दिवाली से पहले कहीं हो न जाए ब्लैक आउट !

प्रदेश के पॉवर प्लांटों मेें कोयले का संकट, फिलहाल चार प्लांटों की 11 यूनिट बंद

दिवाली से पहले कहीं हो न जाए ब्लैक आउट !

कोटा थर्मल पावर प्लांट में सात यूनिट हैं। इनमें से यूनिट एक, दो और तीन बंद पड़ी हुई है। यूनिट तीन तो लम्बे समय से बंद है। तकनीकी रखरखाव के लिए यूनिट को बंद किया गया था। जिसे अभी तक चालू नहीं किया गया है। यूनिट चार, पांच, छह व सात से बिजली उत्पादन जारी है। वहीं कोटा थर्मल में केवल तीन दिन का ही कोयला स्टॉक बचा हुआ है।

कोटा। दीपावली से पहले राजस्थान में बिजली गुल होने का संकट छाने लगा है। प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार हो रही बिजली कटौती और कई पॉवर प्लांट  बंद होने के बाद दिवाली के मौके पर गंभीर बिजली संकट के आसार जताए जा रहे हैं। इस बिजली संकट के पीछे कोयले की किल्लत सबसे बड़ा कारण है। राजस्थान सभी पॉवर प्लांटों में केवल तीन दिन का ही कोयला बचा है। ऐसे में आगामी दिनों में राजस्थान में कहीं ब्लैक आउट की नौबत नहीं आ जाए।  जानकारी के अनुसार राजस्थान के चार पॉवर प्लांट की 11 यूनिट्स फिलहाल बंद हो गई है, जिसमें सूरतगढ़ थर्मल पावर प्लांट की 4, कोटा थर्मल पावर प्लांट की 3, राजवेस्ट की 2, छबड़ा थर्मल पावर प्लांट की 1 और रामगढ़ की 1 यूनिट शामिल है। इन यूनिटों से बिजली उत्पादन नहीं हो रहा है। बताया जा रहा है कि बंद हुए प्लांटों से 2400 मेगावाट कैपिसिटी बिजली प्रोडक्शन होता था, जो अब ठप पड़ गया है। ऐसे में कोयले की कमी और बिजली यूनिटों के बंद होने से त्योहार से पहले प्रदेश में गहरा बिजली संकट आ सकता है। माना जा रहा है कि दिवाली से पहले राज्य को बड़े पावर कट का भी सामना करना पड़ सकता है।

कोटा पॉवर प्लांट में यह है स्थिति
कोटा थर्मल पावर प्लांट में सात यूनिट हैं। इनमें से यूनिट एक, दो और तीन बंद पड़ी हुई है। यूनिट तीन तो लम्बे समय से बंद है। तकनीकी रखरखाव के लिए यूनिट को बंद किया गया था। जिसे अभी तक चालू नहीं किया गया है। यूनिट चार, पांच, छह व सात से बिजली उत्पादन जारी है। वहीं कोटा थर्मल में केवल तीन दिन का ही कोयला स्टॉक बचा हुआ है। यहां पर रोजाना कोयले की 4 से 5 रैक आ रही है। यदि किसी भी दिन रैक उपलब्ध नहीं हो पाए तो अन्य यूनिट के भी बंद होने की संभावना है। 

26 दिन का कोयला स्टॉक होना जरूरी
केंद्र की गाइड लाइंस के मुताबिक थर्मल पॉवर प्लांटों में 26 दिन का कोयला स्टॉक होना जरूरी है, लेकिन कोयले की किल्लत की चलते राजस्थान के एक भी पॉवर प्लांट में गाइडलाइन की पालना नहीं हो पा रही है। प्रदेश के पॉवर प्लांटों में कोयले की कमी पिछले एक साल से बरकरार है। राजस्थान के सभी पॉवर प्लांट्स को पूरी क्षमता पर चलाने के लिए हर दिन 37 रैक कोयले की जरूरत होती है।

छत्तीसगढ़ से बंद है कोयला सप्लाई
जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को आवंटित की गई कोयला खान पारसा ईस्ट एंड कैंट बासन कोल ब्लॉक में कोयला खत्म हो गया है जिसके चलते 36000 मीट्रिक टन कोयले की सप्लाई बंद हो चुकी है। इससे करीब 2000 मेगावाट बिजली उत्पादन बंद हो गया है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के सरगुजा में 841 हैक्टेयर के एक्सटेंशन ब्लॉक में खनन पर छत्तीसगढ़ सरकार ने रोक लगा रखी है जिसके चलते वहां खनन शुरू नहीं हुआ है।

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 कोटा थर्मल पॉवर प्लांट में कई दिनों से कोयले की कमी बनी हुई है। यहां पर रोजाना कोयले की 4 से 5 रैक आ रही है जो काफी कम हैं। कोयले का स्टॉक भी तीन दिन का ही बचा है। इससे आगामी समय में परेशानी आ सकती है।
-राम सिंह शेखावत, अध्यक्ष राजस्थान विद्युत उत्पादन कर्मचारी संघ

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