गरीबी से लड़ने में भारत की जीत : सबका साथ, सबका विकास सबका विश्वास, सबका प्रयास

नौकरियों का औपचारिकीकरण बढ़ रहा है

गरीबी से लड़ने में भारत की जीत : सबका साथ, सबका विकास सबका विश्वास, सबका प्रयास

वर्ष 2014 से भारत की कल्याणकारी संरचना अंत्योदय, देश के प्रत्येक व्यक्ति का उत्थान और विकास सुनिश्चित करने के सिद्धांत से निर्देशित रही है

नई दिल्ली। वर्ष 2014 से भारत की कल्याणकारी संरचना अंत्योदय, देश के प्रत्येक व्यक्ति का उत्थान और विकास सुनिश्चित करने के सिद्धांत से निर्देशित रही है। इस दर्शन ने समावेशी सशक्तिकरण के निर्णायक बदलाव, जिसमें सरकार ने प्रत्येक प्रमुख योजना में 100% संतृप्ति का लक्ष्य रखा है, को रूप दिया है।  पिछले ग्यारह वर्षों में, करोड़ों वंचित परिवारों को पहली बार नल का पानी, बिजली, शौचालय, आवास, स्वास्थ्य सेवा, स्वच्छ खाना पकाने का ईंधन, बीमा और डिजिटल सेवाओं जैसी आवश्यक सुविधाएँ प्राप्त हुई हैं। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा जारी 2023 वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) ने भारत में बहुआयामी गरीबी के सभी दस संकेतकों में उल्लेखनीय गिरावट की पुष्टि की। ये उपलब्धियाँ शासन के एक नए युग को दर्शाती हैं - जो समानता पर आधारित है, आंकड़ों द्वारा पुष्ट हैं, और प्रत्येक नागरिक की सेवा करने के संकल्प द्वारा संचालित है।

भारत बदल रहा है, और यह तेजी से बदल रहा है। लोगों का आत्मविश्वास, सरकार पर उनका भरोसा और एक नया भारत बनाने की प्रतिबद्धता हर जगह दिखाई दे रही है।    -नरेंद्र मोदी, पीएम 

गरीबी से लड़ने में भारत की जीत
भारत ने गरीबी के खिलाफ अपनी लड़ाई में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं, जो सबसे कमजोर लोगों के उत्थान के लिए उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। विश्व बैंक के स्प्रिंग 2025 गरीबी और समानता ब्रीफ के अनुसार, देश ने पिछले दशक में 171 मिलियन लोगों को अत्यधिक गरीबी से बाहर निकाला है। प्रतिदिन 2.15 डॉलर से कम पर जीवन यापन करने वाली आबादी का हिस्सा तेजी से गिरा है - 2011-12 में 16.2% से 2022-23 में केवल 2.3% रह गया।

प्रगति को सशक्त बनाना: जीवन का उच्च स्तर और नौकरियों का औपचारिकीकरण
जीवन के बढ़ते मानक ग्रामीण भारत में, औसत मासिक प्रति व्यक्ति उपभोग व्यय (एमपीसीई) 2011-12 में 1,430 रु से बढ़कर 2023-24 में 4,122 रु हो गया, जो लगभग तीन गुना वृद्धि है। इसी तरह, इसी अवधि के दौरान शहरी एमपीसीई 2,630 रु से बढ़कर 6,996 रु हो गया। महत्वपूर्ण रूप से, कुल उपभोग में भोजन की हिस्सेदारी घट गई है (ग्रामीण क्षेत्रों में 52.90% से 47.04% तक), जो शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, आवास और टिकाऊ वस्तुओं पर खर्च की ओर बदलाव का संकेत देता है।

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नौकरियों का औपचारिकीकरण बढ़ रहा है
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने मार्च 2025 के लिए अनंतिम पेरोल डेटा जारी किया है, जिसमें 14.58 लाख सदस्यों की शुद्ध वृद्धि का खुलासा हुआ है। साल-दर-साल विश्लेषण से पता चलता है कि मार्च 2024 की तुलना में शुद्ध पेरोल वृद्धि में 1.15% की वृद्धि हुई है, जो रोजगार के अवसरों में वृद्धि और कर्मचारी लाभों के बारे में बढ़ती जागरूकता को दर्शाता है।

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बीमारी से आश्वासन तक: आयुष्मान भारत और उससे परे आयुष्मान भारत
आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) 55 करोड़ भारतीयों को मुफ़्त स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करती है, जो इसे दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य आश्वासन योजना बनाती है। सरकार ने इसके अलावा, 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी नागरिकों को, चाहे उनकी आय कुछ भी हो, के लिए आयुष्मान वय वंदना योजना शुरू की। 

