सहारा इंडिया के मुख्य प्रबंधक सुब्रतो राय सहित अन्य न्यायालय में तलब

मामले में सुनवाई 30 मई को

सहारा इंडिया के मुख्य प्रबंधक सुब्रतो राय  सहित अन्य न्यायालय में तलब

धोखाधड़ी के एक मामले में एडीजे क्रम संख्या-दो कोटा ने पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई करते हुए सहारा इंडिया के मुख्य प्रबंधक सुब्रतो राय सहित अन्य को नोटिस जारी कर न्यायालय में तलब किया है।

कोटा ।  धोखाधड़ी के एक मामले में एडीजे क्र्रम संख्या-दो कोटा  ने  पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई करते हुए सहारा इंडिया के मुख्य प्रबंधक सुब्रतो राय सहित अन्य को नोटिस जारी कर न्यायालय में तलब किया है। न्यायालय में अगली सुनवाई 30 मई को होगी।

मामले में फरियादी  नरेश वर्मा,अब्दुल अनीस, ओम प्रकाश प्रजापति, अब्दुल  जहीर,पंकज चित्तौड़ा,मोहम्मद जाफर कुरैशी, हेमंत  नागर ने अपने अधिवक्ता दिनेश सिंह के जरिए निचली अदालत के निर्णय को चुनौती देते हुए पुनरीक्षण याचिका पेश की थी। जिसमेें बताया  गया कि अधीनस्थ न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रट क्रम संख्या-5 उत्तर कोटा द्वारा 8 मार्च 2022 को सहारा इंडिया कोटा के खिलाफ धारा 406 आईपीसी में प्रसंज्ञान लिया गया और कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधक कोटा को 1000 रुपए के जमानती वारंट से तलब किया गया। जबकि उसने सहारा इंडिया के मुख्य प्रबंधक सुब्रतो राय,जोनल मैनेजर सज्जन सिंह, प्रशांत वर्मा, श्वेतांक सक्सेन, गिर्राज सिसोदिया,एरिया मैनेजर दीपांकर वर्मा, प्रबंधक कोटा शेर सिंह, रियासत अली, एक्यू खान के खिलाफ अधीनस्थ न्यायालय में परिवाद पेश किया गया था। जिसमें बताया गया था कि  सहारा इंडिया के अभिकर्ताओं द्वारा निवेशकों का निवेश सहारा इंडिया की विभिन्न योजनाओं में किया गया था। कई योजनाओं में निवेशकों की राशि परिपक्व होने के बाद भी सहारा इंडिया द्वारा निवेशकों का भुगतान नहीं किया गया। जब परिवादी के मुख्य प्रबंधक सुब्रतो राय, ओपी श्रीवास्तव,जोनल मैनेजर सज्जनसिंंह, प्रशांत वर्मा, रीजनल मैनेजर श्वेतांक सक्सेना, सेक्टर मैनेजर गिर्राज सिसोदिया,एरिया मैनेजर दीपांकर वर्मा, प्रबंधक शेर सिंह, प्रिसीपल पीएफएम  रियासत अली, जोनल चीफ एक्यू खान कोई संतोषप्रद जवाब नहीं देते हैं। साथ ही अभिकर्ताओं द्वारा निवेशकोें का भुगतान करने के लिए दबाव बनाया जाता है तो उनकी एजेंसी को रद्द किया जा रहा है और निवेशकोें व अभिकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार करते हैं, लेकिन अभिकर्ताओं द्वारा की गई कस्टमर की पॉलिसी का भुगतान करने के बजाए अभिकर्ताओं व निवेशकों के साथ गाली गलोच तथा पुलिस की धमकी दी जाती है।  सहारा इंडिया के कर्मचारियों द्वारा मारपीट भी करवाई जा रही है। जबकि कंपनी में निवेशकों की एफडी, आरडी को मैच्योर हुए एक-दो वर्ष हो गए हैं।

इस मामले में सक्षम पुलिस थाना, पुलिस अधीक्षक को शिकायत दी गई,लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई। इस मामले में अदालत ने धारा 420, 406, 120 बी, 341, 323, 34 आईपीसी में अपराध मानते हुए सभी के खिलाफ जांच के लिए थाना भीमगंजमंडी को भेजा गया था। पुलिस मामले में अनुसंधान के दौरान मामला सिविल नेचर का मानते हुए एफआर पेश कर दी थी। अधीनस्थ न्यायालय के समक्ष मुख्य प्रबंधक, जोनल मैनेजर, प्रशांत वर्मा, सैक्टर मैनजर, एरिया मैनेजर दीपांकर को परीक्षित करवाते हुए सहारा इंडिया के खिलाफ धारा 406 में प्रसंज्ञान लिया गया और कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधक कोटा को ही एक हजार रुपए के जमानती वारंट से तलब किया गया। जबकि अधीनस्थ न्यायालय द्वारा रिकॉर्ड में उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर धारा 420, 406, 120 बी, 323, 341, 34 आईपीसी का अपराध प्रमाणित होने के बाद भी मात्र 406 आईपीसी के अपराध में प्रसंज्ञान लिया गया। इसलिए निगरानी निगराकार को  स्वीकार कर योग्य अधीनस्थ न्यायालय द्वारा पारित आदेश को संशोधित करते हुए  सभी के खिलाफ  प्रसंज्ञान लेते हुए कार्रवाई अमल में लाई जाए। मामले में एडीजे क्र्रम संख्या दो ने पुनरीक्षण याचिका को स्वीकार करते हुए कंपनी के सभी आरोपियों के खिलाफ नोटिस जारी करते हुए तलब किया है।

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