प्रदेश में हर साल 75 हजार लोग तंबाकू-धूम्रपान के सेवन से होते हैं मौत का शिकार

विश्व तंबाकू निषेध दिवस आज

प्रदेश में हर साल 75 हजार लोग तंबाकू-धूम्रपान के सेवन से होते हैं मौत का शिकार

तंबाकू और धूम्रपान उत्पादों के सेवन से मुंह व गले के कैंसर के साथ शरीर में और कई तरह की बीमारियां होती है, लेकिन इसके बावजूद तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध नहीं लगना और जागरूकता के अभाव में लोग अकारण मौत का शिकार हो रहे हैं।

जयपुर। राजस्थान के युवाओं व किशोरों में तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों की लत काफी तेजी से बढ़ रही है, जो बेहद चिंता का विषय है। ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे के अनुसार राज्य में तंबाकू और अन्य धूम्रपान उत्पादों से होने वाले रोगों से प्रतिवर्ष 75 हजार से अधिक लोगों की मौत हो जाती है। देशभर में 13.5 लाख और विश्व में 80 लाख लोगों की जान इससे चली जाती है, जबकि प्रदेशभर में 300 से अधिक बच्चे और देशभर में 5500 बच्चे प्रतिदिन तंबाकू उत्पादों का सेवन शुरू करते हैं। तंबाकू और धूम्रपान उत्पादों के सेवन से मुंह व गले के कैंसर के साथ शरीर में और कई तरह की बीमारियां होती है, लेकिन इसके बावजूद तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध नहीं लगना और जागरूकता के अभाव में लोग अकारण मौत का शिकार हो रहे हैं।

राजस्थान में 24.7 प्रतिशत तंबाकू यूजर
आंकड़ों की मानें तो राजस्थान में वर्तमान में 24.7 प्रतिशत लोग (5 में से 2 पुरुष, 10 में से एक महिला) किसी न किसी रूप में तंबाकू उत्पादों का उपभोग करते हैं। इसमें 13.2 प्रतिशत लोग धूम्रपान के रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं, जिसमें 22 प्रतिशत पुरुष, 3.7 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। यहां पर 14.1 प्रतिशत लोग चबाने वाले तंबाकू उत्पादों का प्रयोग करते हैं, जिसमें 22 प्रतिशत पुरुष व 5.8 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं।

महीने भर तंबाकू के खर्च में प्रतिदिन पौष्टिक भोजन संभव 
सवाईमानसिंह अस्पताल जयपुर के कान-नाक-गला विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. पवन सिंघल ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति अगर पांच गुटखे एक दिन में खाता है और सिगरेट व बीड़ी पीने वाला भी इसी मात्रा में उपभोग करता है तो उसका अनुमानित खर्च 50 रुपए या इससे ज्यादा आता है। इतनी ही राशि से दो समय का भोजन किया जा सकता है, जो पूरी तरह से पौष्टिकता से भरपूर होता है। 

कैसे छोड़ें तंबाकू की लत
ईएसआई हॉस्पिटल के मनोरोग विभागाध्यक्ष डॉ. अखिलेश जैन ने बताया कि तंबाकू में निकोटीन रसायन से व्यक्ति को इसकी आदत लगती है। निकोटिन मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर को प्रभावित करता है, जो मूड और व्यवहार को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इनमे से एक न्यूरोट्रांसमीटर डोपामाइन प्रमुखतया मस्तिष्क के रिवार्ड सेंटर में अपना प्रभाव दिखाता है। इससे व्यक्ति को एक प्रकार से बेहतर मूड जैसी भावनाएं महसूस होती हैं। इसे बनाए रखने के लिए समय के साथ उसका तंबाकू का सेवन बढ़ता जाता है और वह इसका आदी हो जाता है। डॉ. जैन ने बताया कि तंबाकू छोड़ने पर शुरुआती कुछ दिनों में व्यक्ति को कुछ लक्षण जैसे तंबाकू की तीव्र इच्छा, चिंता, चिड़चिड़ापन, बेचैनी, ध्यान करने, उदास मन, हताशा, क्रोध, भूख में वृद्धि, अनिंद्रा, कब्ज या दस्त हो सकते हैं, जिन्हें चिकित्सकीय सलाह एवं कुछ बातों का ध्यान रख आसानी से काबू पाया जा सकता है। 

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