शतरंज : एक सप्ताह में राजस्थान की दूसरी बड़ी उपलब्धि, जयपुर की श्रेयांशी जैन बनीं अंडर-7 कैटेगरी की राष्ट्रीय चैंपियन
परिवार और माता-पिता को दिया श्रेय
राजधानी जयपुर की नन्ही शतरंज खिलाड़ी श्रेयांशी जैन ने एक बार फिर अपने प्रदर्शन से राज्य को गौरवान्वित किया है।
जयपुर। राजधानी जयपुर की नन्ही शतरंज खिलाड़ी श्रेयांशी जैन ने एक बार फिर अपने प्रदर्शन से राज्य को गौरवान्वित किया है। ओडिशा के खोरदा में आयोजित राष्ट्रीय अंडर-7 बालिका शतरंज प्रतियोगिता में श्रेयांशी ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। खास बात यह रही कि श्रेयांशी ने पूरी प्रतियोगिता में अजेय रही और उसने नौ चक्रों के मुकाबले में 9 अंकों के साथ शीर्ष स्थान के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। यह प्रदर्शन खेल में उनकी गहरी समझ, अद्वितीय रणनीति, मानसिक मजबूती और समर्पण का प्रमाण है। शतरंज के खेल में राजस्थान के लिए एक सप्ताह में ही यह दूसरी बड़ी उपलब्धि है। इसी सप्ताह जयपुर के यश भरड़िया 20 साल के लम्बे अन्तराल के बाद राजस्थान के पहले इंटरनेशनल मास्टर (आईएम) बने थे।
परिवार और माता-पिता को दिया श्रेय :
श्रेयांशी जैन अपनी इन उपलब्धियों का श्रेय अपने परिवार ओर माता-पिता को देती हैं। उनका कहना है कि शतरंज का खेल उन्होंने अफने नाना शिवनारायण अग्रवाल से सीखा और उसके बाद माता-पिता सुशीला जैन और शिमोना जैन ने उन्हें खेलों में प्रोत्साहित किया। कोच तरुण शर्मा ने उनके खेल को तकनीकी रूप से सुदृढ़ बनाया है।
शतरंज की बिसात का चमकता सितारा है श्रेयांशी :
राजस्थान शतरंज एसोसिएशन के महासचिव अशोक भार्गव ने इस उपलब्धि पर श्रेयांशी को बधाई देते हुए कहा कि वे शतरंज की बिसात पर चमकता सितारा हैं। भार्गव ने कहा कि नीरजा मोदी स्कूल की कक्षा 2 की छात्रा श्रेयांशी के प्रदर्शन से उम्मीद है कि वे भविष्य में इस खेल में देश और प्रदेश का नाम रोशन करेंगी।
Comment List