्प के खिलाफ एक बदनाम अभियान के अंतर्गत झूठी सूचनाओं पर आधारित था। इसके परिणामस्वरूप राजनीतिक जांच एवं गिरफ्तारियां हुईं और अमेरिका-रूस में तनाव बढ़ गया। पिछले सप्ताह, फॉक्स न्यूज ने कहा था कि पूर्व सीआईए निदेशक जॉन ब्रेनन और मॉरीन कॉमी के पिता जेम्स के खिलाफ 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस के कथित हस्तक्षेप से संबंधित संभावित हेरफेर के लिए आपराधिक जांच चल रही है जिसमें कांग्रेस को कथित तौर पर गलत बयान देना भी शामिल है। उल्लेखनीय है कि 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के बाद, अमेरिकी अधिकारियों ने ब्रिटेन के पूर्व खुफिया अधिकारी क्रिस्टोफर स्टील के एक डोजियर पर भरोसा करते हुए, ट्रम्प और रूस के बीच कथित मिलीभगत के दावों की जांच की लेकिन अंतत: इसे साबित करने में असमर्थ रहे।
रूस ने अमेरिकी चुनावों सहित अन्य मामलों में हस्तक्षेप के अमेरिकी आरोपों का बार-बार खंडन किया। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने इन आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि विभिन्न देशों के चुनावों में रूसी हस्तक्षेप के आरोपों का समर्थन करने वाली कोई विश्वसनीय जानकारी उपलब्ध नहीं है।

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