नहीं होती सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना : प्रशासन के सामने एस्कॉर्ट करते हुए निकलते है बजरी से भरे वाहन

उपखण्ड क्षेत्र मारवाड़ जंक्शन सहित सम्पूर्ण क्षेत्र में खनन माफिया की प्लानिंग के आगे खनन व पुलिस विभाग फेल साबित हो रहा है।

नहीं होती सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना : प्रशासन के सामने एस्कॉर्ट करते हुए निकलते है बजरी से भरे वाहन

खनन विभाग व प्रशासन की कथित मेहरबानी से बजरी माफिया जमकर कमाई कर रहे है। बजरी माफिया अपने लग्जरी वाहनों के साथ बाइक से अपने वाहन को एस्कोर्ट करते है।

मारवाड़ जक्शन। उपखण्ड क्षेत्र मारवाड़ जंक्शन सहित सम्पूर्ण क्षेत्र में खनन माफिया की प्लानिंग के आगे खनन पुलिस विभाग फेल साबित हो रहा है। खनन विभाग प्रशासन की कथित मेहरबानी से बजरी माफिया जमकर कमाई कर रहे है। बजरी माफिया अपने लग्जरी वाहनों के साथ बाइक से अपने वाहन को एस्कोर्ट करते है। करीब छह किलोमीटर की दूरी में आगे पीछे वाहन को त्रिस्तरीय एस्कोर्ट कथित रूप से उपलब्य करवाया जाता है। प्रशासन के पैरोकार शांतिपूर्ण तरीके से काली कमाई करने में लगे हुए है।

शर्मसार करता सिस्टम का रवैया

बताया जा रहा है कि बजरी खनन पर रोक के सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना करवाने में जवाबदेय महकमों के अधिकारी कर्मचारी गंभीर नजर नहीं रहे, उल्टे इनकी उगाही का रवैया सारे सिस्टम को शर्मसार कर रहा है। बजरी खनन पर रोक के बाद से ही जवाबदार अधिकारियों-कर्मचारियों का यह रवैया रोजाना सड़कों पर देखा जा सकता है।

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31 जनवरी 2022 को नेशनल हाईवे 8 पर कामली घाट पुलिस चौकी से आगे बजरी से लदे डम्पर चालक ने बजरी माफियाओं के इशारे पर एक कार को बार.बार टक्कर मारकर उसमें सवार दो युवकों की निर्मम हत्या कर दी। उक्त अवैध बजरी परिवहन मारवाड़ क्षेत्र के आऊवा बाड़सा देवली सहित आस.पास के क्षेत्रों की नदी से डम्परों के मार्फत मेवाड़ क्षेत्र की मंडी पहुंचती है। उक्त हादसे के बाद सम्पूर्ण मारवाड़ क्षेत्र में भय का माहौल है।

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पूर्व थानाधिकारी गिरधर सिंह को बजरी परिवहन के एवज में मंथली लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था, बाद सरकार द्वारा पूर्व थानाधिकारी को निलंबित कर दिया था। बजरी माफियाओं के बीच बढ़ती वर्चस्व की लड़ाई पर प्रशासन ने समय रहते कानूनी शिकंजा नहीं कसा तो आशंका है हालात और अधिक बिगड़ जाएंगे।

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