बजट कम होेने की दुहाई देकर नहीं लगाए सीसीटीवी कैमरे
प्रदेश के हर थाने में सीसीटीवी लगाए जाने का मामला अभी अटका हुआ है।
जयपुर कमिश्नरेट की बात करें तो यहां सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना में कैमरे लगाने काम मालवीय नगर थाने में हुआ था। बाकी अभी कुछ थानों को छोड़कर मामला अधर में है।
जयपुर। प्रदेश के हर थाने में सीसीटीवी लगाए जाने का मामला अभी अटका हुआ है। जयपुर कमिश्नरेट की बात करें तो यहां सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना में कैमरे लगाने काम मालवीय नगर थाने में हुआ था। बाकी अभी कुछ थानों को छोड़कर मामला अधर में है। अब सीसीटीवी लगाने के लिए स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने और अतिरिक्त बजट की मांग की है। यदि यह बजट मिलेगा तब ही सभी थाने सीसीटीवी से लैस हो सकेंगे।
यह था मामला
वित्तीय वर्ष 2019-20 की बजट घोषणा के अनुसार थानों में पारदर्शिता लाने के लिए दो वर्षों में हर थाने में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसकी क्रियान्विति के लिए स्टेट क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो को हर थाने में 6-6 सीसीटीवी कैमरों की स्थापना करने के लिए पुलिस आधुनिकीकरण योजना के तहत 1694.80 लाख रुपए उपलब्ध कराए जा चुके हैं। एससीआरबी पुलिस थानों में सीसीटीवी के लिए कार्रवाई कर रहा है।
यह था सुप्रीम कोर्ट का आदेश
उच्चतम न्यायालय ने स्पेशल लीव पिटीशन में दो दिसम्बर 2020 को हर थाने में न्यूनतम 16 सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए आदेशित किया था, जिनकी स्टोरेज क्षमता प्राथमिकता के आधार पर 18 माह और अनिवार्यता के आधार पर 12 माह निर्धारित की गई है। एससीआरबी ने न्यायालय के आदेश की पालना के लिए कैमरों की संख्या में वृद्धि और स्टोरेज क्षमता के आधार पर अब सभी पुलिस थानों में कैमरे लगाने के लिए 4647.29 लाख रुपए अनुमानित खर्चा बताया है। यदि बजट घोषणा में यह बजट मिल जाएगा तो सीसीटीवी कैमरे लग जाएंगे।
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