जेल में सीसीटीवी कैमरे लगाने आए कर्मचारी ने कैदियों के फोटो खींच घरवालों को भेजे, जेल प्रशासन संदेह के घेरे में

सीसीटीवी कैमरे लगाने वाला तकनीकी कर्मचारी गिरफ्तार

जेल में सीसीटीवी कैमरे लगाने आए कर्मचारी ने कैदियों के फोटो खींच घरवालों को भेजे, जेल प्रशासन संदेह के घेरे में

प्रदेश की एकमात्र हाई सिक्योरिटी जेल में सीसीटीवी कैमरे लगाने आए एक तकनीकी कर्मचारी युवक को अपराधियों के फोटो खींचकर उनके परिजन को भेजना भारी पड़ गया। वहीं जेल प्रशासन को भी पुलिस ने संदेह के घेरे में ले लिया है।

अजमेर। प्रदेश की एकमात्र हाई सिक्योरिटी जेल में सीसीटीवी कैमरे लगाने आए एक तकनीकी कर्मचारी युवक को अपराधियों के फोटो खींचकर उनके परिजन को भेजना भारी पड़ गया। वहीं जेल प्रशासन को भी पुलिस ने संदेह के घेरे में ले लिया है। हालांकि फोटो खींचने वाले युवक को जेल प्रशासन ने ही सिविल लाइंस थाना पुलिस के सुपुर्द किया और पुलिस ने इस संबंध में आरोपी युवक तथा बंदी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। शुक्रवार को उसे गिरफ्तार भी कर लिया गया। 

पकड़ा गया आरोपी युवक चांदना भाखर, जोधपुर निवासी अनिल (22) पुत्र डगल सिंह है। उसे जोधपुर जेल से ही दो साथियों के साथ हाई सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट किए गए बंदी रघुवीर सिंह व उसके साथियों के सेल में फोटो खींचकर उसके मामा के पुत्र निखिल सिंह को भेजने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी युवक के खिलाफ जेल अधीक्षक पारस जांगिड़ ने सिविल लाइंस पुलिस थाने में रिपोर्ट दी। जिस पर पुलिस ने गुरुवार को उसे शांतिभंग करने और शुक्रवार को उसे दर्ज मुकदमे में गिरफ्तार कर लिया। उसे गुरुवार रात को ही हिरासत में लिया गया था। उस दौरान उससे कड़ी पूछताछ की गई। उससे पूर्व उससे जेल प्रशासन ने भी कड़ी पूछताछ की थी। 

एक ही शहर के होने के नाते...
पता चला कि हाई सिक्योरिटी जेल में बंद खतरनाक अपराधी तथा सीसीटीवी लगाने आया आरोपी अनिल जोधपुर के ही निवासी हैं। जब अनिल उनके सेल के बाहर कैमरे फिट करने के बाद अपनी कंपनी के अधिकारियों को भेजने के लिए फोटो खींच रहा था। तब अनिल के साथ सुरक्षा के लिहाज से तैनात संतरी भी किसी काम से इधर-उधर चला गया। उस दौरान सेल में बंद बंदियों ने अनिल से बातचीत शुरू करते हुए अपना परिचय दिया। वे भी जोधपुर के ही निकले तो अनिल हार्डकोर बदमाशों की बातों में आ गया। बंदियों ने उसे कहा कि वह लोग जल्द ही जेल से बाहर निकलेंगे। जोधपुर में कभी उसे कोई भी काम पड़े तो वे उसकी मदद करेंगे। फिर रघुवीर सिंह व उसके साथी जेल की सेल में एक साथ खड़े हो गए। अनिल ने सेल की सलाखों के पीछे हाथ ले जाकर अपने आई-फोन से तीनों की फोटो खींच दी। फिर रघुवीर के बताए उसके मामा के पुत्र निखिल सिंह के वाट्सएप पर फोटो भेज दी। निखिल सिंह ने वह फोटो अपने वाट्सएप स्टेटस पर लगाकर वायरल कर दी।  

