सिटी पैलेस में खुली 'रथ खाना' ट्रांसपोर्ट गैलरी
सिटी पैलेस में अपनी तरह की एक अनूठी ट्रांसपोर्ट गैलरी - 'रथ खाना' खोली गई है, जिसमें विभिन्न ट्रांसपोर्ट के साधनों के माध्यम से पूर्व शासकों की शक्ति, तीर्थयात्रा और उनके अनुभवों को प्रदर्शित किया जा रहा है।
जयपुर। ट्रांसपोर्ट (परिवहन) ने राजपूत शासकों को मित्र-राष्ट्रों से भेंट करने, शिकार करने, तीर्थयात्रा पर जाने, युद्ध छेड़ने और अपने क्षेत्र में औपचारिक परेड के माध्यम से अपने शासन का दावा करने में सक्षम बनाया। सिटी पैलेस में अपनी तरह की एक अनूठी ट्रांसपोर्ट गैलरी - 'रथ खाना' खोली गई है, जिसमें विभिन्न ट्रांसपोर्ट के साधनों के माध्यम से पूर्व शासकों की शक्ति, तीर्थयात्रा और उनके अनुभवों को प्रदर्शित किया जा रहा है।
गैलरी में प्रदर्शित ट्रांसपोर्ट में 19वीं शताब्दी की जल झुलनी नाव जिस पर जल झुलनी एकादशी पर तालकटोरा झील पर कृष्ण की मूर्ति को सवारी कराई जाती थी; 18वीं-19वीं सदी का एक पोर्टेबल सिंहासन 'तख्त-ए-रावण', जिसका उपयोग विशेष अवसरों पर शासक को ले जाने के लिए किया जाता था; 18वीं सदी की हाथ से बनाई गई चांदी की 'कार्ट' जो विलासिता का प्रतीक है; महाराजा सवाई माधो सिंह द्वितीय की 20वीं सदी की बग्गी और हाथी कवच का सूट आदि शामिल हैं।
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