अपने ही खाली भूखंडों की पहचान में मुश्किल हो रही निगम को

न चारदीवारी है, न निगम सम्पति के बोर्ड

अपने ही खाली भूखंडों की पहचान में मुश्किल हो रही निगम को

नगर निगम की नाक के नीचे ही कई ऐसे भूखंड हैं जिन पर बरसों से अतिक्रमण हो रहा है लेकिन निगम उनके खिलाफ कार्रवाई तक नहीं कर पा रहा है।

कोटा। नगर निगम के पास अरबों रुपए की सम्पति  खाली भूखंडों के रूप में शहर में बिखरी पड़ी है। जिनकी अभी तक न तो नीलामी हुई है और न ही चार दीवारी व सम्पति के बोर्ड लगे हैं। जिससे उनकी पहचान कर पाना भी निगम के लिए  मुश्किल हो रहा है। नगर निगम में हर साल वित्तीय वर्ष का बजट पारित किया जाता है। जिसमें विभिन्न मदों से होने वाली और व्यय का प्रावधान किया जाता है। निगम खर्चा तो दिल खोलकर कर रहा है लेकिन आमदनी के नाम पर 40 से 50 फीसदी भी नहीं हो पा रही है। इसका कारण निगम की आय बढ़ाने पर बहुत कम ध्यान दिया जा रहा है। नगर निगम कोटा दक्षिण क्षेत्र में निगम के अरबों रुपए के भूखंड खाली पड़े हैं। जिन पर लोगों ने अतिक्रमण किया हुआ है। लेकिन निगम न तो उन पर से अतिक्रमण हटा पा रहा है और न ही उन पर चार दीवारी बनाने व सम्पति के बोर्ड लगा पा रहा है। जबकि नगर विकास न्यास द्वारा समय-समय पर अतिक्रमण हटाने के बाद उन पर न्यास की सम्पति के बोर्ड भी लगाए जा रहे हैं। 

निगम की नाक के नीचे ही अतिक्रमण
नगर निगम की नाक के नीचे ही कई ऐसे भूखंड हैं जिन पर बरसों से अतिक्रमण हो रहा है लेकिन निगम उनके खिलाफ कार्रवाई तक नहीं कर पा रहा है। प्रातप नगर दादाबाड़ी स्थित भूखंड पर तो पत्थर का स्टॉक संचालित हो रहा है। साथ ही एक कोचिंग संस्थान का वाहन स्टैंड संचालित हो रहा है। हालत यह है कि  उस पर चार दीवारी तक नहीं हो रही है।  इसी तरह से सीएडी रोड पर बकरा मंडी और उसके आस-पास ही तीन भूखंड  खाली पड़े हैं। जिन पर से निगम ने कई साल पहले अतिक्रमण हटाया था। लेकिन अभी तक भी उसकी न तो चार दीवारी करवाई है और न ही निगम सम्पति के बोर्ड लगाए हैं। जिससे एक भूखंड को तो लोगों ने कचरा घर बना रखा है। उस पर निजी वाहन खड़े किए जा रहे हैं। बकरा मंडी वाले भूखंड को अतिक्रमण मुक्त करवाकर उसकी एक तरफ से चार दीवारी ऊंची करवाई थी लेकिन लोगों ने उस चार दीवारी को तोड़कर वहां से मकानों का रास्ता निकाल लिया है। निगम के अधिकतर खाली भूखंडों पर अतिक्रमण हो रहा है। 

नीलामी होगी तो पता कैसे चलेगा भूखंड का
निगम सूत्रों के अनुसार निगम के करीब 62 भूखंड हैं। जिनकी निगम द्वारा नीलामी की कार्य योजना बनाई जा रही है। लेकिन नीलामी में बोली लगाने वाला यदि भूखंड देखने जाएगा तो उसे पता कैसे चलेगा कि निगम का भूखंड कौन सा है और कहां तक है। इसका कारण वहां न तो चार दीवारी हो रही है और ही निगम सम्पति के बोर्ड लगे हैं। यहां तक कि निगम अधिकारियों व कर्मचारियों तक को जानकारी नहीं है कि उनका भूखंड कहां तक है।  निगम सूत्रों के अनुसार खाली भूखंडों पर चार दीवारी करवाने व सम्पति के बोर्ड लगाने के संबंध में अधिकारियों को कई बार लिखा जा चुका है। अधिकारियों ने भी सम्बंधित कनिष्ठ अभियंता को आदेश तक किए हुए हैं लेकिन अभी तक भी कुछ काम नहीं हुआ है।  

बोर्ड बैठक में नेता प्रतिपक्ष ने उठाया था मुद्दा
नगर निगम कोटा दक्षिण की बजट बोर्ड बैठक 4 फरवरी को हुई थी। उस बैठक में नेता प्रतिपक्ष विवेक राजवंशी ने निगम के खाली भूखंडों को नीलाम करने का मुद्दा उठाया था। उन्होंने बताया कि था कि निगम के पास करीब 150 करोड़ से अधिक के भूखंड हैं। जिनकी नीलामी की जाए तो उनसे निगम को आय होगी। उस बैठक में महापौर राजीव अग्रवाल ने शीघ्र ही अधिकारियों की बैठक बुलाकर भूखंडों को नीलामी की कार्यवाही करने के आदेश दिए थे। 

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इनका कहना है

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नगर निगम कोटा दक्षिण में स्थित 
निगम के खाली भूखंडों को नीलाम करने की कार्यवाही की जाएगी। इस संबंध में गत दिनों महापौर की अध्यक्षता में बैठक हो चुकी है। साथ ही खाली भूखंडों पर चार दीवारी बनाने व सम्पति के बोर्ड लगाने की कार्यवाही भी शीघ्र ही की जाएगी। 
-राजेश डागा, उपायुक्त, नगर निगम कोटा दक्षिण 

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