चौतरफा मुनाफावसूली से शेयर बाजार में गिरावट, कमजोर अमेरिकी डॉलर के चलते अस्थिरता से बाजार में दबाव
प्रीमियम मूल्यांकन में आई नरमी
निवेश धारणा कमजोर पड़ने से स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा मुनाफावसूली से शेयर बाजार में भूचाल आ गया।
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नीतिगत निर्णय का इंतजार कर रहे निवेशकों की वैश्विक व्यापार तनाव और अमेरिका के बढ़ते राजकोषीय जोखिमों को लेकर चिंता के चलते निवेश धारणा कमजोर पड़ने से स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा मुनाफावसूली से शेयर बाजार में भूचाल आ गया। बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 636.24 अंक अर्थात 0.78 प्रतिशत का गोता लगाकर सात कारोबार सत्र के बाद 81 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 80,737.51 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 174.10 अंक यानी 0.70 प्रतिशत लुढ़ककर 24542.50 अंक रह गया। बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तरह मझौली और छोटी कंपनियों में भी बिकवाली हुई, जिससे मिडकैप 0.52 प्रतिशत टूटकर 45,159.96 अंक और स्मॉलकैप 0.07 प्रतिशत फिसलकर 52,563.44 अंक पर बंद हुआ। इस दौरान बीएसई में कुल 4144 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ, जिनमें से 2266 में गिरावट जबकि 1731 में तेजी रही वहीं 147 में कोई बदलाव नहीं हुआ। इसी तरह एनएसई में कारोबार के लिए रखी गई कुल 2999 कंपनियों के शेयरों में से 1696 में बिकवाली जबकि 1224 में लिवाली हुई वहीं 79 में टिकाव रहा।
कमजोर अमेरिकी डॉलर के चलते अस्थिरता से बाजार में दबाव :
विश्लेषकों के अनुसार, मिश्रित वैश्विक संकेतों, भू-राजनीतिक तनाव और कमजोर अमेरिकी डॉलर के चलते अस्थिरता भरे मुद्रा बाजार के बीच मंगलवार को घरेलू शेयर बाजार दबाव में रहा और नकारात्मक दायरे में बंद हुआ। बाजार पर व्यापक मुनाफावसूली का असर देखा गया। हालांकि रियल एस्टेट समूह को आरबीआई की संभावित ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों से समर्थन मिला, जिससे यह समूह अन्य क्षेत्रों की तुलना में मजबूत बना रहा।
प्रीमियम मूल्यांकन में आई नरमी :
इस दौरान, मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में अपेक्षाकृत सीमित समेकन देखने को मिला, जिसका मुख्य कारण बेहतर आय वृद्धि की संभावनाएं और प्रीमियम मूल्यांकन में आई नरमी है। इसके विपरीत, लार्ज कैप शेयरों में निवेशकों द्वारा अधिक मुनाफावसूली दर्ज की गई।
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