जकार्ता बना दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर, टोक्यो को छोड़ा पीछे, यूएन ने जारी की लिस्ट
दिल्ली तीसरे और कोलकाता आठवें स्थान पर
यूएन की नई रिपोर्ट के मुताबिक, इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता 42 मिलियन की आबादी के साथ दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर बन गया है, जिसने टोक्यो को पीछे छोड़ दिया। टॉप-10 में दिल्ली, कोलकाता, ढाका, शंघाई और मनीला समेत 9 एशियाई शहर शामिल हैं।
जकार्ता। इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर बन गया है। यूएन की नई स्टडी के मुताबिक जकार्ता ने लिस्ट में टॉप पर आते हुए जापानी राजधानी टोक्यो को पीछे छोड़ दिया है। इस स्टडी में नए क्राइटेरिया का इस्तेमाल करते हुए सबसे ज्यादा आबादी वाले शहरों की लिस्ट जारी की गई है। इस लिस्ट में भारत की राजधानी दिल्ली और कोलकाता का नाम भी शुमार है। यूएन डिपार्टमेंट आॅफ इकोनॉमिक एंड सोशल अफेयर्स की वर्ल्ड अर्बनाइजेशन प्रॉस्पेक्ट-2025 रिपोर्ट में बताया गया है कि जनसंख्या डिवीजन के अनुमान के मुताबिक, इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में 42 मिलियन (4.2 करोड़) लोग रहते हैं। यह किसी दूसरे शहर के मुकाबले सबसे ज्यादा संख्या है। जकार्ता 1970 के दशक तक कुछ मिलियन की आबादी का शहर था। हालिया वर्षों में जकार्ता की आबादी बहुत तेजी से बढ़ी है।
दिल्ली और ढाका की आबादी
बांग्लादेश की राजधानी में सबसे ज्यादा जनसंख्या ढाका है। ढाका की आबादी 37 मिलियन (3.7 करोड़) है। तीसरे नंबर पर 33 मिलियन (3.3 करोड़) की आबादी के साथ टोक्यो है। यह यूएन की 2018 की पिछली रिपोर्ट से बिल्कुल अलग है। उस समय जापानी राजधानी टोक्यो को सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर आंका गया था। जकार्ता, ढाका और टोक्यो के अलावा टॉप-10 लिस्ट में भारत की राजधानी दिल्ली की आबादी 3.02 करोड, चीनी शहर शंघाई की जनसंख्या 2.96 करोड़, चीनी सिटी ग्वांगझ में 2.76 करोड़, फिलीपींस के मनीला में 2.47 करोड़ लोग रहते हैं।
एशियाई शहरों का दबदबा
दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाले शहरों में एशिया का दबदबा है। यूरोप और अरब के मुकाबले एशिया के शहरों में ज्यादा आबादी रहती है। दुनिया के 33 मेगासिटी में से 19 एशिया में हैं। वहीं इस लिस्ट के टॉप-10 सबसे ज्यादा आबादी वाले शहरों में से 9 एशिया के हैं। ये शहर- जकार्ता, ढाका, टोक्यो, नई दिल्ली, शंघाई, ग्वांगझू, मनीला, कोलकाता और सियोल हैं। टॉप-10 में एशिया के बाहर से अकेला शहर काहिरा है। रिपोर्ट के मुताबिक, 1950 के बाद से शहरों में रहने वाले लोगों की संख्या दोगुनी से ज्यादा हो गई है।

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