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सभी के लिए खाद्य सुरक्षा
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) को देश में कोविड-19 में हुए आर्थिक व्यवधानों के कारण गरीबों और जरूरतमंदों को होने वाली कठिनाइयों को कम करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। इस योजना ने बड़े पैमाने पर और तेजी से काम किया, अप्रैल 2020 से 81 करोड़ लोगों को मुफ़्त राशन प्रदान किया। 

प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) ने लाखों लोगों को किफायती सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मई 2025 तक, इस योजना ने 51.06 करोड़ व्यक्तियों का संचयी नामांकन प्राप्त किया है, जो इसकी व्यापक पहुंच को दर्शाता है।

पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना 
पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएम जेजेबीवाई) एक साल की जीवन बीमा योजना है, जिसे हर साल नवीनीकृत किया जा सकता है। यह किसी भी कारण से मृत्यु होने पर 436 रुपए प्रति वर्ष के प्रीमियम पर 2 लाख रुपए का कवरेज प्रदान करती है। मई 2025 तक, 23.64 करोड़ लोग पीएम जेजेबीवाई द्वारा बीमित किए गए हैं।

शिक्षा और रोजगार: 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण
रोजगार और शैक्षणिक संस्थानों के प्रवेश में 10% ईडब्ल्यूएस आरक्षण संविधान (एक सौ तीन) संशोधन अधिनियम 2019 के अनुसार लागू किया गया है। ईडब्ल्यूएस लाभार्थियों की पहचान करने के लिए सरकार द्वारा 8 लाख रुपए की वार्षिक पारिवारिक आय सीमा तय की गई है।

सभी को बुनियादी सुविधाओं का प्रावधान सुनिश्चित करना
स्वच्छ जल, स्वस्थ जीवन: जल जीवन मिशन: जल जीवन मिशन (जेजेएम) हर घर जल ने पहुँच और गरिमा को फिर से परिभाषित किया। 15.59 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में अब नल के पानी के कनेक्शन हैं। इनमें से 12 करोड़ से अधिक पिछले पाँच वर्षों में जोड़े गए हैं। आदिवासी और आकांक्षी जिलों में काफी लाभ हुआ है, जहाँ 7,275 विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूहों के गाँव और 25,962 आदिवासी गाँव अब पूरी तरह से संतृप्त हैं। 9.35 लाख से अधिक स्कूलों में अब नल के पानी की पहुँच है, जो भावी पीढ़ियों के स्वास्थ्य को सुरक्षित करता है।

अपना घर: सबके लिए आवास
ग्रामीण और शहरी भारत में कई परिवारों के लिए, एक पक्का घर कभी एक असाध्य सपना था। प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) ने इस कहानी को बदल दिया। पीएमएवाई के दो घटक हैं: शहरी और ग्रामीण। पीएमएवाई के तहत कुल लगभग 4 करोड़ घर बनाए जा चुके हैं। 

जीवन को रोशन करना: अंधेरे से सभी के लिए बिजली तक
अभी हाल तक, लाखों ग्रामीण घर बिजली कनेक्शन की उम्मीद में रहते थे। सौभाग्य और दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के शुभारंभ के साथ, यह बदलाव शुरू हुआ। आज, सौभाग्य योजना के तहत 2.86 करोड़ घरों में बिजली पहुंचाई गई है। 2014 में औसत ग्रामीण बिजली आपूर्ति 12.5 घंटे से बढ़कर 2025 में 22.6 घंटे हो गई है, जिससे जीवन की गुणवत्ता और आर्थिक उत्पादकता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। 

स्टैंड अप इंडिया योजना
स्टैंड-अप इंडिया योजना का उद्देश्य अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और महिलाओं के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देना है, जिसके तहत अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की प्रत्येक शाखा से कम से कम एक अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उधारकर्ता और एक महिला उधारकर्ता को व्यापार, विनिर्माण, सेवा क्षेत्रों और कृषि से संबंधित गतिविधियों में ग्रीनफील्ड उद्यम स्थापित करने के लिए 10 लाख रुपये से 100 लाख रुपये के बीच मूल्य के बैंक ऋण की सुविधा प्रदान की जाती है। 2019-20 में, स्टैंड-अप इंडिया योजना को 2020-25 की 15वें वित्त आयोग की पूरी अवधि के लिए बढ़ा दिया गया था।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना विनिर्माण, व्यापार, सेवाओं और कृषि से संबंधित काम जैसी आय पैदा करने वाली गतिविधियों के लिए सूक्ष्म और लघु व्यवसाय इकाइयों को 20 लाख रुपए तक के संस्थागत वित्त तक पहुँच प्रदान करती है। मार्च 2025 तक, योजना की शुरूआत से 52.77 करोड़ से अधिक ऋण खाते खोले जा चुके हैं। अब भी तक 33.33 लाख करोड़ रुपए की राशि वितरित की गई।

