
ऋण देने की मुहिम में 50 प्रतिशत टारगेट भी पूरा नहीं कर पाए बैंक
1.15 लाख आवेदन बैंकों में ही अटके है
योजना एक साल और बढ़ गई है, लेकिन दो साल में 2.26 लाख युवा बेरोजगारों को ही लोन मिला, जो लक्ष्य का 44.81 प्रतिशत है। जयपुर, अजमेर और कोटा 50 प्रतिशत ही टारगेट पूरा कर पाए हैं।
जयपुर। प्रदेश में इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना के तहत बिना गारंटी के 50 हजार तक का ब्याज मुक्त ऋण देने के अभियान पर बैंकों ने रोक लगा दी हैं। 5 लाख से अधिक का लोन देने के लक्ष्य की तुलना में 1.15 लाख आवेदन बैंकों में ही अटके है। योजना एक साल और बढ़ गई है, लेकिन दो साल में 2.26 लाख युवा बेरोजगारों को ही लोन मिला, जो लक्ष्य का 44.81 प्रतिशत है। जयपुर, अजमेर और कोटा 50 प्रतिशत ही टारगेट पूरा कर पाए हैं।
कार्ड की जगह ऋण का प्रावधान
पहले योजना के तहत जिलों में युवाओं, बेरोजगारों व पथ विक्रेताओं को के्रडिट कार्ड जारी किए जाने थे, लेकिन बाद में योजना का प्रारूप बदलकर कार्ड की जगह ऋण वितरण की व्यवस्था की गई है। योजना के तहत लिए जाने वाले ऋण को लाभार्थी को एक साल में लौटाने का प्रावधान है।
क्या है योजना
राज्य सरकार ने शहरी रेहड़ी-पटरी वालों तथा सेवाक्षेत्र के युवाओं व बेरोजगारों को स्वरोजगार के लिए इंदिरा गांधी शहरी के्रडिट कार्ड योजना-2021 शुरू की। योजना में बिना गारंटी 50 हजार ब्याज मुक्त ऋण देने का प्रावधान है। मुख्यमंत्री ने कोरोना महामारी के दृष्टिगत शहरी क्षेत्रों में रोजगार, स्वरोजगार तथा रोजमर्रा की जरुरतों के लिए वित्तीय संसाधनों के लिए बजट में योजना की घोषणा की थी।
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