बरसात-ओलावृष्टि ने तोड़े किसान के सपने

आधा दर्जन से अधिक जिलों में फसल को नुकसान

बरसात-ओलावृष्टि ने तोड़े किसान के सपने

सबसे अधिक नुकसान जीरा, चना, गेहूं और सब्जियों में बताया जा रहा है। हालांकि, किस जिले में कितना नुकसान हुआ, इसकी तथ्यात्मक जानकारी सात दिन बाद आपदा प्रबंधन विभाग को मिलेगी।

जयपुर। राज्य में बरसात और ओलावृष्टि ने किसानों के सपनों को तोड़ दिए हैं। प्रदेश के आधा दर्जन से अधिक जिलों में फसल को नुकसान हुआ है। आपदा प्रबंधन विभाग की प्रारम्भिक रिपोर्ट के अनुसार बाड़मेर, जालौर, उदयपुर, झालावाड़, कोटा, बारां और धौलपुर में रबी की फसल को नुकसान हुआ है। सबसे अधिक नुकसान जीरा, चना, गेहूं और सब्जियों में बताया जा रहा है। हालांकि, किस जिले में कितना नुकसान हुआ, इसकी तथ्यात्मक जानकारी सात दिन बाद आपदा प्रबंधन विभाग को मिलेगी। 

17 जनवरी को हुई गिरदावरी में 33 प्रतिशत नुकसान : राज्य में रबी फसल की 17 जनवरी को गिरदावरी कराई गई, जिसमें दस जिलों की फसल को 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ था। इसमें अलवर, बीकानेर, भरतपुर, दौसा, श्रीगंगानगर, जयपुर, जोधपुर, झुंझुनूं, नागौर और सीकर शामिल हैं।

23 जिलों में 33 प्रतिशत से कम नुकसान : राज्य के अजमेर, बारां, बांसवाड़ा, बाड़मेर, बूंदी, भ्ीालवाड़ा, चित्तौड़गढ़, चूरू, डूंगरपुर, धौलपुर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालौर, झालवाड़, करौली, कोटा, पाली, प्रतापगढ़, राजसमंद, सवाईमाधोपुर, सिरोही, टोंक और उदयपुर शामिल हैं। 
उदयपुर में 33 प्रतिशत फसल को नुकसान 
राज्य सरकार ने 30 जनवरी को भी रबी की फसल में हुए नुकसान की विशेष गिरदावरी के आदेश दिए थे, जिसमें उदयपुर में 33 प्रतिशत से अधिक फसल को नुकसान हुआ है। प्रदेश के बारां, भरतपुर, चित्तौड़गढ़, चूरू, डूंगरपुर, दौसा, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, करौली, नागौर, प्रतापगढ़, राजसमंद, सिरोही में फसल को शून्य नुकसान हुआ है, जबकि उदयपुर में 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान का अनुमान है।

कृषि विभाग को मिल रही है जानकारी
कृषि विभाग के टोल फ्री नम्बर पर बरसात और ओले से फसल को नुकसान की जानकारी मिल रही है। राज्य के अनेक हिस्सों में फसल को नुकसान हुआ है। ऐसे किसानों को फसल बीमा योजना के तहत लाभ दिया जाएगा।

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नहीं होती सही गिरदावरी
राज्य सरकार ने फसल की गिरदावरी के निर्देश दिए हैं, लेकिन किसानों को सरकार की गिरदावरी पर ही शक है। किसान नन्दकिशोर चौधरी बताते हैं कि किसान की 70 प्रतिशत से अधिक फसल खराब होने के बाद भी गिरदावरी में 33 प्रतिशत से कुछ अधिक या कम बताते हैं। इससे किसान को फायदा नहीं मिल पाता है। 

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