जयपुर में पहली बार नाडा की एंटी डोपिंग कार्यशाला, पांच सौ से ज्यादा खिलाड़ी और कोच आए, एक सैम्पल पर सरकार खर्च करती है 70 हजार रुपए
खिलाड़ी से पहले प्रशिक्षकों को जागरूक करने की जरूरत, तब ही होगा सुधार
नाडा के डोप कंट्रोल ऑफिसर विकास त्यागी ने कहा कि खेलों को डोप मुक्त तब ही किया जा सकता है, जब खिलाड़ियों के साथ प्रशिक्षकों को भी इसके दुष्परिणामों के प्रति जागरूक किया जाए।
जयपुर। नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) के डोप कंट्रोल ऑफिसर विकास त्यागी ने कहा कि खेलों को डोप मुक्त तब ही किया जा सकता है, जब खिलाड़ियों के साथ प्रशिक्षकों को भी इसके दुष्परिणामों के प्रति जागरूक किया जाए। आखिर एक खिलाड़ी का पहला गुरु उसका कोच ही होता है। शुरुआती स्तर पर ही डोपिंग जैसी बीमारी लगती है तो सीनियर स्तर पर तो खिलाड़ी खुद ही इस जाल में फंस जाता है। जयपुर में पहली बार आयोजित नाडा की कार्यशाला में 500 से अधिक खिलाड़ी व प्रशिक्षक उपस्थित थे। त्यागी ने नाडा की स्थापना (2009), इसकी कार्यप्रणाली, सैंपल संग्रहण प्रक्रिया, प्रतिबंधित दवाओं व सप्लीमेंट्स की सूची तथा डोप परीक्षण के दौरान खिलाड़ियों के अधिकार एवं कर्तव्यों पर विस्तार से जानकारी दी।
अपराध की श्रेणियां :
विकास त्यागी ने चेताया कि न सिर्फ प्रतिबंधित दवाओं का सेवन, बल्कि सैंपल से छेड़छाड़, पदार्थ की तस्करी, आपसी मिलीभगत, सैंपल देने से मना करना, धमकाना या दोषी खिलाड़ी के साथ पेशेवर संबंध रखना भी गंभीर अपराध हैं।विकास त्यागी ने चेताया कि न सिर्फ प्रतिबंधित दवाओं का सेवन, बल्कि सैंपल से छेड़छाड़, पदार्थ की तस्करी, आपसी मिलीभगत, सैंपल देने से मना करना, धमकाना या दोषी खिलाड़ी के साथ पेशेवर संबंध रखना भी गंभीर अपराध हैं।
नाडा की कार्यप्रणाली :
1) भारत में 2009 से सक्रिय नाडा, वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) की मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एजेंसी है।
2) सैंपल कलेक्शन नाडा करती है। इसके बाद जांच वाडा से मान्यता प्राप्त नेशनल डोप टेस्टिंग लैब में होती है।
3) परिणामों के आधार पर रिजल्ट मैनेजमेंट यूनिट दंड निर्धारित करती है। सैंपल लैब में 9 वर्ष तक सुरक्षित रहते हैं।
4) एक सैंपल की जांच में लगभग 70,000 का खर्च आता है। ए और बी सैंपल अलग-लग बोतलों में भेजे जाते हैं। बी सैंपल की जांच का शुल्क खिलाड़ी को स्वयं वहन करना होता है।
डोपिंग जांच की प्रक्रिया :
डोप कंट्रोल ऑफिसर ओ. पी. शर्मा ने बताया कि नाडा किसी भी खिलाड़ी का, कहीं भी, कभी भी और कितनी बार भी सैंपल ले सकती है। इसका चयन मिशन ऑर्डर के तहत होता है, जिसमें खिलाड़ी को पहले सूचना दी जाती है, फिर टेस्टिंग किट सौंपकर यूरिन एवं ब्लड सैंपल उसके सामने ही एकत्र किए जाते हैं।
परिषद अध्यक्ष ने किया उद्घाटन :
कार्यशाला का उद्घाटन राजस्थान खेल परिषद के अध्यक्ष डॉ. नीरज कुमार पवन ने किया। इस अवसर पर परिषद के सचिव राजेंद्र सिंह सिसोदिया, मुख्य खेल अधिकारी वीरेन्द्र पूनिया समेत अन्य अधिकारी और प्रशिक्षक उपस्थित रहे।

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