प्रधानमंत्री जन धन योजना

पीएम जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) को वित्तीय समावेशन के लिए राष्ट्रीय मिशन के रूप में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य हर घर में कम से कम एक बुनियादी बैंक खाते के साथ बैंकिंग सुविधाओं तक सार्वभौमिक पहुँच प्रदान करना था। मार्च 2025 तक मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • पीएम जन धन खाते: 55.17 करोड़
  • खातों में जमा: 2,61,461.25 करोड़ रुपये
  • महिला खाते: 30.80 करोड़

पीएम स्वनिधि
पीएम स्वनिधि को कोविड-19 महामारी में प्रतिकूल रूप से प्रभावित व्यवसायों को फिर से शुरू करने के लिए स्ट्रीट वेंडरों को संपार्श्विक मुक्त कार्यशील पूंजी ऋण की सुविधा देने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। 31 मार्च, 2025 तक, 68 लाख स्ट्रीट वेंडरों को पीएम स्वनिधि के माध्यम से ऋण मिला।

पीएम विश्वकर्मा योजना
आधुनिक अर्थव्यवस्था में लाखों कारीगर और शिल्पकार एक बार गुमनामी में चले गए थे। पीएम विश्वकर्मा योजना बिना किसी जमानत के ऋण, टूलकिट, डिजिटल प्रोत्साहन और विपणन सहायता प्रदान करती है। 2.37 मिलियन पंजीकृत कारीगरों और लगभग 1 मिलियन को टूलकिट प्रोत्साहन प्राप्त होने के साथ, पारंपरिक कौशल को मान्यता दी जा रही है, पुरस्कृत किया जा रहा है और पुनर्जीवित किया जा रहा है।

लखपति दीदी योजना
लखपति दीदी एक स्वयं सहायता समूह की सदस्य होती है, जिसकी वार्षिक घरेलू आय 1,00,000 रुपए से अधिक होती है। अब तक 10 करोड़ से अधिक महिलाएँ स्वयं सहायता समूहों का हिस्सा बन चुकी हैं और सरकार ने 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का संकल्प लिया है।

कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी)
ईएसआईसी श्रमिकों के लिए चिकित्सा लाभ, नकद लाभ और बेरोजगारी भत्ता सहित एक व्यापक सामाजिक सुरक्षा नेट प्रदान करता है। नियोक्ताओं का अंशदान 4.75% से घटाकर 3.25% कर दिया गया है तथा कर्मचारियों का अंशदान 1.75% से घटाकर 0.75% कर दिया गया है।

ट्रांसजेंडरों-विकलांग व्यक्तियों के लिए सम्मान तथा सुरक्षा
सच्ची समावेशिता का अर्थ सबसे अधिक हाशिए पर पड़े विकलांग  तथा ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए सम्मान तथा सुरक्षा भी है, जिससे समाज में उनका एकीकरण सुनिश्चित हो सके।

सहायक उपकरण खरीद/फिटिंग के लिए विकलांगों को सहायता योजना 
एडीआईपी योजना के तहत विकलांग व्यक्तियों को सहायक उपकरणों के वितरण के लिए विभिन्न कार्यान्वयन एजेंसियों को धनराशि जारी की जाती है, ताकि उनके शारीरिक, सामाजिक तथा मनोवैज्ञानिक पुनर्वास को बढ़ावा दिया जा सके तथा उनकी आर्थिक क्षमता को बढ़ाया जा सके। इस योजना के तहत पिछले 11 वर्षों के दौरान 31.16 लाख विकलांग व्यक्तियों को 2415.85 करोड़ रुपये की लागत से सहायक उपकरण तथा ऐड प्रदान किए गए हैं।

