पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के महाप्रबंधक ने किया जोगीघोपा में रेल बुनियादी संरचना का निरीक्षण, पूर्वोत्तर भारत के लिए एक लॉजिस्टिक हब के रूप में करेगी कार्य
भविष्य में पांच लाइनों तक विस्तार करने की योजना
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पू. सी. रेलवे) के महाप्रबंधक चेतन कुमार श्रीवास्तव ने गति शक्ति मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल मास्टर प्लान के तहत विकसित किए जा रहे
गुवाहाटी। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पू. सी. रेलवे) के महाप्रबंधक चेतन कुमार श्रीवास्तव ने गति शक्ति मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल मास्टर प्लान के तहत विकसित किए जा रहे जोगीघोपा के मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स हब (एमएमएलएच) में चल रहे रेल बुनियादी संरचना के विकास कार्यों का निरीक्षण किया। यह परियोजना पू. सी. रेलवे के रंगिया मंडल के तहत है। अपने दौरे के दौरान उन्होंने ट्रैक बिछाने, यार्ड विकास और कनेक्टिविटी बढ़ाने सहित रेलवे निर्माण से संबंधित कार्यों की प्रगति का बारीकी से आकलन करते हुए यह सुनिश्चित किया कि टर्मिनल हब के शीघ्र पूरा होने के लिए सभी कार्य योजनाबद्ध कार्यक्रम के अनुरूप हो जोगीघोपा एमएमएलपी रणनीतिक रूप से एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा की परियोजना है, जो पूर्वोत्तर भारत के लिए एक लॉजिस्टिक हब के रूप में कार्य करेगी। इससे रेलवे और अंतर्देशीय जलमार्गों के माध्यम से कनेक्टिविटी बढ़ेगी। यह गेलेफू (भूटान) से 91 कि.मी., बांग्लादेश सीमा से 108 कि.मी. और गुवाहाटी से 147 कि.मी. दूर स्थित है, जो इसे बांग्लादेश, भूटान और नेपाल के साथ सीमा पार व्यापार के लिए एक प्रमुख प्रवेश द्वार बनाता है। यह टर्मिनल गोदामों, कोल्ड स्टोरेज, सीमा शुल्क क्लीयरेंस सुविधा और कई रेल साइडिंगों से सुसज्जित होगा, जिससे माल परिवहन को काफी बढ़ावा मिलेगा।
भविष्य में पांच लाइनों तक विस्तार करने की योजना
इस परियोजना के रेलवे घटकों में तीन रेल लाइनों का निर्माण शामिल है तथा भविष्य में पांच लाइनों तक विस्तार किए जाने की योजना है। पूर्ण परिचालन के बाद टर्मिनल से प्रति माह 25 आवक तथा 25 जावक रेकों की हैंडलिंग होने की उम्मीद है, जिससे ऑटो घटकों, उर्वरकों, खाद्यान्नों, इस्पात, कोयला, क्लिंकर, स्टोन चिप्स तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं के परिवहन में सुविधा होगी। हाल ही में उद्घाटन किए गए अंतरदेशीय जलमार्ग घटक ने पहले ही परिचालन शुरू कर दिया है, जिससे बांग्लादेश के लिए कार्गों की निर्बाध आवाजाही संभव हुई है।
औद्योगिक विकास को मिलेगा बढ़ावा
यह कार्य पूर्ण हो जाने पर टर्मिनल परियोजना के अपार आर्थिक और लॉजिस्टिक लाभ प्रदर्शित होंगे। इससे परिवहन लागत कम होगी, आपूर्ति श्रृंखला दक्षता में सुधार होगा और पूर्वोत्तर क्षेत्र एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। यह एमएमएलपी व्यापार को बढ़ावा देने, स्थानीय उद्योगों को सहयोग करने और पड़ोसी देशों के साथ व्यापारिक संबंधों में सुधार कर भारत की एक्ट ईस्ट नीति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। जोगीघोपा मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स हब का कार्य तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है, जिससे यह इस क्षेत्र में माल लॉजिस्टिक्स के लिए एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम साबित होगा। इससे आर्थिक विकास और कनेक्टिविटी के लिए रेलवे की बुनियादी संरचना को बढ़ाने के प्रति पू.सी. रेलवे की प्रतिबद्धता मजबूत होगी।
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