जोधपुर से शिफ्ट हुआ है रघुवीर
यहां उल्लेखनीय है कि रघुवीर सिंह जोधपुर के हार्डकोर गैंग विक्रम नांदिया का सदस्य है। उसने कुछ माह पूर्व हिस्ट्रीशीटर राकेश मांजू पर गोलीबारी की थी। यह वारदात जोधपुर की विक्रांत सिटी सोसाइटी में हुई थी। जिसमें मांजू गंभीर घायल हो गया था। गोलीबारी में सोसाइटी का गार्ड युवराज भी शामिल बताया गया था। जिसे वहां मांजू की रैकी करने के लिए ही रखवाया गया था। पिस्तौलों से की गई इस गोलीबारी में राकेश की गर्दन व पीठ में गोलियां लगी थीं। इसी प्रकरण में गिरफ्तार हार्डकोर गैंग का सदस्य होने के चलते रघुवीर को उसके 2 साथियों के साथ करीब 2 माह पूर्व यहां प्रदेश की इकलौती हाई सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट कर दिया था।

मिनटों में हो गया ‘खेल’
वाट्सएप स्टेटस पर हार्डकोर अपराधियों की फोटो वायरल होते ही कुछ ही देर में विरोधी पक्ष को इस बात का पता चला तो जोधपुर पुलिस और हाई सिक्योरिटी जेल प्रशासन को खबर की गई। उस समय फोटो खींचने वाला अनिल जेल परिसर में ही था। उसे जैसे ही इसकी भनक पड़ी उसने अपना फोन फोरमेट कर उसमें सभी फोटो आदि हटा दीं। इसी बीच दोपहर करीब सवा तीन बजे जेल प्रशासन ने अनिल को पकड़ लिया और उससे गहन पूछताछ शुरू कर दी गई। तब उसने स्पष्ट किया कि वह हार्डकोर बदमाशों की बातों में आकर दोपहर करीब पौने बारह बजे उनका फोटो खींचकर उसके ममेरे भाई निखिल सिंह को भेज बैठा था। बदमाशों ने उसे उनसे संपर्क करने के लिए उनके बाहरी साथियों के फोन नंबर भी दिए थे लेकिन उसने अपने मोबाइल फोन से सब डिलीट कर दिए। लंबी पूछताछ के बाद जेल अधीक्षक जांगिड़ ने अनिल को सिविल लाइंस थाना पुलिस के सुपुर्द कर दिया। साथ ही उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करवा दिया। 

संतरी सहित जेल प्रशासन संदेह के घेरे में
थाना प्रभारी दलबीर सिंह फौजदार के अनुसार अनिल को 42 कारागार अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है। इस प्रकरण में अनिल के साथ निगरानी पर मौजूद संतरी तथा जेल प्रशासन भी संदेह के घेर में है। क्योंकि हाई सिक्योरिटी जेल सहित प्रदेश की सभी जेलों में मोबाइल फोन ले जाने पर सख्त पाबंदी है। आरोपी से पूछताछ की जा रही है। उस पर हाई सिक्योरिटी जेल में तकनीक का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है। जल्द ही संतरी तथा दूसरे आरोपी रघुवीर सिंह से भी पूछताछ की जाएगी। पुलिस जेल अधिकारियों से भी पूछताछ करेगी। 

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इसलिए दी फोन ले जाने की अनुमति
जेल अधीक्षक पारस जांगिड़ ने बताया कि हाई सिक्योरिटी जेल में इन दिनों सीसीटीवी कैमरे लगाने का कार्य चल रहा है। इसका टेंडर राज कॉम कंपनी के नाम पर छूटा था, लेकिन राज कॉम ने यह टेंडर पीसीआईएल कंपनी को सबलेट कर दिया। जिसके तकनीकी कर्मचारी इन दिनों में यह कैमरे लगाने का कार्य कर रहे हैं। चूंकि कंपनी ने अपने कर्मचारियों के काम पर निगरानी रखने के लिए जेल प्रशासन से उनमें से एक को मोबाइल फोन पर लगाए गए कैमरों के साथ फोटो खींच कर कंपनी के अधिकारियों को वाट्सएप भेजने की अनुमति दिलवाई थी। इसलिए एक कर्मचारी रोजाना अपना फोन लेकर आता था। किन्तु गुरुवार को वह बीमार होने के कारण नहीं आया। इसलिए उसकी जगह अनिल को यह फोन ले जाने दिया गया था।

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Tags: ajmer jail

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