हॉकी इंडिया का हठ: खेल परिषद की चयनित टीम को शामिल करने से इंकार, मायूस होकर घर लौटीं खिलाड़ी
आरओए की भूमिका पर भी सवाल
टीम के चयन के बाद खिलाड़ियों को पंचकुला भेजने के लिए बस भी स्टेडियम बुला ली गई।
जयपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश और हॉकी राजस्थान बनाम राजस्थान हॉकी एसोसिएशन के बीच जारी विवाद के कारण राजस्थान खेल परिषद ने पंचकुला (हरियाणा) में शनिवार से शुरू हो रही सीनियर राष्ट्रीय महिला हॉकी प्रतियोगिता में अपनी चयनित टीम भेजने का निर्णय लिया था। लेकिन हॉकी इंडिया के महासचिव भोलानाथ सिंह के हठ के चलते यह टीम प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले सकी और खिलाड़ियों को मायूस होकर घर लौटना पड़ा। राजस्थान खेल परिषद ने हॉकी के दो गुटों के बीच विवाद को देखते हुए शुक्रवार को चयन ट्रायल आयोजित किया, जिसमें परिषद के हॉकी कोच प्रशांत सप्रे, पल्लवी और हर्षवर्धन सिंह ने करीब चार घंटे तक चली ट्रायल प्रक्रिया के बाद टीम का चयन किया। टीम के चयन के बाद खिलाड़ियों को पंचकुला भेजने के लिए बस भी स्टेडियम बुला ली गई, लेकिन ऐन मौके पर हॉकी इंडिया के महासचिव भोलानाथ सिंह के पत्र के चलते टीम की रवानगी रोक दी गई।
आरओए की भूमिका पर भी सवाल :
राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश और राजस्थान खेल परिषद के पत्र के बावजूद राजस्थान ओलंपिक संघ अब तक हॉकी राजस्थान और उसके अध्यक्ष अरुण सारस्वत की आरओए में मौजूदगी पर कोई फैसला नहीं कर रहा है। परिषद ने आरओए को पत्र लिखकर स्पष्टीकरण मांगा था कि न्यायालय के फैसले के बाद एक अपंजीकृत संस्था के अध्यक्ष अरुण सारस्वत को कैसे आरओए का कोषाध्यक्ष बना रखा है।
हॉकी इंडिया ने बताया कारण :
हॉकी इंडिया ने गुरुवार के राजस्थान खेल परिषद के पत्र के जवाब में कहा कि केवल हॉकी राजस्थान ही उनकी अधिकृत इकाई है, और उसकी टीम पहले ही पंचकुला पहुंच चुकी है। इस आधार पर, हॉकी इंडिया ने राजस्थान खेल परिषद की चयनित टीम को राष्ट्रीय प्रतियोगिता में शामिल करने से इनकार कर दिया।
हॉकी इंडिया के रुख पर परिषद ने जताया कड़ा विरोध :
राजस्थान खेल परिषद के अध्यक्ष नीरज कुमार पवन ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया और हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की से फोन पर बात की। उन्होंने टिर्की को बताया कि हॉकी राजस्थान, राजस्थान खेल अधिनियम 2005 के तहत गैर मान्यता प्राप्त संस्था है और राजस्थान उच्च न्यायालय ने भी इसे अवैध ठहराया है। पवन ने यह भी स्पष्ट किया कि हॉकी राजस्थान को प्रतियोगिता में शामिल करना न्यायालय की अवमानना होगी। इसके बावजूद हॉकी इंडिया अपने निर्णय पर अड़ा रहा और अंतत: चयनित खिलाड़ियों को घर लौटना पड़ा, जिससे उनकी राष्ट्रीय प्रतियोगिता में खेलने की उम्मीदें टूट गईं।
ओलंपिक संघ के दूसरे गुट ने पीटी उषा को लिखा पत्र :
राजस्थान ओलंपिक संघ (अनिल व्यास गुट) के अध्यक्ष अनिल व्यास ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा को पत्र लिखकर राजस्थान हाई कोर्ट के 12 फरवरी के आदेश का हवाला देते हुए उनसे अपने पूर्व के निर्णय पर पुनर्विचार की मांग की है। व्यास ने अपने पत्र में कहा है कि हाईकोर्ट ने हॉकी राजस्थान को अवैध और अपंजिकृत संस्था करार दिया है। जबकि आईओए अध्यक्ष द्वारा नियुक्त एकल सदस्यीय फैक्ट-फाइंडिंग कमिश्नर की रिपोर्ट के आधार पर हॉकी राजस्थान के अध्यक्ष अरुण सरस्वत को आरओए का कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उन्होंने कहा कि राजस्थान राज्य खेल परिषद ने 25 फरवरी को एक पत्र जारी कर स्पष्ट किया कि हॉकी राजस्थान एक अवैध संस्था है और परिषद से मान्यता प्राप्त नहीं है। उन्होंने पीटी उषा से अपने पूर्व निर्णय पर पुनर्विचार कर अनिल व्यास की अध्यक्षता वाले आरओए को पुना: बहाल करने की मांग की है।
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