नई खोज : इंडोनेशिया में 1,40,000 वर्ष पुराने मानव जीवाश्म मिले, पशुओं और अन्य जीवों के भी छह हजार से अधिक जीवाश्म मिले 

दक्षिण पूर्व एशिया मानव के विकास में महत्वपूर्ण रहा

नई खोज : इंडोनेशिया में 1,40,000 वर्ष पुराने मानव जीवाश्म मिले, पशुओं और अन्य जीवों के भी छह हजार से अधिक जीवाश्म मिले 

इंडोनेशिया की मदुरा खाड़ी में अत्यधिक प्राचीन जीवाश्म मिलने से प्राचीन मानव के जीवन के बारे में नई जानकारियां हासिल होने की उम्मीद बंधी है

जकार्ता। इंडोनेशिया की मदुरा खाड़ी में अत्यधिक प्राचीन जीवाश्म मिलने से प्राचीन मानव के जीवन के बारे में नई जानकारियां हासिल होने की उम्मीद बंधी है। ये प्राचीन मानव होमो इरेक्टस (सीधे तन कर चलने वाले मनुष्य) थे। वे विकास की प्रक्रिया में बंदरों से विकसित ही हुए थे और आधुनिक मानव के रूप में सीधे तन कर चलना अभी सीखा ही था। उनके बारे में नए शोध इन जीवाश्मों के मिलने से किए जा सकते हैं। 

अच्छी पारिस्थितिकी में थे होमो इरेक्टस
ये जीवाश्म 1,40,000 (एक लाख 40 हजार) साल पुराने हैं। इनसे पता चलता है कि इंडोनेशिया के इस भाग में होमो इरेक्टस अच्छी पारिस्थितिकी में थे। शोधकर्ताओं को ये जीवाश्म समुद्र की सतह से भी नीचे मिले हैं। वहां मनुष्य के अलावा पशुओं और अन्य जीवों के भी छह हजार से अधिक जीवाश्म मिले हैं। 

दक्षिण पूर्व एशिया मानव के विकास में महत्वपूर्ण रहा
शोधकर्ताओं ने बताया कि दक्षिण पूर्व एशिया प्रारम्भिक मानव के विकास और सभ्य जीवन की ओर उनके अग्रसर होने की दिशा में महत्वपूर्ण रहा है। उल्लेखनीय है कि सीधे खड़े होकर चलने वाले प्रारम्भिक मनुष्यों के जीवाश्म इस क्षेत्र में मिलते रहे हैं। इसीलिए उन्हें जावा मानव नाम दिया गया था। 

समुद्र का जल स्तर बढ़ने से डूबा भूभाग
शोधकर्ताओं ने बताया कि हजारों साल पहले समुद्र का जल स्तर किसी कारण से ऊपर उठने के कारण  इस क्षेत्र का विशाल भूभाग समुद्र में डूब गया और सभ्यता उसमें नष्ट गई। इन जीवाश्मों से कई नई जानकारियां मिल सकती हैं और मानव सभ्यता के विकास के बारे में नई बातें सामने आ सकती हैं। 

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लाखों क्यूबिक मीटर गाद हटाने के बाद मिले जीवाश्म
ये जीवाश्म होमो इरेक्टस के बारे में बहुत कुछ बताते हैं। ये जीवाश्म जावा और मदुरा द्वीपों के बीच में मिले हैं। इन्हें लाखों क्यूबिक मीटर गाद को वहां से हटाने के बाद हासिल किया गया है। इस क्षेत्र को सुंडालैंड कहते हैं। इन जीवाश्मों पर किए गए शोध से पता चलता है कि यहां अनेक प्रजातियों की मछलियां, कछुए, शार्क मछलियां,गैंडे, हिप्पोपोटामस और हाथी मिलते थे। उनका होमो इरेक्टस(सीधे तन कर चलने वाले) मनुष्यों से सम्बंध था। तब होमो इरेक्टस उनका शिकार करते थे। 

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