
मोदी बताएं कि ईआरसीपी पर उनके वादे पर चुप क्यों हैं: तिवारी
गहलोत सरकार ने अपने राजस्व से 14 हजार करोड़ इस प्रोजेक्ट पर खर्च करने का निर्णय लिया।
तिवारी ने कहा कि राजस्थान सरकार ने प्रति व्यक्ति आमदनी में सुधार किया तो जीडीपी में भी सुधार करके दिखाया। राजस्थान की जनता से अपील करना चाहता हूं कि गहलोत सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को देखते हुए एक बार फिर 5 साल के लिए मौका दें।
जयपुर। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने मंगलवार को पीसीसी मुख्यालय पर मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे जयपुर दौरे में ईआरसीपी मुद्दे पर अपनी चचुप्पी तोड़ें। उन्होंने कहा कि भाजपा की नीति और नियत में सदा फर्क रहता है। वो कहते कुछ और हैं और करते कुछ और हैं। मोदी जब आज जयपुर दौरे पर आ रहे हैं तो हम उनसे कुछ सवाल पूछना चाहते हैं। मोदी 5 साल पहले राजस्थान में आकर ईआरसीपी पर बोले थे लेकिन अब उस पर कुछ नहीं बोल रहे। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत का भी इस पर रवैया ठीक नहीं रहा। केंद्र ने जब वादा नहीं निभाया तो गहलोत सरकार ने अपने राजस्व से 14 हजार करोड़ इस प्रोजेक्ट पर खर्च करने का निर्णय लिया।
तिवारी ने कहा कि राजस्थान सरकार ने प्रति व्यक्ति आमदनी में सुधार किया तो जीडीपी में भी सुधार करके दिखाया। राजस्थान की जनता से अपील करना चाहता हूं कि गहलोत सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को देखते हुए एक बार फिर 5 साल के लिए मौका दें। अर्थव्यवस्था में बढ़त के सवाल और राजस्थान के वित्तीय घाटे पर कहा कि आमदनी और खर्च का परिपेक्ष्य देखने पर पता चलता है कि विश्व स्तर पर मानदंड क्या है। केंद्र सरकार के मानदंडों से तुलना करने पर अलग बात सामने आएगी। 4 प्रतिशत वित्तीय घाटा कोई बड़ी बात नहीं है। राजस्थान में बेहतरीन योजनाओं को लागू करने में कोई परेशानी नहीं आने दी। विकास हमारी बुनियादी प्राथमिकता है।
चुनावी समय में ईआरसीपी का मुद्दा उठाने के सवाल पर तिवारी ने कहा कि हम राजस्थान में बहुत पहले से यह मुद्दा उठा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने इसलिए यह प्रोजेक्ट नहीं होने दिया क्योंकि यहां कांग्रेस की सरकार बन गयी। पंजाब में अमरिंदर सिंह विवाद और राजस्थान में गहलोत-पायलट विवाद पर उन्होंने कहा कि इनकी तुलना नहीं की जा सकती। पंजाब में अलग परिस्थिति हैं लेकिन यहां गहलोत और पायलट मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं।
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