ट्रांसजेंडर के लिए योजनाएं
ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों की सुरक्षा और उनके कल्याण के लिए ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 लागू किया गया है, और इसके प्रावधान 10 जनवरी, 2020 को लागू हुए। मंत्रालय ने 12 फरवरी, 2022 को स्माईल- आजीविका और उद्यम के लिए हाशिए पर पड़े व्यक्तियों के लिए सहायता योजना भी शुरू की है, जिसमें उप योजना - ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कल्याण के लिए व्यापक पुनर्वास शामिल है। 21 अगस्त, 2020 को ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के संबंध में नीतियों, कार्यक्रमों, कानून और परियोजनाओं पर सरकार को सलाह देने के लिए राष्ट्रीय ट्रांसजेंडर व्यक्ति परिषद का गठन किया गया था। मंत्रालय ने 25 नवंबर, 2020 को ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय पोर्टल लॉन्च किया है।

अंतर को पाटना
एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों के लिए समावेशी विकास कल्याण को सामाजिक न्याय में शामिल किया जाना चाहिए। सरकार ने अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, ओबीसी और अल्पसंख्यकों पर ध्यान केंद्रित किया, जो लंबे समय से राष्ट्रीय प्रगति में पीछे रह गए थे।
 
वर्तमान केंद्रीय मंत्रियों में से 60% अल्पसंख्यक वर्ग से हैं
 2014 से चार गुना से अधिक एकलव्य आवासीय विद्यालयों को मंजूरी दी गई है (2013-14 में 123 से 2024-25 में 477 तक)। सरकारी छात्रवृत्ति प्राप्त करने वालों में से 58% एससी/एसटी/ओबीसी छात्र हैं। 

सांस्कृतिक और जनजातीय विरासत का सम्मान
योजनाओं और आँकड़ों से परे, सांस्कृतिक गौरव और ऐतिहासिक योगदान को मान्यता देना आवश्यक था। जनजातीय गौरव दिवस सम्मान और स्मरण की इसी भावना का प्रतीक है। हर साल 15 नवंबर को, जनजातीय गौरव दिवस इन समुदायों के खासकर भारत के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है । यह दिन आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती का प्रतीक है, जिनकी विरासत आज भी प्रेरणा देती है। 

योजनाओं और समावेशी विकास की 100% संतृप्ति प्राप्त करना
विकसित भारत संकल्प यात्रा: विकसित भारत संकल्प यात्रा देश भर में की जा रही एक सरकारी पहल है, जिसका उद्देश्य प्रमुख केंद्रीय योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना और उनके कार्यान्वयन पर नजर रखना है। यह यात्रा देश भर में 2.6 लाख ग्राम पंचायतों और 4,000 से अधिक शहरी स्थानीय निकायों तक पहुँच चुकी है और इसका उद्देश्य जन कल्याणकारी योजनाओं को 100% संतृप्ति तक ले जाने का लक्ष्य हासिल करना है।

आकांक्षी जिला कार्यक्रम (एडीपी)
आकांक्षी जिला कार्यक्रम (एडीपी) एक परिवर्तनकारी पहल है जिसका उद्देश्य भारत भर में 112 अपेक्षाकृत पिछड़े और दूरदराज के जिलों के विकास में तेजी लाना है। 2019 के अंत तक, कार्यक्रम की शुरूआत के सिर्फ़ एक साल में, 8 जिले टियर कश् से टियर क  श्रेणी में आ गए हैं। ये जिले बिहार, असम और छत्तीसगढ़ के हैं।

स्टार्ट अप इंडिया
भारत ने 31 दिसंबर, 2024 तक स्टार्टअप की मान्यता के लिए उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा जारी 1.57 लाख से अधिक प्रमाणपत्रों के साथ, दुनिया में तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप और यूनिकॉर्न इकोसिस्टम के रूप में खुद को मजबूती से स्थापित किया है। देश के उद्यमशीलता परिदृश्य को 118 यूनिकॉर्न द्वारा आगे बढ़ाया जा रहा है।

ई-श्रम पोर्टल
ई-श्रम पोर्टल असंगठित श्रमिकों का एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने लॉन्च किया गया था। ई-श्रम पोर्टल सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक पहुंच प्रदान करता है और असंगठित श्रमिकों को कौशल विकास और नौकरी के लिए मंच प्रदान करता है। 29 मई, 2025 तक ई-श्रम पोर्टल पर 30.86 करोड़ से ज्यादा असंगठित कामगार पंजीकृत हुए। इनमें से 53.75% पंजीकरण महिलाओं के हैं।

प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना
प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना (पीएमएसवाईएम) की शरुआत असंगठित कामगारों को 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर 3000 रुपए की सुनिश्चित मासिक पेंशन प्रदान करने के लिए की गई थी। यह एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है। 29 मई, 2025 तक, 51.35 लाख असंगठित क्षेत्र के श्रमिक इस योजना के लिए पंजीकृत हैं।

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