‘लूज फास्टैग’ पर अब होगी सख्त कार्रवाई, एनएचएआई ने तेज की ब्लैक लिस्ट करने की प्रक्रिया
टोल संग्रह एजेंसियों को तुरंत सूचना देने का निर्देश
एनएचएआई ने कहा है कि अब ऐसे फास्टैग की पहचान होने पर तत्काल काली सूची में डाला जाएगा, जिससे टोल संचालन में व्यवधान को रोका जा सके
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल संग्रह को सुचारू बनाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने ‘लूज फास्टैग’ यानी ढीले अथवा गलत तरीके से लगाए गए फास्टैग को लेकर ब्लैकलिस्टिंग प्रक्रिया को और सख्त करने का फैसला किया है। एनएचएआई ने कहा है कि अब ऐसे फास्टैग की पहचान होने पर तत्काल काली सूची में डाला जाएगा, जिससे टोल संचालन में व्यवधान को रोका जा सके।
एनएचएआई ने एक बयान में कहा कि मल्टी लेन फ्री फ्लो टोलिंग और वार्षिक पास प्रणाली जैसे आगामी सिस्टम को ध्यान में रखते हुए फास्टैग की प्रामाणिकता और विश्वसनीयता बनाए रखना जरूरी है, इसलिए लूज फास्टैग पर सख्ती आवश्यक है।
कौनसे होते हैं ‘लूज फास्टैग’
‘लूज फास्टैग’ उन फास्टैग को कहा जाता है, जो वाहन की विंडस्क्रीन पर ठीक से चिपकाए नहीं जाते, बल्कि ड्राइवर के हाथ में होते हैं या गाड़ी में किसी ऐसे स्थान पर रखे जाते हैं जहां से उन्हें आसानी से स्कैन नहीं किया जा सकता। इससे टोल प्लाजा पर स्कैनिंग में देरी, ट्रैफिक जाम और टोल लेन में अव्यवस्था जैसी समस्याएं पैदा होती हैं।
वाहन मालिकों से आग्रह
एनएचएआई ने सभी वाहन मालिकों से आग्रह किया है कि वे फास्टैग को निर्धारित स्थान पर ठीक से चिपकाएं, ताकि टोल संग्रह प्रणाली तेज, सटीक और परेशानी मुक्त बनी रह सके। बयान के मुताबिक, फास्टैग को ठीक से न लगाने से टोल प्लाजा पर परिचालन संबंधी चुनौतियां पैदा होती हैं और लेन में भीड़भाड़, झूठे चार्जबैक, इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह ढांचे में व्यवधान, टोल प्लाजा पर अनावश्यक देरी और अन्य राष्टÑीय राजमार्ग उपयोगकर्ताओं को असुविधा होती है।
टोल संग्रह एजेंसियों को तुरंत सूचना देने का निर्देश
एनएचएआई ने समय पर सुधारात्मक उपाय सुनिश्चित करने के लिए अलग से ईमेल आईडी मुहैया कराई है और टोल संग्रह एजेंसियों एवं उपयोगकर्ताओं को ऐसे फास्टैग की तुरंत सूचना देने का निर्देश दिया है। प्राधिकरण ने कहा कि इस बारे में मिली सूचनाओं के आधार पर संबंधित फास्टैग को तत्काल काली सूची में डालने की कार्रवाई की जाएगी।

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